एमपी पुलिस मुख्यालय में बड़ी लापरवाही आई सामने

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

June 2023
M T W T F S S
 1234
567891011
12131415161718
19202122232425
2627282930  
June 9, 2023

हर ख़बर पर हमारी पकड़

एमपी पुलिस मुख्यालय में बड़ी लापरवाही आई सामने

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/मध्यप्रदेश/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय में आजकल सब कुछ ठीक नही चल रहा है। जिसको लेकर स्वयं एमपी के डीजीपी विवेक जौहरी ने एक चिट्ठी लिखकर मुख्यालय के 29 आईपीएस अधिकारियों की कार्यशैली को लेकर अपनी नाराजगी जताई है।
मध्यप्रदेश में पुलिस मुख्यालय में डीजीपी के पत्र से कार्यालय में खलबली मच गई है। दरअसल जिनके कंधों पर मध्यप्रदेश की सुरक्षा की जिम्मेदारी वही आईपीएस मुख्यालय में बैठकर काम के प्रति लापरवाही बरत रहे है। जिसे देखते हुए स्वयं डीजीपी ने अपनी नाराजगी जाहिर की है। डीजीपी विवेक जौहरी ने पत्र में इस बात का खुलासा करते हुए मुख्यालय के 29 आईपीएस अधिकारियों की कार्यशैली का जिक्र किया है। उन्होंने पाया है कि वर्किंग टाइम में अधिकारी अपने चैंबर से गायब रहते हैं। यहीं नहीं कई अधिकारी तो लंच के बाद ऑफिस आते ही नहीं हैं। विवेक जौहरी ने 6 जून को चिट्ठी लिख अधिकारियों से काम को महत्व देने को कहा है। साथ ही उन अधिकारियों से कहा है कि वह सुबह 10.30 से शाम 5.30 बजे तक ऑफिस में रहें। डीजीपी ने कहा है कि यह बहुत ही खेद का विषय है कि स्पेशल डीजी, एडीजी और आईजी स्तर के अधिकारी दफ्तर में नहीं होते हैं और न ही फोन रिसीव करते हैं। डीजीपी की चिट्ठी वायरल होने के बाद पुलिस मुख्यालय में तैनात आईपीएस अधिकारियों की निष्ठा पर सवाल उठ रहे हैं । सवाल यह है कि लाखों रुपये की वेतन पाने वाले आईपीएस अधिकारी कामचोरी कर रहे हैं। डीजीपी ने अपने पत्र में कई गंभीर सवाल उठाए हैं। कई आईपीएस, तो बिना ऑफिस आए ही वेतन ले रहे हैं, उनमें तमाम आईपीएस अफसरों की कामचोरी का जिक्र है, इन अफसरों में स्पेशल डीजी, एडीजी और आईजी रैंक तक के अफसर शामिल हैं।
यहां बता दें कि डीजीपी विवेक जौहरी ने भोपाल पुलिस मुख्यालय में तैनात 29 सीनियर आईपीएस अधिकारियों को लेकर यह सवाल उठाए हैं। डीजीपी विवेक जौहरी ने अपने आदेश में लिखा है कि पुलिस मुख्यालय में ड्यूटी करने का समय 10.30 से शाम 5.30 बजे तक है, लेकिन यह अत्यंत खेद का विषय है कि स्पेशल डीजी, एडीजी और आईजी रैंक के वरिष्ठ अधिकारी (जो मुख्यालय में अपनी शाखाओं के प्रभारी होते हैं) वे सभी निर्धारित समय में उपस्थित नहीं होते हैं, यह स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। 29 में 14 आईपीएस अधिकारी तो ऐसे हैं, जिन्हें लंच करने में 2 घंटे का वक्त लगता हैं। कुछ अधिकारी तो लंच के बाद ही ऑफिस छोड़कर चले जाते हैं। उसके बाद ऑफिस आते ही नहीं हैं। 3 ऐसे भी आईपीएस अधिकारी हैं, जो कभी ऑफिस आते ही नहीं हैं । बिना काम के ही ये सारे अधिकारी सैलरी के साथ-साथ सरकारी सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं। हालांकि डीजीपी ने अपनी चिट्ठी में ऐसे अधिकारियों के नाम का जिक्र नहीं किया है। लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई है कि ऐसे अधिकारी भविष्य में समय से ऑफिस में उपलब्ध होंगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि आपके अधिनस्थ कार्यरत लोगों पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ता है।
वहीं, डीजीपी की चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल है। वायरल चिट्ठी पर डीजीपी विवेक जौहरी ने मीडिया से बात करते हुआ कहा कि मुझे जो बात कहनी थी, वह मैंने पत्र में लिख दी है। मैं इस मामले में अलग से कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं। विवेक जौहरी की छवि अनुशासन प्रिय अधिकारी के रूप में जानी जाती हैं। एमपी के डीजीपी बनने से पहले वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे। बीएसएफ में बतौर डीजी कार्यरत थे। कांग्रेस सरकार ने जाने से पहले इनकी नियुक्ति की थी। काम को लेकर जौहरी हमेशा तत्पर रहते हैं।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox