
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- स्स में एससीओं सम्मेलन के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बैठक में अपने चीनी समकक्ष जनरल वेई फेंगी को स्पष्ट संदेश दिया कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का कड़ाई से सम्मान करे और यथास्थिति को बदलने की एकतरफा कोशिश न करे। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत अपनी संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
दोनों मंत्री शंघाई कोऑरपोरेशन ऑर्गेनाइजेशन (एससीओ) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए मॉस्को पहुंचे हैं। बैठक को लेकर रक्षा मंत्री के कार्यालय द्वारा शनिवार को जानकारी दी गई। कार्यालय ने बताया कि दोनों मंत्रियों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के साथ-साथ भारत-चीन संबंधों के विकास के बारे में स्पष्ट और गहन चर्चा की। बातचीत के दौरान रक्षा मंत्री ने कहा कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा यथास्थिति को बदलने का प्रयास करना द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन है।

कार्यालय ने कहा, ’रक्षा मंत्री ने पिछले कुछ महीनों से भारत-चीन सीमा क्षेत्र के पश्चिमी क्षेत्र में गलवां घाटी सहित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हुए घटनाक्रम को लेकर भारत की स्थिति को स्पष्ट रूप से व्यक्त किया। मंत्री ने जोर देकर कहा कि चीनी सैनिकों की कार्रवाई, जिसमें बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात करना, उनका आक्रामक व्यवहार और एकतरफा रूप से यथास्थिति को बदलने का प्रयास द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन है।’ बैठक में रक्षा मंत्री ने साफतौर पर कहा कि भारतीय सैनिकों ने हमेशा सीमा प्रबंधन के प्रति बहुत ही जिम्मेदार रुख अपनाया है। लेकिन ठीक इसी समय, भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के हमारे संकल्प को लेकर किसी भी तरह का कोई संदेह नहीं होना चाहिए।
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शनिवार को रूस से ईरान की राजधानी तेहरान रवाना हो गए हैं। वहां वह अपने ईरानी समकक्ष ब्रिगेडियर जनरल अमीर हातमी के साथ बैठक करेंगे। इससे पहले राजनाथ सिंह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की महत्वपूर्ण बैठक में शामिल होने के लिए रूस के तीन दिवसीय दौरे पर थे।
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