
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/चंडीगढ़/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- हरियाणा सरकार ने हरियाणा में फंसे भारत के अन्य राज्यों के सभी खेतिहर मजदूरों व प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक जल्द से जल्द सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से पहुँचाने की योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। इस मौके पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि जैसे कि हर किसान का हर दाना राज्य सरकार ने खरीदने की पुख्ता व्यवस्था की है, वैसे ही हर प्रवासी मजदूर को उसके घर तक सुरक्षित रूप से पहुंचाने का पुख्ता इंतजाम किया जाएगा।

श्री खट्टर ने आज यहां 6 अलग-अलग श्रमिक यूनियनों के पदाधिकारियों और 5 अलग-अलग राजनीतिक दलों के श्रम प्रकोष्ठ के अध्यक्षों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस बैठक में की। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के सीमावर्ती राज्यों के खेतिहर मजदूरों को बसों के माध्यम से उनके घर भेजा जाएगा और बिहार, झारखंड तथा मध्य-प्रदेश के प्रवासी मजदूरों को राज्य के अलग-अलग स्टेशनों से विशेष श्रमिक रेलगाडियों के माध्यम से भेजा जाएगा। शेष राज्यों के प्रवासी मजदूरों की संख्या में अपेक्षाकृत कम है, इसलिए नई दिल्ली से विशेष ट्रेनों के माध्यम से उनकी वापसी सुनिश्चित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने यूनियनों से आग्रह करते हुए कहा कि वे मजदूरों तथा उनके परिवारों के लिए धैर्य संबंधी सरकार की प्रतिबद्धता के संदेश का प्रसार करें, अन्यथा, लौटने की उनकी उत्सुकता असामाजिक तत्वों द्वारा उनके शोषण का कारण बन सकती है। उन्होंने कहा कि कुछ और दिनों के लिए कुछ मजदूरों को हरियाणा में समय बिताना होगा, उन्हें सामाजिक दूरी का पालन करना होगा, उपयोगी कार्यों में शामिल होने का प्रयास या कुछ नए कौशल सीख सकते है सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि हरियाणा में कोरोना संकट के दौरान कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे। बैठक में यह भी सर्वसम्मति थी कि जहां तक संभव हो औद्योगिक मजदूरों को अपनी इकाइयों को फिर से खोलने में सहायता करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि विभिन्न श्रमिकों के प्रतिनिधियों के साथ संबंधित उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समितियों का गठन किया जाएगा, जिसमें उद्योगपतियों, विशेष रूप से छोटे और मध्यम उद्योगों, द्वारा श्रमिकों के लिए मार्च और अप्रैल के महीने के वेतन की प्रगति की समीक्षा की जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि सरकारी कर्मचारियों को दिए जा रहे 17 प्रतिशत डीए में कटौती की कोई योजना नहीं है। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि सरकारी क्षेत्रों में स्क्रीनिंग के काम में लगी हुई आशा वर्कर और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को पीपीई किट के वितरण को लेकर कोई भेदभाव नहीं होगा। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव श्री वी. उमाशंकर, श्रम विभाग के प्रधान सचिव श्री विनीत गर्ग और श्रम आयुक्त श्री पंकज अग्रवाल उपस्थित थे। बैठक में भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष वेद सैनी और महासचिव श्री हनुमान गोदारा, भारतीय राष्ट्रीय व्यापार संघ कांग्रेस के अध्यक्ष अमित यादव और महासचिव श्री धर्मबीर लोहान, अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस के अध्यक्ष बलदेव घनघश और महासचिव श्री बेचू गिरि, भारतीय व्यापार संघों के केंद्र के अध्यक्ष श्रीमती सुरेखा और महासचिव श्री जयभगवान, हिंद मजदूर सभा के अध्यक्ष श्री एसडी त्यागी और महासचिव श्री सुंदर लाल और ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर के अध्यक्ष श्री राजेंद्र सिंह और महासचिव हरि प्रकाश ने वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से भाग लिया। विभिन्न राजनीतिक दलों के श्रमिक प्रकोष्ठों की ओर से बैठक में भाग लेने वालों में अध्यक्ष भाजपा श्रम प्रकोष्ठ डीसी यादव, अध्यक्ष जेजेपी श्रम प्रकोष्ठ रामफल फौजी, अध्यक्ष कांग्रेस श्रम प्रकोष्ठ धर्मबीर लोहान, राज्य संयोजक इनेलो प्रकोष्ठ श्री बलवान सिंह फौजी और सीपीएम लेबर सेल की ओर से भवन निर्माण कामगार यूनियन, हरियाणा के अध्यक्ष देसराज शामिल हुए।
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