
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/राज्यसभा/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- राज्यसभा में वैसे तो पूरा समय किसान व कृषि बिलों का ही मुद्दा छाया रहा। जहां विपक्ष तीनों बिलों को निरस्त करने पर अड़ा रहा वहीं कृषि मंत्री ने स्वयं उपस्थित होकर किसानों के हित की बात कही और कृषि बिलों में न केवल विपक्ष की राय मांगी बल्कि विपक्ष को इन बिलों में संसोधन करने का आश्वासन भी दिया। लेकिन इसके लिए विपक्ष पहले बताये बिलों में गलत क्या है। उन्होंने कहा कि किसान यूनियन यह नहीं बता पाई कि कानून में क्या कमी है। कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार कानून में संशोधन करने के लिए तैयार है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इसमें कोई कमी है। उन्होंने पंजाब सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य का कानून किसान विरोधी है।
वहीं केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा, मराठा, जाट, राजपूत और ठाकुर क्रमशः महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान और यूपी में आरक्षण चाहते हैं। क्षत्रिय समुदाय की एक बड़ी आबादी है। लेकिन उसमें सभी तो समृद्ध नही है इसके लिए जैसे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था, वैसे ही उन्हें भी आरक्षण दिया जाना चाहिए।
सदन की कार्यवाही की अपडेट्स
मैं प्रतिपक्ष का धन्यवाद करना चाहूंगा
किसान की आमदनी दोगुनी हो इसके लिए सरकार ने प्रधानमंत्री किसान योजना के माध्यम से 6,000 रुपये का योगदान दिया। आज हम ये कह सकते हैं कि दस करोड़ 75 लाख किसानों को 1,15,000 करोड़ रुपये डीबीटी से उनके अकाउंट में भेजने का काम किया है। मैं प्रतिपक्ष का धन्यवाद करना चाहूंगा कि उन्होंने किसान आंदोलन पर चिंता की और आंदोलन के लिए सरकार को जो कोसना आवश्यक था उसमें भी कंजूसी नहीं की और कानूनों को जोर देकर काले कानून कहा। मैं किसान यूनियन से 2 महीने तक पूछता रहा कि कानून में काला क्या है।
पंजाब सरकार का कानून किसान विरोधी
पंजाब सरकार का कानून किसान विरोधी है। पंजाब के कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग कानून में किसान को जेल भेजने का प्रावधान है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के प्रति प्रतिबद्ध हैं और रहेंगे। देश आगे बढ़े, किसान आगे बढ़े, देश का इकबाल दुनिया में बुलंद हो। इस आशय को लेकर मोदी सरकार काम कर रही है।
सरकार किसी भी संशोधन के लिए तैयार है
भारत सरकार किसी भी संशोधन के लिए तैयार है। संशोधन प्रस्ताव का मतलब यह नहीं है कि कानून में कोई कमी है। विपक्ष प्रावधान में एक भी कमी बताएं। किसान बताएं, किस प्रावधान में क्या कमी है। खेती पानी से होती है। कांग्रेस केवल खून से खेती करना चाहती है। एक राज्य के लोगों में गलतफहमी है।
विपक्ष बताए कानून में काला क्या है
विपक्ष बताए कानून में काला क्या है। देश में विपक्ष उल्टी गंगा बहाना चाह रहा है। किसान नेता ये नहीं बता पाए कि कानून में कमी क्या है। किसान को सम्मान देने की कोशिश की। हमने संवेदनशीलता दिखाई। हम खून से नहीं करते खेती। खून से खेती कांग्रेस करती है। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिग के एक्ट में बताएं कि कहां लिखा है किसानों की जमीन चली जाएगी।
हमने मनरेगा के लिए लगातार फंड बढ़ाया
15वें वित्त आयोग ने ग्राम पंचायतों को 2.36 लाख करोड़ रुपये प्रदान करने की सिफारिश की है, जिसे मंत्रिमंडल ने स्वीकार कर लिया है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा के लिए लगभग 43,000 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। 5 लाख में ग्राम पंचायतों के माध्यम से 2.8 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। हमने मनरेगा के लिए लगातार फंड बढ़ाया। जब देश में कोविड-19 आया, तो हमने मनरेगा के लिए आवंटन 61,000 करोड़ रुपये की निधि को बढ़ाकर 1.115 लाख करोड़ रुपये कर दिया। 10 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान किया गया। सरकार की योजनाओं ने गांवों में रहने वाले लोगों के जीवन में बदलाव किया।
हमारे लिए किसानों का हित सबसे ऊपर
हमने कांग्रेस के गड्ढे भरे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोशिश ग्रामीण लोगों के जीवन स्तर में बदलाव लाने की रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना को नया स्वरूप दिया गया, उज्ज्वला योजना से सबको रसोई गैस उपलब्ध कराई गई। सौभाग्य योजना से बिजली उपलब्ध कराई गई। सबको शौचालय दिया गया। हमारे लिए किसानों का हित सबसे ऊपर है।
हमने मनरेगा में पैसा बढ़ाया
ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने पर जोर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार गांव, गरीब और किसान के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और आने वाले कल में भी रहेगी। हमने मनरेगा में पैसा बढ़ाया, उसे परिमार्जित किया। मनरेगा को बहुउपयोगी बनाया। कोविड काल में इसके लिए 61 हजार करोड़ रुपये दिए। गांवों में शहरों जैसा मुआवजा दिया गया। ग्राम पंचायतों को मजबूत किया।
सरकार गांव, गरीब और किसानों के विकास लिए प्रतिबद्ध
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान हमारे देश की सबसे बड़ी ताकत हैं। सरकार गांव, गरीब और किसानों के विकास लिए प्रतिबद्ध है। कोरोना से अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है। महामारी से निपटने के लिए कई बड़े फैसले लिए गए। लॉकडाउन ने देश को अनुशासन में रहना सिखाया। गांव का विकास करने के लिए गांव में पैसा पहुंचना चाहिए।
संसद में बयान दे रहे हैं कृषि मंत्री
संसद में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किसान आंदोलन पर बयान दे रहे हैं।
तुरंत तय की जानी चाहिए कानूनों की वैधता
कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने कहा कि यह चिंता का विषय है कि सुप्रीम कोर्ट लंबे समय तक संवैधानिक मामले को लंबित रखता है। जब संवैधानिक मामले तत्काल सुनवाई और निर्णय की मांग करते हैं, तो न्यायपालिका द्वारा देरी संघर्ष, तनाव और अविश्वास पैदा करती है। मैं इस सदन से अपील करता हूं कि कानूनों की संवैधानिकता चाहे वह सीएए हो या कृषि कानूनों को तुरंत तय किया जाना चाहिए। संसद को इस पर ध्यान देना चाहिए।
संसद पहुंचे कृषि मंत्री
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर संसद भवन पहुंच गए हैं।
किसानों को अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा
राज्यसभा में कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने कहा, किसानों को अपने अधिकारों के लिए लड़ने और न्याय पाने के लिए मजबूर होना पड़ा। जो स्थिति पैदा हुई है, उसके लिए भारत सरकार जिम्मेदार है। मैं विरोध के दौरान मारे गए 194 किसानों को श्रद्धांजलि देना चाहता हूं। हम 26 जनवरी की हिंसा के दौरान घायल हुए पुलिस कर्मियों और अधिकारियों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हैं। किसी को भी उन पर हमला करने का अधिकार नहीं है जो अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं। लाल किले की घटना ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है और इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र में एक मत हो, एक विचार हो ये ना संभव है ना स्वीकार्य है।
सांसदों को राष्ट्रपति के अभिभाषण के प्रस्ताव पर संशोधन की सूचना दी गई
दिग्विजय सिंह, केके रागेश, टी शिवा, एम शनमुगम, के सी वेणुगोपाल, वी विजयसाई रेड्डी, दीपेंद्र हुड्डा, विशंभर प्रसाद यादव, छाया वर्मा और एलाराम करीम द्वारा राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के प्रस्ताव पर संशोधन की सूचना दी गई।
कुछ देर में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर देंगे बयान
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर कुछ देर में सरकार की ओर से बोलेंगे। कृषि सुधार कानून और आंदोलन पर विस्तार से सरकार का पक्ष और आगे के रोडमैप पर बता सकते हैं। सरकार ने कानून को डेढ़ साल स्थगित रखने का प्रस्ताव दिया था
अपने हक के लिए लड़ने वाला किसान खालिस्तानी हो गया
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि सरकार आंदोलन की एकजुटता तोड़ने में क्यों लगी है। जब किसान मुगलों से लड़े, अंग्रेजों से लड़े और कोरोना काल में लंगर बांट रहा था तो देशप्रेमी था। अब जब अपने हक की लड़ रहा है तो खालिस्तानी हो गया।
किसानों पर कानून थोपना गलत
बसपा सांसद ने कहा कि किसानों पर कानून थोपना गलत है। कृषि कानूनों में कई खामियां हैं। आप एमएसपी को कानून में क्यों नहीं डालते। कानूनों को थोपना ठीक नहीं है। तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए। 26 जनवरी की घटना निंदनीय है। तिरंगे का अपमान करने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए। देश में लगातार बेरोजगारी बढ़ रही है।
तीनों कानूनों को किया जाए निरस्त
बहुजन समाज पार्टी के सांसद सतीश मिश्रा ने राज्यसभा में कहा, श्किसानों के आंदोलन को दबाने के लिए आपने (सरकार) कंटीली तारें लगाई हैं। आपने यह उनके लिए नहीं, बल्कि खुद के लिए किया है। आपने उनके पानी और बिजली की आपूर्ति और यहां तक कि शौचालयों को हटा दिया, यह सोचे बिना कि वहां महिलाएं भी हैं। यह मानवाधिकार का उल्लंघन है। विरोध स्थलों के पास कीलें लगाई गई हैं। मुझे लगता है कि सरकार ने पाकिस्तान की सीमा पर इस तरह की तैयारी नहीं की होगी जैसा कि वह दिल्ली की सीमाओं पर कर रही है। अन्नादतों को राष्ट्र का शत्रु कहा जा रहा है। मैं आपसे अहंकार को दूर करने और तीन कानूनों को निरस्त करने का आग्रह करता हूं।
भाजपा ने अपने सांसदों को जारी किया व्हिप
भाजपा ने अपने राज्यसभा सांसदों को सरकार के स्टैंड का समर्थन करने के लिए 8 फरवरी से 12 फरवरी तक सदन में मौजूद रहने के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है।
राज्यसभा की कार्यवाही शुरू
राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हो गई है।
भाजपा सांसद ने दिया नोटिस
भाजपा सांसद महेश पोद्दार ने राज्यसभा में देश में कोविड-19 स्थिति के कुशल संचालनश् को लेकर छोटी अवधि की चर्चा का नोटिस दिया है।
विपक्षी सांसदों ने स्पीकर को लिखा पत्र
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को 10 विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने गुरुवार को पत्र लिखकर कहा कि गाजीपुर बॉर्डर पर हालात भारत-पाकिस्तान सीमा जैसे हैं और किसानों की स्थिति जेल के कैदियों जैसी है। शिरोमणि अकाली दल, द्रमुक, एनसीपी और तृणमूल कांग्रेस समेत इन पार्टियों के 15 सांसद को गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों से मिलने गए थे पर वह किसानों से नहीं मिल सके।
8 फरवरी को पीएम मोदी धन्यवाद प्रस्ताव का देंगे जवाब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार आठ फरवरी को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दे सकते हैं।
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