केएलएफ के निशाने पर दिल्ली, पुलिस की सतर्कता ने टाली बड़ी वारदात

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February 8, 2025

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केएलएफ के निशाने पर दिल्ली, पुलिस की सतर्कता ने टाली बड़ी वारदात

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- दिल्ली में कोरोना महामारी के चलते लाॅकडाउन से अनलाॅक हुई दिल्ली में एकदम से अपराधों का ग्राफ भी तेजी से बढ़ने लगा है। हालांकि पुलिस कोरोना वारियर्स के साथ-साथ दिल्ली की सुरक्षा को लेकर भी पूरी सतर्क दिख रही है। जिसकारण अपराधी वारदातों से पहले ही पुलिस की गिरफ्त में फंस रहे है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट (केएलएफ) के तीन कथित आतंकियों को गिरफ्तार कर एक बड़ी वारदात को टाल दिया है। पुलिस की शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि आरोपी दिल्ली में आतंकी वारदात की साजिश रच रहे थे। इनके निशाने पर दिल्ली व उत्तर भारत के नेता सहित कई बड़ी हस्तियां थीं।
पुलिस उपायुक्त संजीव यादव ने बताया कि गिरफ्तार आतंकियों की पहचान दिल्ली के निलोठी एक्सटेंशन, चंदर विहार निवासी मोहिंदर पाल सिंह, पंजाब के मनसा निवासी गुरतेज सिंह और हरियाणा के कैथल निवासी लवप्रीत के रूप में हुई है। इनके कब्जे से पुलिस ने तीन पिस्टल और सात कारतूस बरामद किए हैं। सभी आतंकी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में थे। इन पर कई लोगों से जबरन वसूली करने का आरोप है।
पुलिस उपायुक्त के मुताबिक स्पेशल सेल को सूचना मिली थी कि मोहिंदर पाल सिंह उत्तर भारत में आतंकी घटना को अंजाम देने की साजिश रच रहा है। सूचना के आधार पर स्पेशल सेल की एक टीम आरोपी की निगरानी कर रही थी। 15 जून को हस्तसाल के पास मोहिंदर को गिरफ्तार कर लिया गया। उसने खुद को जम्मू-कश्मीर के बारामूला स्थित दीवानबाग का रहने वाला बताया। उसकी निशानदेही पर अन्य दो आतंकियों को कैथल और मनसा से गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि वे आईएसआई के एक शख्स अब्दुल्ला के संपर्क में थे, जिसने उन्हें पाकिस्तान में आतंकी प्रशिक्षण देने के लिए नए युवाओं की भर्ती करने के निर्देश दिए थे। पुलिस अधिकारियों के अनुसार गुरतेज ने लवप्रीत और कुछ अन्य लोगों को पाकिस्तान में आतंकी प्रशिक्षण के लिए राजी कर लिया था। लेकिन लॉकडाउन के कारण नहीं जा सके। आरोपियों ने बताया कि वे खालिस्तान आंदोलन के कट्टर समर्थक हैं। इन लोगों ने कुछ नेताओं, जेल में बंद एक धर्मगुरु के अनुयायी और कुछ वीआईपी की पहचान कर ली थी, जिनपर हमला करना था।

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