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  • प्रोपर्टी डीलर हत्याकांड में नंदु गैंग का शार्प शूटर किया एएटीएस ने गिरफ्तार

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    प्रोपर्टी डीलर हत्याकांड में नंदु गैंग का शार्प शूटर किया एएटीएस ने गिरफ्तार

    -नजफगढ़ थाने के पास मारी गई थी प्रोपर्टी डीलर को बदमाशों ने गोलियां, हत्या के बाद से फरार थे आरोपी -पुलिस ने आरोपी से एक आधुनिक पिस्टल व 3 जिंदा कारतूस किये बरामद, आरोपी से पूछताछ जारी

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- 8 मार्च को नजफगढ़ थाने के सामने वाली गली में नीलवाल निवासी सुशील की कुछ बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद से तीनों अज्ञात आरोपी फरार हो गये थे। लेकिन इस सनसनी खेज मामले में एएटीएस टीम द्वारका ने तेजी से कार्यावाही करते हुए एक बदमाश मनोज राठी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। आरोपी नंदु गैंग का शार्प शूटर बताया जा रहा है। पुलिस ने आरोपी से एक अत्याधुनिक पिस्टल व 3 जिंदा कारतूस बरामद किये हैं। इस मामले अभी भी अमित गुलिया व अंकुश उर्फ भालू फरार बताये जा हैं। पुलिस दोनो आरोपियों की सरगर्मी से तलाश कर रही है।
    इस संबंध में जानकारी देते हुए द्वारका डीसीपी संतोष कुमार मीणा ने बताया कि पैसे की कमी में अमित गुलिया और भालू द्वारका मोड़ पर शनि बाजार साप्ताहिक बाजार के छोटे दूकानदारों से हफ्ता वसूली कर रहे थे जिसका सुशील ने विरोध किया था और इनको वहां से भगा दिया था। दोनो ने इसे अपनी बेज्जती समझा और सुशील को सबक सिखाने की योजना बनाई। यहां बता दें कि अमित गुलिया व अंकुश उर्फ भालू जयपुर के पास एक होटल चलाते थे जहां अकसर नंदु आकर रूकता था। जिसके चलते उनकी उससे पहचान हो गई और दोनो उसके गैंग में शामिल हो गये। नंदू के जाने के बाद होटल में काफी घाटा हो गया और वो कई बार अरेस्ट भी हुए जिसके बाद उन्होने होटल बंद कर दिया। लेकिन पैसे की तंगी फिर भी बनी रही तब उन्होने द्वारका में हफ्ता वसूली शुरू कर दी। लेकिन इसमें भी कुछ अड़चने आगे आ गई तो सुशील के रास्ते से हटाने के लिए हथियार का प्रबंध करना शुरू किया और इसके लिए वो बिहार भी गये। इसी बीच उनकी पहचान बहादुरगढ़ निवासी मनोज राठी से हो गई। जिसको उन्होने सुशील की हत्या करने की बात कही। हथियार के लिए वह बिहार भी गये लेकिन पैसे कम होने की वजह से वो हथियार नही खरीद पाये। इसके बाद उन्हे धमेंन्द्र राणा का फोन आया जो उन्हे हथियार देने वाला था। राणा ने उन्हे अपनी डीटेल व फोटो भेजी और उन्हे सुरखपुर रोड़ पर 7 मार्च को बुलाया। जहां धमेंन्द्र राणा ने दो पिस्टल व कुछ कारतूस उन्हे एक अज्ञात शख्स के द्वारा दिलवाये। इसके बाद मनोज राठी को हथियार पंहुचाये गये और अमित गुलिया, मनोज राठी व अंकुश उर्फ भालू ने दिल्ली गेट से सुशील की गाड़ी का पीछा किया और नजफगढ़ थाने के सामने जूस काॅर्नर के बाहर जब सुशील गाड़ी से उतरकर सैलून जा रहा था तो उस पर हमला कर दिया। इस हमले में सुशील को तीन गोली लगी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। हालांकि पुलिस उसे लेकर नजदीक के विकास अस्पताल में ईलाज के लिए लेकर गई थी लेकिन डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
    डीसीपी ने बताया कि नजफगढ़ पुलिस ने मौके पर पंहुच कर अज्ञात हमलावरों के खिलाफ 302/34 का मामला दर्ज कर जांच आरंभ की। इसके बाद मामले की जांच एएटीएस द्वारका को सौप दी गई। जिसमें एसीपी विजय सिंह यादव के निर्देशन में एएटीएस इंचार्ज रामकिशन, के नेत्त्व में एसआई कमलेश कुमार, विकास यादव, एएसआई करतार सिंह, रणधीर सिंह, हवलदार जगत सिंह, जितेन्द्र सिंह, सिपाही परविन्द्र, मनीष और सोने की टीम को आरोपियों को पकड़ने की जिम्मेदारी सौंपी गई। टीम ने क्षेत्र के सभी सीसीटीवी की फुटेज इक्टठा की और पाया की दो बाईक सवारों ने इस हतर््याकांड को अंजाम दिया है। इसके बाद टीम ने अपने खबरियों व मृतक के परिजनों से भी मामले के बारे में पूछताछ की। लेकिन कोई सुराग नही मिला। 11 मार्च को जब टीम झाड़ौदा गंदे नाले पर जांच कर रही थी तो हवलदार अमित कुमार को एक गुप्त सूचना मिली कि एक नंदू गैंग का सदस्य अवैध हथियार के साथ क्षेत्र में घूम रहा है। तुरंत टीम ने सर्विलांस के माध्यम से उस जगह पर रेड मारी और गंदा नाला से मनोज राठी पुत्र दलबीर निवासी जटवाड़ा बहादुरगढ़ को पकड़ लिया। तलाशी के दौरान आरोपी से एक पिस्टल व 3 जिंदा कारतूस बरामद हुए। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने व अमित गुलिया ने मिलकर 2016 में घुम्मनहेड़ा गांव में एक मर्डर किया था। इसके बाद वो राजस्थान भाग गये। लेकिन इसी बीच नंदू की हत्या हो गई और उसके बाद उनका काम धीमा पड़ गया। जिसके बाद पेसों के लिए उन्होने द्वारका मोड़ के शनि बाजार में लिए उन्होने हफ्ता वसूली करनी शुरू की लेकिन वहां सुशील इनके आड़े आ गया जिसके बाद इन्होने नजफगढ़ में सुशील की हत्या कर दी। आरोपी ने बताया कि सुशील को गोली मारने के बाद वो कालोनियों में गलियों से होते हुए गुरूग्राम भाग गये और फिर वहां से बाईक पर महिपालपुर पंहुचे उसके बाद कपड़े बदलकर टैक्सी कर वापिस नजफगढ़ आये और ये सुनिश्चित किया की सुशील मर चुका है। इसके बाद अमित को फोन पर इसकी जानकारी दी और फिर वह बहादुरगढ़ चला गया। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही हेै ताकि दूसरे आरोपियों को पकड़ा जा सके। पुलिस ने आरोपी की बाईक भी जब्त कर ली है।

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