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    सरकार ने आयुर्वेदिक डाॅक्टरों के सर्जरी करने के मामले में तोड़ा भ्रम

    - आयुष मंत्री श्रीपद नाईक बोले- कोई ‘मिक्सोपैथी’ नहीं, आयुर्वेदिक डॉक्टर भी सर्जरी के लिए अच्छी तरह प्रशिक्षित

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/पणजी/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- पिछले कई दिनों से आयुर्वेदिक डॉक्टरों के सर्जरी करने के मामले में चल रही बहस पर विराम लगाते हुए आयुष मंत्री श्रीपदनाईक ने कहा कि आयुर्वेदिक डाॅक्टर भी सर्जरी करने के लिए पूरी तरह से प्रशिक्षित हैं। उन्होने भ्रत तोड़ते हुए कहा कि मिक्सोपैथी जैसी कोई अवधारणा नहीं है। नाईक ने बुधवार को गोवा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल से छुट्टी मिलने से कुछ देर पहले ही इस संबंध में अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आयुर्वेदिक डॉक्टरों को कुछ तरह की सर्जरी और अन्य कुछ कार्य की अनुमति देने का फैसला एलोपैथिक डॉक्टरों की मदद करने पर केंद्रित है।
    आयुष मंत्री एक दुर्घटना के बाद इस अस्पताल में उपचार करा रहे थे। उल्लेखनीय है कि आयुर्वेदिक डॉक्टरों को कुछ तरह के ऑपरेशन करने की अनुमति देने के केंद्र के फैसले का एलोपैथिक डॉक्टरों का एक तबका विरोध कर रहा है और वह इसे ‘मिक्सोपैथी’ करार दे रहा है। केंद्र के फैसले का इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा विरोध किए जाने से संबंधित एक सवाल के जवाब में आयुष मंत्री ने कहा कि ‘मिक्सोपैथी’ जैसा कोई शब्द नहीं है। उन्होंने कहा कि हम एलोपैथी प्रैक्टिस की मदद के लिए एक भारतीय औषधि प्रणाली ला रहे हैं। यह कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है क्योंकि दोनों पद्धतियां एक-दूसरे की पूरक बनेंगी।
    नाईक ने कहा कि आयुर्वेदिक डॉक्टर भी एलोपैथिक डॉक्टरों की तरह ही शिक्षित हैं और यहां तक कि कि उन्हें सर्जरी करने का भी प्रशिक्षण प्राप्त है। उन्होंने कहा कि अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद आयुर्वेदिक डॉक्टर एक साल की इंटर्नशिप करते हैं। वे प्रशिक्षित सर्जन हैं। नाईक ने कहा कि भारतीय औषधि प्रणाली देश के लोगों को सदियों से लाभ पहुंचाती रही है और इसकी विधि में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

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