दिल्ली अध्यापक परिषद उत्तर पश्चिम-अ ने किया कर्तव्य बोध दिवस का आयोजन

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

January 2025
M T W T F S S
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
January 14, 2025

हर ख़बर पर हमारी पकड़

दिल्ली अध्यापक परिषद उत्तर पश्चिम-अ ने किया कर्तव्य बोध दिवस का आयोजन

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के आह्वान पर दिल्ली अध्यापक परिषद उत्तर पश्चिम-अ द्वारा रविवार को कर्तव्य बोध दिवस का ऑनलाइन आयोजन किया गया जो कि फेसबुक पर भी लाइव प्रसारित किया गया था जिसमें हजारों शिक्षकों ने भाग लिया। शिक्षकों को उनके कर्तव्यों के प्रति सजग करने के लिए परिषद द्वारा प्रतिवर्ष इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
कार्यक्रम की शुरुआत श्री विजय सिंह जी द्वारा संगीतमय गीत ष्निर्माणों के पावन युग में हम चरित्र निर्माण न भूलें के साथ की गई। जिले के अध्यक्ष श्रीमान विक्रम डाबला जी द्वारा दीप प्रज्ज्वलित किया गया इस अवसर पर सुश्री सुहासिनी जी ने सरस्वती वन्दना प्रस्तुत कर माँ के चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित किए। जिले के संगठन मंत्री श्री प्रबोध कुमार सिंह जी द्वारा कार्यक्रम में आए हुए सभी अतिथियों का परिचय कराकर उनका स्वागत किया गया। संगठन का संक्षिप्त परिचय जिले के कार्यकरिणी सदस्य श्रीमान अनिल कुमार गुप्ता जी द्वारा किया गया। संगठन के परिचय के पश्चात जिला कार्यकारिणी सदस्य श्री बजरंगबली मिश्र जी द्वारा सभी को संकल्प पत्र पढ़वाया गया।
मुख्य वक्ता के रूप में दिल्ली अध्यापक परिषद के अध्यक्ष श्रीमान वेदप्रकाश जी ने अपने उद्बोधन की शुरुआत अभी हाल ही में गाजियाबाद में छत गिरने के घटनाक्रम से की जिसमें कई मासूम लोगों की जान चली गई, उन्होंने सभी का ध्यान इस ओर आकृष्ट करना चाहा कि यदि इमारत के निर्माण कार्य में लगे हुए सभी लोगों ने अपने-अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी ईमानदारी के साथ किया होता तब यह दर्दनाक घटना न घटित होती। इसी प्रकार आए दिन पुल टूटने के, चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे नैतिक पतन एवं ऐसे ही विभिन्न क्षेत्रों एवं व्यवसायों में आ रही नैतिक गिरावट पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्य वक्ता द्वारा उसके संभावित समाधान पर विचार व्यक्त किया गया। इन सभी का समाधान शिक्षा एवं शिक्षकों द्वारा ही संभव है। शिक्षक राष्ट्र का निर्माता कहा जाता है उसे शिक्षण कार्य करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह भारत के भविष्य का निर्माण कर रहा है। सभी बच्चों को बिना किसी भेदभाव के शिक्षा प्रदान करना, नैतिक मूल्यों से युक्त शिक्षा प्रदान करना शिक्षक का धेय्य होना चाहिए। समय पर विद्यालय पहुँचना, लोकतांत्रिक वातावरण में शिक्षा प्रदान करना एवं शिक्षा में नवाचार का प्रयोग भी करना चाहिए। मुख्य वक्ता महोदय ने हमें पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर अब्दुल कलाम जी के जीवन से शिक्षा लेने की प्रेरणा भी दी कि किस प्रकार उन्होंने जीवन में आने वाली सभी प्रकार की समस्याओं से बिना विचलित हुए संघर्ष किया एवं सार्थक जीवन जीते हुए विश्व में हमारे देश का नाम ऊँचा कर सामान्य जनमानस के हृदय में अपना स्थान बनाया। उन्होंने सभी महापुरुषों के जीवन से सीख लेने को प्रेरित करते हुए शिक्षा के वास्तविक अर्थों पर प्रकाश डालते हुए उसके वास्तविक हेतु पर सभी का ध्यान आकृष्ट किया और कहा कि शिक्षक की भूमिका कुम्हार की तरह है जिस प्रकार वह कच्ची मिट्टी को आकार देकर उसे भिन्न-भिन्न रूप दे देता है ठीक उसी प्रकार विद्यार्थियों के जीवन को दिशा देने का कार्य शिक्षक करता है। इसी दायित्व बोध के साथ हम सभी को कार्य करना चाहिए। विशिष्ट अतिथि के रूप श्री सूबेदार यादव जी (प्रधानाचार्य, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक बाल विद्यालय, बी.एएच ब्लॉक, शालीमार बाग) ने दिल्ली अध्यापक परिषद द्वारा आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों की सराहना की एवं आज के समय में ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन की आवश्यकता पर बल देते हुए सभी शिक्षकों का मार्गदर्शन किया। शिक्षक को समाज में आदर्श स्थान प्राप्त है इसलिए हमें इसका महत्व समझते हुए ईमानदारी पूर्वक शिक्षण कार्य करना चाहिए।
मुख्य अतिथि के रूप में डॉ मोहम्मद जावेद कमर जी (उप-शिक्षा निदेशक, डिस्ट्रिक्ट नार्थ वेस्ट-ए) ने कहा कि शिक्षण कार्य दैवीय कार्य है। माता-पिता तो बच्चों को जन्म देते है परन्तु सच्चे अर्थों में उसके जीवन को आकार देने का कार्य शिक्षक ही करता है। वह शिक्षक ही है जो विद्यार्थियों को उचित-अनुचित का बोध कराता है, उसके व्याहारिक सामाजिक जीवन में आने वाली चुनौतियों से मुकाबला करने के लिए उसे तैयार करता है। दिल्ली अध्यापक परिषद द्वारा किए जा रहे इस तरह के कार्यक्रम की सराहना की और उन्हें मुख्य अतिथि बनाने के लिए धन्यवाद भी दिया। सफल जीवन एवं सार्थक जीवन में भेद करते हुए सार्थक जीवन जीने पर जोर दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही जिले की महिला-उपाध्यक्ष श्रीमती महिन्द्र कौर जी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में अपने अनुभवों को सभी के साथ साझा किया एवं नारी शक्ति का आह्वान किया कि उन्हें ऐसे कार्यक्रमों में बढ़कर भाग लेना चाहिए एवं समाज को दिशा प्रदान करना चाहिए। महिलाएं आज जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं, यह सभी के लिए गर्व का विषय है। परिषद जैसे संगठन महिलाओं को नेतृत्व करने का एक अच्छा मंच प्रदान कर रहे है तो सभी को इसका लाभ लेना चाहिए। जिले के अध्यक्ष श्रीमान विक्रम डाबला जी ने कार्यक्रम में उपस्थिति सभी लोगों को धन्यवाद ज्ञापित किया। आप ने शिक्षा के क्षेत्र में परिषद द्वारा किए जा रहे विभिन्न प्रयासों की चर्चा की एवं इसमे सभी से सहयोग करने का निवेदन भी किया। अंत में सबके लिए मंगल कामना करते हुए कल्याण मंत्र के साथ कार्यक्रम का औपचारिक समापन किया गया। कार्यक्रम का संचालन जिले के मंत्री श्री धर्मेन्द्र मणि त्रिपाठी जी द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में दिल्ली अध्यापक परिषद के संरक्षक श्रीमान जय भगवान गोयल जी, महामंत्री श्रीमान राजेन्द्र गोयल जी, प्रान्त कार्यकारिणी के सदस्य श्रीमान सूर्यदेव राणा जी, राजकीय निकाय के अध्यक्ष श्रीमान अजय कुमार सिंह जी, मंत्री ज्ञानेंद्र मावी जी एवं संगठन मंत्री श्रीमान बृजराज पारीक जी सहित कई अन्य वरिष्ठ कार्यकर्ताओं का सानिध्य प्राप्त हुआ।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox