दो कारों से आए आतंकी, एक अब भी राजधानी में घूम रहा

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
December 27, 2025

हर ख़बर पर हमारी पकड़

-राजधानी में अभी भी खतरा बरकरार

नई दिल्ली/उमा सक्सेना/-     दिल्ली में हुए धमाके के बाद अब एक और बड़ा खुलासा हुआ है। फरीदाबाद जैश मॉड्यूल से जुड़े दो संदिग्ध आतंकी दो कारों से दिल्ली पहुंचे थे। इनमें से एक कार लालकिले के पास हुए धमाके में इस्तेमाल हुई, जबकि दूसरी लाल रंग की ईको स्पोर्ट्स कार अभी भी दिल्ली की सड़कों पर घूम रही है। सीसीटीवी फुटेज और पार्किंग रिकॉर्ड से पता चला है कि दोनों कारें चांदनी चौक की पार्किंग में एक साथ खड़ी थीं।

दिल्ली में हाई अलर्ट, पुलिस और एजेंसियां सतर्क
इस खुलासे के बाद दिल्ली पुलिस और राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि संदिग्ध की कार दिल्ली नंबर की है और इसका रंग लाल है। पुलिस ने इस वाहन को ट्रेस करने के लिए शहरभर में नाकेबंदी कर दी है।
दिल्ली में सभी वीवीआईपी इलाकों, ऐतिहासिक स्थलों और भीड़भाड़ वाले बाजारों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

धमाका करने वाली कार फरीदाबाद मॉड्यूल से जुड़ी
जांच में सामने आया है कि फरीदाबाद के जैश ए मोहम्मद मॉड्यूल के सदस्य दो कारों में दिल्ली पहुंचे थे।
पहली कार, जो हरियाणा नंबर की थी, उसी से लालकिले के सामने बम धमाका किया गया।
जबकि दूसरी ईको स्पोर्ट्स कार अब तक फरार है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दोनों कारें बदरपुर बॉर्डर से एक साथ दिल्ली में दाखिल हुई थीं और लालकिले व चांदनी चौक के आसपास घूम रही थीं।

घटनास्थल से मिले असामान्य कारतूस
जांच में यह भी सामने आया है कि धमाके की जगह से जो कारतूस बरामद हुए हैं, वे सरकारी नहीं हैं, यानी यह गोला-बारूद पुलिस या सुरक्षाबलों का नहीं था। इससे एजेंसियों को शक है कि यह आतंकी नेटवर्क देश के भीतर भी मजबूत हो चुका है।

आतंकी संगठन की साजिश नाकाम, मगर लापरवाही भी उजागर
सुरक्षा एजेंसियों की शुरुआती जांच में माना जा रहा है कि धमाका डर और जल्दबाजी का नतीजा था।

जैश-ए-मोहम्मद का नेटवर्क दिल्ली, हरियाणा, यूपी और जम्मू-कश्मीर तक फैला हुआ है।
डॉ. उमर मोहम्मद, जो इस मॉड्यूल से जुड़ा बताया जा रहा है, फरीदाबाद में साथी आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली भाग आया था।
संभावना है कि उसने गिरफ्तारी के डर से आत्मघाती हमला किया हो।

डॉक्टर आतंकी नेटवर्क का हिस्सा
जांच में यह भी पता चला है कि फरीदाबाद मॉड्यूल में शामिल डॉ. मुजम्मिल अहमद को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
उमर मोहम्मद उसी नेटवर्क से जुड़ा था।
पुलवामा के एक व्यक्ति तारिक से उसे कार मिली थी, जो फिलहाल पुलिस हिरासत में है।
जांच में पता चला है कि नेटवर्क में कई डॉक्टर शामिल हैं, जिन्होंने विस्फोटक, टाइमर और वॉकी-टॉकी जैसे उपकरण जुटाए थे।

महिला आतंकी विंग से भी कनेक्शन
फरीदाबाद से गिरफ्तार डॉ. शाहीन को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है।
वह जैश की महिला विंग की प्रमुख बताई जा रही है।
इस महिला विंग का नाम जमात-उल-मोमिनात है, जिसकी भारत में कमान शाहीन के पास थी।
पाकिस्तान में इसकी हेड सादिया अजहर, मसूद अजहर की बहन है, जबकि उसका पति यूसुफ अजहर कंधार हाईजैक का मास्टरमाइंड बताया गया है।

धमाके से कुछ घंटे पहले बरामद हुआ विस्फोटक
फरीदाबाद के धौज इलाके से 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट, हथियार और टाइमर बरामद हुए थे।
यही बरामदगी धमाके से कुछ घंटे पहले की है, जिससे दोनों घटनाओं के बीच सीधा संबंध माना जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस और हरियाणा पुलिस ने संयुक्त रूप से डॉ. मुजम्मिल गनई को पकड़ा था।
वहीं यूपी एटीएस ने लखनऊ से डॉ. परवेज अंसारी को गिरफ्तार किया, जिसके जैश नेटवर्क से लिंक मिल रहे हैं।

दिल्ली धमाके ने सुरक्षा एजेंसियों को झकझोर कर रख दिया है।
अब सवाल यह है कि जब फरीदाबाद में विस्फोटक बरामद हुए थे, तब भी दिल्ली में सुरक्षा क्यों नहीं बढ़ाई गई?
देश की राजधानी में एक संदिग्ध आतंकी के खुलेआम घूमने की खबर ने लोगों में डर पैदा कर दिया है।

About Post Author

आपने शायद इसे नहीं पढ़ा

Subscribe to get news in your inbox