नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/-देश में शनिवार को दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के शुरू होने के साथ इस पर सियासत भी गरमा गई है। कांग्रेस ने टीकाकरण अभियान के शुरू होने पर वैक्सीन पर फिर से सवाल उठाए। कांग्रेसी नेता मनीष तिवारी ने कहा कि अगर वैक्सीन भरोसेमंद है, तो फिर मोदी सरकार से जुड़े लोग और मंत्री क्यों नहीं लगवा रहे हैं? वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना के खिलाफ वैक्सीन संजीवनी का काम करेगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें। वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों पर पर भरोसा रखें। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कोविड-19 के खिलाफ विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत की। ज्ञात हो कि पहले चरण के लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में इसके लिए कुल 3006 टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं। पहले दिन तीन लाख से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों को कोविड-19 के टीके की खुराक दी जाएगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने टीकों के इस्तेमाल की मंजूरी की प्रकिया पर फिर सवाल खड़े किए। उन्होंने ट्वीट किया, टीकाकरण आरंभ हो गया है और यह अजोबो-गरीब है कि भारत के पास आपात उपयोग को अधिकृत करने का कोई नीतिगत ढांचा नहीं है। फिर भी दो टीकों के आपात स्थिति में नियंत्रित उपयोग की अनुमति दी गई। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोवैक्सीन की अलग ही कहानी है। इसे उचित प्रक्रिया के बिना अनुमति दी गई। मनीष तिवारी ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी दावा कर रहे हैं कि कोविड वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावकारी है, तो फिर वे बताएं कि सबसे पहले मोदी सरकार के किसी मंत्री को वैक्सीन क्यों नहीं लगाई गई? मनीष तिवारी ने कहा कि दुनिया के हर देश, जहां टीकाकरण अभियान शुरू हो चुका है, वहां नेताओं ने टीका लगवाया। अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने भी वैक्सीन लगवाई। ब्रिटेन में रानी एलिजाबेथ द्वितीय और प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी वैक्सीन लगवाई। ऐसा इसलिए ताकि वे अपने लोगों में वैक्सीन के प्रति भरोसा जगा सके। फिर हमारे यहां क्यों सरकार ऐसा नहीं कर रही? कांग्रेस नेता ने कहा कि कई बड़े डॉक्टरों ने कोवैक्सीन की सुरक्षा और एफिकेसी पर सवाल उठाया है्। वह ये भी बोले कि सरकार लोगों से कह रही है कि वो ये नहीं चुन सकते कि उन्हें कौन सी वैक्सीन लगेगी। यह लोगों की सहमति लेने के पूरे सिद्धांत के खिलाफ है। मनीष तिवारी ने आगे कहा कि अगर वैक्सीन इतनी ही विश्वसनीय और उसकी एफिकेसी किसी प्रश्न से परे है तो क्यों कोई सरकारी फंक्शनरी दूसरे देशों की तरह खुद को वैक्सीन नहीं लगवा रहे?
स्वास्थ्य मंत्री बोले- यह हमारी संजीवनीअखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में हर्षवर्धन ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक दिन है। हर्षवर्धन ने कोविड-19 टीकों को इस संक्रामक रोग के खिलाफ लड़ाई में शनिवार को ‘संजीवनी’ करार दिया। भारत ने पहले पोलियो और चेचक के खिलाफ जंग जीती है और अब भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कोविड-19 के खिलाफ जंग जीतने के निर्णायक दौर में पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि हम पिछले एक साल कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। हमने समय से पहले अलर्ट होकर और सक्रिय रणनीति के साथ कोरोना पर काबू पाने की कोशिश की है। दुनिया में सबसे कम मृत्यु दर हमारे देश में ही है। उन्होंने कहा कि महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई में ये टीके ‘संजीवनी’ हैं। स्वास्थ्य मंत्री हषवर्धन ने लोगों से सुनी-सुनाई बातों पर ध्यान नहीं देने और विशेषज्ञों एवं वैज्ञानिकों पर भरोसा करने की अपील की। हर्षवर्धन ने कहा कि इस दिन मैं अग्रिम मोर्चे पर तैनात सभी कर्मियों का आभार व्यक्त करता हूं। ऐसे समय जब अफवाहें फैलाई जा रही हैं, तो मैं उम्मीद करता हूं कि मीडिया सही जानकारी प्रसारित करेगा और यह कदम इस रोग के खिलाफ लड़ाई में मददगार होगा।
-स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोना वैक्सीन को बताया संजीवनी, अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की
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