भाकियू दिल्ली ने एसडीएम नजफगढ़ को सौंपा मांगों का ज्ञापन

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भाकियू दिल्ली ने एसडीएम नजफगढ़ को सौंपा मांगों का ज्ञापन

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- पिछले एक सप्ताह से लगातार ढांसा बार्डर पर किसान आंदोलन का मोर्चा संभाले हुए भारतीय किसान यूनियन दिल्ली प्रदेश के नेताओं ने आज एसडीएम नजफगढ़ को किसानों की मांगों का ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर भाकियू के अध्यक्ष विरेन्द्र डागर ने केंद्र द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों को असंवैधानिक बताते हुए किसानों की तरफ से सरकार को किसानों की 5 मांगों का ज्ञापन सौंपा। उन्होने कहा कि किसान वार्ता के लिए तैयार लेकिन जब तक ये काले कानून सरकार खत्म नही करेगी तब तक नही होगा धरना खत्म। आज पूरा दिन किसानों ने मिलकर अनशन में भी भाग लिया।
सोमवार को ढांसा बार्डर पर भारतीय किसान यूनियन के तत्वाधान में लगातार सातवें दिन भी किसानों का धरना-प्रदर्शन जारी रहा। इस अवसर पर भाकियू के अध्यक्ष विरेन्द्र डागर के नेतृत्व में किसान यूनियन के पदाधिकारियों व काफी संख्या में बादली, झज्जर फरूखनगर व बेरी से आये किसानों ने एसडीएम नजफगढ़ विनय कौशिक को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर भाकियू अध्यक्ष विरेन्द्र डागर ने बताया कि किसान एक स्वर में तीनों कृषि कानूनों को असंवैधानिक करार देता है और सरकार से इन्हे रद्द करने की मांग करता है। उन्होने कहा कि सरकार द्वारा पारित कृषक उपज और व्यापार कानून कहीं भी किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की कोई गांरटी नही देता। दूसरा कानून कृषि एवं कृषि सेवा करार विधेयक, उद्योगपतियों द्वारा किसानों की जमीन को हड़पने के लिए पूरी तरह समर्थन देने वाला कानून है। वहीं तीसरा कानून आवश्यक वस्तु संसोधन कानून पूरे देश के खाद्यान्नों की आपूर्ति कुछ एक काॅरपोरेट घरानों की झोली में डालने वाला कानून है। उन्होने कहा कि उपरोक्त तीनों कानूनों को किसान नही चाहता। अगर सरकार वास्तव में ही किसानों का भला चाहती है तो वो किसान को ये पांच आश्वासन दे तभी किसान यहां से हटेगा।
-उपरोक्त तीनों कृषि कानूनों को रद्द किया जाएं
-देश के किसानों को सभी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य कानून का संरक्षण दिया जाये
-स्वामीनाथन रिपोर्ट के अनुसार किसानों की फसल का उच्चतम दाम किसान को दिया जाए
-देशभर के किसानों का सम्पूर्ण कर्ज माफ किया जाये
-किसानों पर आंदोलन के दौरान दाखिल सभी झूठे मुकदमों को रद्द किया जाएं
श्री डागर ने कहा कि देश का किसान सरकार से बार-बार यही आग्रह कर रहा है कि इस गंभीर विषय पर सरकार उचित कार्यवाही करते हुए किसानों के हित में कानून पर कार्य करे एवं किसान वर्ग के साथ बैठकर अंतिम रूपरेखा तैयार की जाए। किसान ने हमेशा बातचीत का रास्ता अपनाया है और किसान अभी भी वार्ता के लिए तैयार है। इस अवसर पर महासचिव विनय सिंह डागर, राज सिंह डागर, किसान नेता सुखबीर डागर, औमप्रकाश यादव के साथ-साथ गुलिया खाप के प्रधान विनोद गुलिया, धनखड़ खाप के युद्धबीर धनखड़, अहलावत खाप के जयसिंह अहलावत व कादयान खाप के बिल्लु पहलवान ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ पूरा दिन अनशन पर बैठे रहे।

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