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  • नही होगी 19 विधायकों की सदस्यता रद्द, हाईकोर्ट ने यथा स्थिति बनाये रखने के दिये निर्देश

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    नही होगी 19 विधायकों की सदस्यता रद्द, हाईकोर्ट ने यथा स्थिति बनाये रखने के दिये निर्देश

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/जयपुर/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- राजस्थान हाई कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष को सचिन पायलट और उनके समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई न करने निर्देश दिये है। हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मुसीबतें बढ़ती दिखाई दे रही है। वहीं सचिन पायलट की चुप्पी व संयमित रूख क्या गुल खिलायेगा इसका भी विरोधी खेमा अंदाजा नही लगा पा रहा है। हालांकि हाईकोर्ट के इस फैसले का अंदेशा अशोक गहलोत को पहले ही हो गया था जिसकारण अब गहलोत गुट दांवपेच मे उलझता दिखाई दे रहा है। वहीं भाजपा भी अब खुलकर मैदान में आ गई है और अपने दांवपेच शुरू कर दिये है जिसे लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने तो सचिन के मुख्यमंत्री बनने की भी संभावना व्यक्त कर दी है।
    हाईकोर्ट कें फैसले के बाद पायलट खेमे में गजब का उत्साह दिखाई दे रहा है। एक तरफ जहां इससे 19 विधायकों की सदस्यता पर तत्काल मंडरा रहा खतरा टल गया है, वहीं प्रक्रिया कानूनी दांव-पेंच में भी उलझ गई है। जिसे देखते हुए अब कांग्रेसी समर्थक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से इस मामले में उचित निर्णय लेने का आग्रह कर रहे है।

    विधानसभा अध्यक्ष को अब सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद
    राजस्थान हाईकोर्ट का निर्णय आने के बाद विधानसभा सीपी जोशी के सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा फिर से खटखटाने का रास्ता खुल गया है। विधानसभा अध्यक्ष अपने क्षेत्राधिकार को चुनौती देने वाले फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय से व्यवस्था देने की अपील कर सकते हैं। उच्चतम न्यायालय इस मामले की सुनवाई सोमवार को करेगा।
    हाईकोर्ट ने विधायक पृथ्वीराज मीणा की तरफ से दायर केंद्र सरकार को पक्षकार बनाने की अर्जी भी मंजूर कर ली है। हालांकि हाईकोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा विधायकों की सदस्यता पर फैसला लेने के अधिकार में कोई दखल नहीं दिया है, लेकिन उसके द्वारा 14 जुलाई को जारी नोटिस पर स्टे लगा देने से मामला पेचीदा भी हो गया है।
    सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की रणनीति सोमवार को विधानसभा सत्र बुलाने की थी। लेकिन सचिन पायलट समेत उनके खेमे के 19 विधायकों की सदस्यता पर स्थगन आदेश आने के बाद मामला उलझ गया है। 19 विधायक अशोक गहलोत सरकार की मुसीबत बढ़ा सकते हैं। क्योंकि ऐसी स्थिति में 200 सदस्यों वाली विधानसभा में राज्य सरकार को 101 विधायकों की आवश्यकता पड़ेगी। हालांकि मुख्यमंत्री गहलोत इस आंकड़े से अधिक विधायकों का दावा कर रहे हैं, लेकिन विधानसभा में फ्लोर टेस्ट की नौबत आने पर पैदा होने वाली परिस्थिति का किसी को अंदाजा नहीं है। सूत्र बताते हैं कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री गहलोत राज्यपाल से भेंट कर सकते हैं।

    राजभवन में धरने पर बैठे कांग्रेस विधायक, कर रहे नारेबाजी
    राजस्थान में सियासी घमासान पर राजस्थान उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सचिन पायलट गुट को राहत देते हुए स्पीकर के नोटिस पर फिलहाल के लिए स्टे लगाते हुए यथास्थिति को बरकरार रखने के निर्देश दिए हैं। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री ने राज्यपाल पर आरोप लगाया कि वे उन्हें सोमवार को विधानसभा का सत्र बुलाने की इजाजत नहीं दे रहे हैं। इसके बाद वे अपने समर्थक विधायकों के साथ राजभवन पहुंच गए हैं। राजभवन परिसर में विधायक धरने पर बैठ गए हैं और नारेबाजी की जा रही है। विधायक वी वॉन्ट जस्टिस के नारे लगा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री राज्यपाल से अकेले मुलाकात कर रहे हैं।

    सचिन पायलट बन सकते हैं मुख्यमंत्री- सतीश पूनिया
    भाजपा भी अब खुलकर मैदान में आने की तैयारी में जुट गई है जिसे देखते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के एक बयान ने हलचल पैदा कर दी है। एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में पूनिया से जब पूछा गया कि क्या पायलट राजस्थान के सीएम बन सकते हैं? तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि यदि हालात अनुमति देते हैं तो सचिन पायलट मुख्यमंत्री बन सकते हैं। वास्तव में, उन्होंने इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा कदम उठाया है।

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