सीएपीएफ के दिव्यांग जवानों और शहीदों के आश्रितों को सैन्य कर्मियों की तर्ज पर केरल सरकार देगी पक्की नौकरी

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

December 2023
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
25262728293031
December 6, 2023

हर ख़बर पर हमारी पकड़

सीएपीएफ के दिव्यांग जवानों और शहीदों के आश्रितों को सैन्य कर्मियों की तर्ज पर केरल सरकार देगी पक्की नौकरी

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के दिव्यांग जवानों या किसी ऑपरेशन में शहीद हुए कर्मियों के आश्रितों को केरल सरकार सैन्य कर्मियों की तर्ज पर सरकारी नौकरी देगी। अभी तक केरल में डिफेंस पर्सनल और बीआरओ की जनरल रिजर्व इंजीनियरिंग फोर्स (ग्रीफ) के लिए ही सरकारी नौकरी दिए जाने का प्रावधान रखा गया था। केरल सरकार के आदेशों के अनुसार, अब सीएपीएफ के तहत बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एनएसजी, एसएसबी और असम राइफल को भी सरकारी नौकरी वाली योजना का हिस्सा बनाया गया है।
दिव्यांग या शहीदों के परिजनों को जिला सैनिक कल्याण अधिकारी के पास नौकरी का आवेदन देना होगा। दस्तावेजों की सूची में मेडिकल प्रमाण पत्र के अलावा संबंधित फोर्स के डीजी का सहमति पत्र और वह डॉक्यूमेंट भी अटैच करना होगा, जिसमें उसके दिव्यांग होने का कारण लिखा रहेगा। यानी इसमें ऑपरेशन जैसे घात, एनकाउंटर व गन बैटल आदि की जानकारी से संबंधित कागजात लगाए जाएंगे। इस योजना को सात जून 2019 से लागू माना जाएगा। इस तिथि को या उसके बाद जो भी दिव्यांग या शहीद का आश्रित सभी औपचारिकताएं पूरी कर नौकरी का आवेदन देगा, उसे सरकारी नौकरी दे दी जाएगी।
केरल सरकार के आदेशों के अनुसार, राज्य में अभी तक डिफेंस और जीआरइएफ वालों को ही सरकारी नौकरी मिलती थी। इसमें बीएसएफ को भी शामिल किया गया था, लेकिन उसके लिए सैन्य ड्यूटी जैसी कई शर्तें लागू की गई थीं। योजना में यह प्रावधान किया गया था कि सेना या जीआरइएफ का कोई भी कर्मी यदि सैन्यू ड्यूटी के दौरान मारा जाता है, दिव्यांग हो जाता है या वह लापता होता है तो उस स्थिति में सरकारी मदद की जाती है।
अब वे सभी प्रावधान सीएपीएफ के लिए भी लागू कर दिए गए हैं। संबंधित कर्मी को अपने दिव्यांग होने या शहीद के आश्रितों को बल के डीजी द्वारा हस्ताक्षरित डिक्लेयर प्रमाण पत्र अपने आवेदन के साथ लगाना होगा। अन्य औपचारिकताओं में कर्मी का 50 फीसदी से अधिक दिव्यांग वाली स्थिति का मेडिकल प्रमाण पत्र देना जरूरी होगा। साथ ही दस्तावेजों में मेडिकल बोर्ड का वह प्रमाण पत्र, जिसमें उसे सिविल जॉब के लिए अयोग्य दिखाया गया हो, शामिल रहेगा। अगर जॉब के लिए दिव्यांग ने आवेदन दिया है, तो उसे स्वयं मेडिकल बोर्ड के सामने उपस्थित होना पड़ेगा। दिव्यांग पेंशन के दस्तावेज भी जमा कराने होंगे।
केरल सरकार द्वारा यह नौकरी, उन्हें दी जाएगी, जिनके पास केरल का जन्म प्रमाण पत्र और डोमिसाइल प्रमाण पत्र होगा। नौकरी के लिए योग्यताएं वही रहेंगी, जो सेना के कर्मियों के लिए तय की गई हैं। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी के पास आवेदन देना होगा। वहां से आवेदन को निदेशक के पास भेजा जाएगा। निदेशक उसे सरकार के पास भेजेगा। अन्य दस्तावेजों में पीपीओ, आयु व शैक्षणिक योग्यता वाले प्रमाण पत्र, ऑपरेशन केजुअल्टी प्रमाण पत्र, आवेदक के स्थानीय निवासी होने का तहसीलदार से जारी प्रमाण पत्र और यदि आश्रित किसी अन्य को नौकरी दिलाना चाहता है तो उसके लिए सहमति पत्र देना होगा।
सरकारी नौकरी केवल एक ही व्यक्ति को मिलेगी। नौकरी मिलने के बाद अगर किसी आवेदक को उसकी पसंद का जिला नहीं मिलता है तो यह प्रयास किया जाएगा कि जल्द से जल्द उसका तबादला संबंधित जिले में कर दिया जाए। आवेदन के साथ अटैच दस्तावेजों में कोई गलती मिली तो नियुक्ति रद्द कर दी जाएगी।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox