नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- 7 दिसंबर सेना झंडा दिवस के अवसर पर तिरंगे की आन बान और शान की खातिर अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले भारतीय सेना के शहीद परिवारों की मदद करने के लिए इस बार केंद्र सरकार के 47 लाख केंद्रीय कर्मचारीयों द्वारा 200 रू की सम्मान स्वरूप दान राशि मदद के तौर पर देंगे। लेकिन अर्ध सेना के शहीदों के परिवारों के साथ आज भी मदद को लेकर भेदभाव हो रहा है। जिसकारण अर्ध सैनिकों में काफी रोष है।
कॉनफैडरेसन आफ एक्स पैरा मिलिट्री वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव रणबीर सिंह ने इस कदम का स्वागत किया लेकिन जो आए दिन अर्धसैनिक बलों के जवान शहीद हो रहे हैं क्या उनकी शहादत किसी से कमतर है। क्या केंद्रीय सुरक्षा बलों जिनको पैरा मिलिट्री के नाम से पुकारते हैं जो कि देश की लम्बी सरहदों के वास्तविक चैकीदार हैं क्या ये अर्धसैनिक बिना झंड़े की फोर्स है। देशवासियों के सामने एक गंभीर सवाल कि आजादी के बाद आज तक 34 हजार जवान राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया उनके परिजनों की मदद कैसे होगी। आज अर्धसैनिक बलों की तैनाती देशों की सड़क से संसद से सरहदों तक है। चाहे बाढ़ भूकंप या अन्य प्राकृतिक विपदाएं, देश में कहीं भी चुनावों में अदा की गई निष्पक्ष भूमिका, काश्मीर आंतकवाद या नक्सलवाद या फिर महत्वपूर्ण सरकारी संस्थानों या वीआईपी सुरक्षा इन बलों की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता।
रणबीर सिंह ने कहा कि सरकार सेना के शहीद परिवारों की मदद के सवाल पर डीओपीटी द्वारा सभी केंद्रीय कर्मचारियों से 200 रूपए प्रति कर्मचारी दान देने के लिए आदेश निकालता है जबकि अर्धसैनिक बलों के शहीद परिवारों की मदद करने के लिए इस तरह का फरमान सरकार ने जारी नहीं किया। इससे बड़ा दुर्भाग्य देश के लिए ओर क्या हो सकता है। दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि सैनिक कल्याण बोर्ड की तर्ज पर अर्धसैनिक कल्याण बोर्ड के गठन को लेकर पिछले एनडीए कार्यकाल में तब के ग्रह मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी, ग्रह राज्य मंत्री श्री किरण रिजिजू से पांच बार मुलाकातें व इस बार श्री अमित शाह व श्री नित्यानंद राय जी से अनेक बार मुलाकातें हुईं लेकिन नतीजा जीरो रहा। केंद्रीय सरकार की शहादत के प्रति भेदभाव रवैए के खिलाफ 20 लाख पैरामिलिट्री फोर्स के परिवार घोर विरोध करते हैं साथ ही मांग करते हैं सुरक्षा बलों के शहीद परिवारों के मदद वास्ते अर्धसैनिक झंडा दिवस 19 मार्च का दिन निश्चित करें । ये वही ऐतिहासिक तारीख जब देश के पहले ग्रह मंत्री सरदार पटेल ने सीआरपीएफ को झंडा प्रदान किया था।
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