नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/पुणे/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- प्रतिवर्ष जून माह के तृतीय सप्ताह को फादर्स डे (पितृ दिवस) मनाया जाता है। माता के पश्चात संतान के जीवन में पिता की सबसे अहम भूमिका होती है। इसी परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत है डॉ. रीना रवि मालपानी द्वारा रचित कविता-
पिता का व्यक्तित्व
एक सहज, सरल,उदार व्यक्तित्व, निराशा में भी जो न होते व्यथित।
मेरे जीवन के आप हो सच्चे ज्योतिष, मिलता रहे सदैव स्नेहभरा आशीष।।
मेरे लिए आप ही हो ठंडी छाँव, जिसने मुझे समझाए जीवन के उतार चढ़ाव।
पिता का स्थान है ईश्वर से उन्नत, क्यूँकि वो सदैव माँगते खुशियों की मन्नत।।
पापा ने हमेशा आशावादी नजरिया अपनाया, छोटे-छोटे प्रंसगो से जीवन का यथार्थ समझाया।
हमेशा मीठी मुस्कान से होती आपकी पहचान, आपने बनाया हमे सदैव आशावान।।
संघर्षो के बावजूद बढ़ाते रहे कदम, हमे भी परिस्थितियों से जूझना सिखाया हरदम।
पापा की है सुंदर स्नेहिल तस्वीर, जिससे जुड़ी है बच्चों की तकदीर ।।
हँसी ठिठौली करते रहते आप हरदम, मिटाए जीवन के बहुत से झूठे भरम।
आपकी हर कहानी मुझे देती नया ज्ञान, आपकी सीख ने बनाया जीवन को आसान।।
आपने किया सदैव निर्भीक सत्य संवाद, कभी न डरना सिखाया सच के लिए चाहे हो विवाद।
ज्ञान अर्जन की सदैव आपमें लालसा देखी,आपने नही की कभी हमारी खुशियों की अनदेखी।।
मूक पशुओं की सेवा करते रहते सतत, हमे भी अपनाने की शिक्षा देते अनवरत।
पितृ दिवस पर आज यही है मंगलकामना, स्वस्थ दीर्घायु हो आप यही है दिल से भावना।।
डॉ. रीना रवि मालपानी
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