पंचकोश पर आधारित है मानव जीवन -आचार्य चंद्रशेखर शर्मा

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पंचकोश पर आधारित है मानव जीवन -आचार्य चंद्रशेखर शर्मा

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में मानव जीवन मे पंचकोश पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन गूगल मीट पर किया गया। यह परिषद का कोरोना काल में 124 वां वेबिनार था।
वैदिक विद्वान आचार्य चंद्रशेखर शर्मा ने कहा कि योग की धारणा के अनुसार मानव जीवन का अस्तित्व पाँच भागों में बंटा है जिन्हें पंचकोश कहते हैं।विभिन्न कोशों में चेतन,अवचेतन तथा अचेतन मन की अनुभूति होती है। प्रत्येक कोश का एक दूसरे से घनिष्ठ सम्बन्ध होता है।वे एक दूसरे को प्रभावित करती है और होती हैं।अन्नमय कोश – अन्न तथा भोजन से निर्मित।शरीर अन्नरसमय कहलाता हैं।इसीलिए वैदिक ऋषियों ने अन्न को ब्रह्म कहा है।प्राणमय कोश – प्राणों से बना।स्वास लेने से हमारे अन्नमय कोश से जो स्पंदन बाहर की तरफ जाता है उससे हमारे चारों तरफ तरंगों का क्रम बन जाता है, यही हमारा प्राणमय कोश होता है।मनोमय कोश – मन से बना। हम जो देखते,सुनते हैं अर्थात हमारी इन्द्रियों द्वारा जब कोई सन्देश हमारे मस्तिष्क में जाता है तो उसके अनुसार वहाँ सूचना एकत्रित हो जाती है,और मस्तिष्क से हमारी भावनाओं के अनुसार रसायनों का श्राव होता है जिससे हमारे विचार बनते हैं। विज्ञानमय कोश – अन्तर्ज्ञान या सहज ज्ञान से बना।आनंदमय कोश – आनन्दानुभूति से बना।इस प्रकार योग व उपनिषदों के माध्यम से हम पंचकोशों के बारे में जान सकते हैं।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने गुरु तेगबहादुर जी के बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने अपने रक्त से इतिहास लिखा है।सदियों तक उनका बलिदान समाज का मार्ग प्रशस्त करता रहेगा।उन्होंने हिन्दू जाति की रक्षा की मुस्लिम हमलावरों का बहादुरी से मुकाबला किया उनके ऋण से हिन्दू जाति कभी उऋण नहीं हो सकती।आज उनके बलिदान दिवस पर हमें हिन्दू समाज को संगठित करने व आतातायियों का मुकाबला करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम अध्यक्ष आर्य नेता सतीश आर्य ने कहा कि निरंतर अनेकों वेबिनरों के माध्यम से परिषद ने लोगों का ज्ञानवर्धन किया है और साथ हीं अनेकों गायक कलाकारों,विद्वानों, डॉक्टरों,योगाचार्यों,आयुर्वेदाचार्यों के माध्यम से ज्ञान की वर्षा की इसके लिए सभी बधाई के पात्र हैं। प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बोस की पुण्यतिथि पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उन्हें याद किया। प्रधान शिक्षक सौरभ गुप्ता ने कार्यक्रम का कुशल संचालन करते हुए सभी का आभार व्यक्त किया और साथ ही इस कार्यक्रम में अधिक से अधिक जुड़ने के लिए प्रेरित किया। गायक रविन्द्र गुप्ता, रजनी गोयल, प्रतिभा सपरा, राजश्री यादव, संध्या पांडेय, दीप्ति सपरा आदि ने मधुर गीतों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। मुख्य रुप से आचार्य महेन्द्र भाई, डॉ गजराज आर्य,संतोष शास्त्री, प्रेमलता सरीन,दर्शना मेहता, अनिल सेठी,उर्मिला आर्या, आनन्द सूरी,विजेन्द्र गर्ग,देवेन्द्र गुप्ता आदि उपस्थित थे।

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