नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में 7 नवम्बर 1966 के गौरक्षक बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु ऑनलाइन गोष्ठी का गूगल मीट पर आयोजन किया गया। उल्लेखनीय है कि 7 नवम्बर 1966 को संसद भवन पर स्वामी करपात्री जी, आर्य नेता रामगोपाल शालवाले, प्रो रामसिंह, शंकराचार्य निरंजन देव तीर्थ के नेतृत्व में गौ रक्षा हेतु आंदोलन किया गया था जिसमें हजारों लोग गोलियों से भून दिये गए थे उन गौ भक्तों की स्मृति में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। परिषद का कॅरोना काल मे 116 वां वेबिनार था।
गौ रक्षा एवं गौ-संवर्द्धन आज देश की धार्मिक, सामजिक, आर्थिक,व्यवहारिक अनिवार्य आवश्यकता हैद्य गौ सनातन संस्कृति का स्तम्भ हैं और आज इनकी स्थिति दयनीय हो गई हैद्य सब सुखों को देने वाली हमारी गौ माता की हत्या कर दी जाती है। गौ पालन, गौ सेवा मानवीय सद्गुणों के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। सिर्फ हिन्दू धर्म ही नहीं बल्कि सभी धर्मों में गौ की महत्ता और गौ रक्षा की बात कही गई है।गौ माता को राष्ट्रीय पशु का दर्जा दिया जाए ऐसे प्रयास करने की आवश्यकता है और गौ शालाओ को प्रतिदिन, प्रतिमाह सहायता करें जिससे उनका लालन पालन अच्छा हो सके ।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि 7 नवम्बर 1966 को विभिन्न सम्प्रदाय के साधु-संन्यासियों ने पूरे भारत में गौ माता की हत्या पर प्रतिबन्ध लगाने का कानून बनाने की मांग को लेकर एक विशाल आन्दोलन किया था। 7 नवम्बर 1966 को संसद पर हुये ऐतिहासिक प्रदर्शन में देश भर के लाखों लोगों ने भाग लिया। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार ने निहत्थे हिंदुओं पर गोलियाँ चलवा दी थी जिसमें अनेक गौ भक्तों का बलिदान हुआ था।उन सभी बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने केन्द्र सरकार से मांग की सम्पूर्ण भारत में कानून बनाकर गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाया जाए । उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जिस प्रकार श्री राम मंदिर, धारा 370 सी ए ए जैसे निर्णय हुए हैं अब यह शुभ कार्य भी राष्ट्र वादी सरकार मोदी जी के करकमलों से ही होना है। प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि एक काम हम सभी कर सकते है कि प्लास्टिक की थैलियों को इधर उधर न फेंके क्योंकि गौ वंश ये सब निगल लेते हैं और बीमार हो जाते हैं। प्रधान शिक्षक सौरभ गुप्ता ने कहा कि गौ संवर्द्धन साहित्य का प्रचार प्रसार किया जाए, विद्यालयों में इस विषय को नैतिक शिक्षा से जोड़ा जाए जिससे वर्तमान पीढ़ी तथा आने वाली पीढी में गाय के प्रति प्रेम,महत्व तथा सम्मान की भावना को जागृत किया जा सके। आर्य नेता ओम सपरा, आनन्द प्रकाश आर्य, विमलेश बंसल ने भी इस अवसर पर अपने विचार प्रस्तुत किये। कार्यक्रम की अध्यक्षता सोमनाथ पुरी ने की। गायिका बिन्दु मदान, संध्या पाण्डेय, विचित्रा वीर, प्रतिभा सपरा, जनकअरोड़ा, चंद्रकांता आर्या, रजनी गोयल, उषा आहूजा, प्रतिभा कटारिया, सुषमा बुद्धिराजा, अनिता रेलन आदि ने कविता व गीतों के माध्यम से गौमाता का गुणगान किया। मुख्य रूप से डॉ आर के आर्य, सत्यभूषण आर्य, देवेन्द्र गुप्ता, राजश्री यादव, प्रकाशवीर शास्त्री, सुरेश आर्य, यज्ञवीर चैहान, सुरेन्द्र शास्त्री आदि उपस्थित थे।
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