नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- देश में कोरोना संक्रमण अब सामाजिक ताने-बाने में घुसता जा रहा है जिसकारण हर आदमी अब इससे खौफ खा रहा है। लेकिन वैज्ञानिकों की माने तो कोरोना से खौफ खाने की नही बल्कि एहतियात बरतने की जरूरत है। चिकित्सकों का कहना है कि इस समय देश में कोरोना संक्रमण का फैलाव काफी तेजी पर है। ऐसे में छोटे-छोटे एहतियात बरते जाएं तो कोरोना संक्रमण से बचाव हो सकता है। साथ ही इस महामारी के खौफ से अवसाद ग्रस्त होने की भी जरूरत नहीं।
इस संबंध में प्राईमरी हैल्थ सैंटर के निदेशक डा. चरण सिंह का कहना है कि एक समय आने पर अन्य वायरल संक्रमण की तरह कोरोना के खिलाफ भी लोगों में हर्ड इम्युनिटी जिसे प्राकृतिक टीकाकरण कहते हैं, विकसित हो जायेगी। जिसके चलते हर्ड इम्युनिटी विकसित होने पर कोविड-19 भले ही वातावरण में समाया रहे लेकिन कुछ बिगाड़ नहीं पाएगा। वहीं डा. सजय पाराशर ने कहा कि हर्ड इम्युनिटी विकसित होने पर कोरोना वायरस बेअसर हो जाएगा। माहौल में घूमता रहेगा लेकिन नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा। हर्ड इम्युनिटी प्राकृतिक टीकाकरण होता है। यह इम्युनिटी हल्का संक्रमण होने पर व्यक्ति में विकसित हो जाती है। शरीर में एंटी बॉडीज रहती हैं जो वायरस के आने पर उसे खत्म कर देती हैं। लेकिन जब तक यह विकसित नहीं होती है, तब तक एहतियात बरतने की जरूरत है। वहीं डा. अजय पुंडीर का कहना है कि हर्ड इम्युनिटी के विकसित होने तक हमें एहतियातन सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, हाथों की सफाई के साथ-साथ मोबाइल को भी सेनिटाइज करने की जरूरत है तभी हम अपने आप को व दूसरों को सुरक्षित रख पायेंगे। अधिकांश लोगों में यह संक्रमण सामान्य ही रहता है, बहुत कम लोगों में यह एआरडीएस पैदा करता है।
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