नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- दिल्ली में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए दिल्ली देश में तीसरे नंबर पर पंहुच गया है। अब दिल्ली से सिर्फ महाराष्ट्र व केरल ही आगे है। साथ ही यह भी संभावना जताई जा रही है कि अगले एक सप्ताह में दिल्ली केरल से भी आगे निकल जायेगी जिससे राजधानी में लोगों के लिए दुस्वारियां बढ़ जायेगी। हालांकि दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल स्वयं बिमार थे लेकिन उनको कोरोना नही मिला जिसकारण सभी ने राहत की सांस ली है।
दिल्ली में कोरोना के लगातार बढ़ते केसो ने दिल्ली सरकार को चिंता में डाल दिया है और सरकार लगातार स्थिति पर नजर बनाये हुए है। दिल्ली में आज तक 29,943 कोरोना के मामले सामने आ चुके है जबकि महाराष्ट्र 88,528 व केरल में 33,229 है। संभावना यह भी जताई जा रही है कि अगले एक सप्ताह में दिल्ली केरल को पीछे छोड़ देगा और महीने के अंत तक महाराष्ट्र से भी आगे निकल जायेगा। हालांकि मुख्यमंत्री के दिल्ली में सिर्फ दिल्ली वालो के ईलाज को लेकर चली राजनीति पर विराम लगाते हुए केजरीवाल ने कहा कि यह लड़ने या राजनीति करने का समय नही है दिल्ली संकट में है जिसके लिए वह राज्यपाल के आदेश का पालन करेंगे और आगे क्या करना है इस पर पूरी तरह से ध्यान देंगे।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज दो दिन की बीमारी से ठीक होकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बताया कि वह अब बिल्कुल ठीक हैं और सभी को उनकी दुआओं के लिए धन्यवाद दिया। इस दौरान उन्होंने दिल्ली को कोरोना से लड़ने के लिए आगे कैसे तैयार करना है इसके बारे में बताया।
यहां बता दें कि कल राज्य आपदा प्रबंधन की बैठक हुई और इसमें राज्य सरकार ने जो आंकड़े दिखाए वो बताते हैं कि दिल्ली में कोरोना बहुत तेजी से फैलेगा। 15 जून तक 44 हजार केस हो जाएंगे, 30 जून तक एक लाख केस हो जाएंगे, 15 जुलाई तक 2.25 लाख केस होंगे और 31 जुलाई तक 5 लाख 32 हजार केस हो जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि इसे देखते हुए हमें 15 जून तक 6681 बेड की जरूरत होगी, 30 जून तक 15000 बेड और 31 जुलाई तक 80 हजार बेड की जरूरत होगी।
यह चुनौती बहुत बड़ी है। हमें खुद को और अपनों को कोरोना से बचाना है। इस लड़ाई को जन आंदोलन बनाना है। हमें मास्क पहनना है, बार-बार हाथ धोने हैं। हाथ सैनिटाइज करना है। अब हमें खुद ही नहीं बल्कि दूसरों से भी नियमों का पालन करवाना है। उसे टोकना है और कोरोना के खतरे के बारे में बताना है। क्योंकि अगर कोई नियमों का पालन नहीं कर रहा तो उसकी वजह से यह बीमारी दूसरों को फैल सकती है। हमें इसे ऑड-ईवन की तरह जन आंदोलन बनाना है। जैसे ऑड-ईवन में कोई नियम पालन नहीं करता था तो गाड़ी का शीशा नीचे कर उसे कहते थे कि भाई साहब घर चले जाओ। ऐसे ही इसको भी जन आंदोलन बनाना है।
उन्होने कहा कि दिल्ली की कैबिनेट ने निर्णय लिया था कि दिल्ली में सिर्फ दिल्लीवालों का इलाज होगा, लेकिन उसे एलजी ने पलट दिया। कुछ लोगों ने एलजी साहब के इस फैसले की आलोचना की। मेरा कहना है कि एलजी साहब ने आदेश पारित कर दिया है तो उसका पालन होगा। अब जो एलजी साहब ने आदेश दे दिया है उसका अक्षरशः पालन होगा। इसमें कोई वाद-विवाद नहीं करना है। मैं सबको यह बात कहना चाहता हूं कि इसका पालन होगा। केजरीवाल ने आगे कहा कि यह चुनौती जरूर है, लेकिन हम इसका मुकाबला करेंगे। जैसा मैंने कहा 15 जुलाई को दिल्ली में 33000 बेड की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि बात अगर सामान्य वक्त की करें जब कोरोना नहीं था तब दिल्ली के अस्पतालों में 50 प्रतिशत मरीज दिल्ली के बाहर से आते थे। अगर वो अभी माना जाए तो दिल्ली के बाहर से आने वालों के लिए उतने ही बेड चाहिए होंगे जितने दिल्लीवालों के लिए। यानी 15 जुलाई तक लगभग 65000 बेड की जरूरत दिल्ली में होगी। इसी तरह 31 जुलाई तक डेढ़ लाख बेड की जरूरत होगी।
केजरीवाल आगे बोले, बहुत बड़ी चुनौती है आसान नहीं है, लेकिन ये हमारी जिम्मेदारी है, सेवा का काम है। मैं खुद निकलूंगा कल-परसों से, जमीन पर उतरूंगा, खुद जाकर स्टेडियम, बैंक्वेट हॉल्स और होटल्स आदि को तैयार करवाऊंगा। जितना ज्यादा से ज्यादा हो सकेगा हम कोशिश करेंगे। हम इमानदार कोशिश करेंगे। केजरीवाल ने आगे कहा कि मैं पड़ोसी राज्यों से भी अपील करता हूं कि वह अपने-अपने राज्यों में कोरोना से लड़ने के लिए हर मुमकिन कोशिश करें और सभी चीजों का इंतजाम रखें। वो कर भी रहे होंगे।
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