
अनीशा चौहान/- जम्मू-कश्मीर के उधमपुर से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक रणबीर सिंह पठानिया एक बयान को लेकर विवादों में घिर गए हैं। ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में भारतीय वायुसेना के जवानों पर कथित टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि “एयरफोर्स के जवान सो रहे थे।” इस बयान के वायरल होते ही सियासी हलचल तेज हो गई और विपक्ष ने इसे सेना का अपमान करार दिया।
क्या है पूरा मामला?
29 मई को एक जनसभा में रणबीर सिंह पठानिया ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए सेना और वायुसेना की भूमिका पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा था,”ऑपरेशन के दौरान वायुसेना के जवान सतर्क नहीं थे, सभी सो रहे थे। हम अपने जवानों को पलकों पर बिठाते हैं।”
हालांकि, उनकी इस टिप्पणी को लेकर विपक्षी दलों ने तीखा विरोध दर्ज कराया और बीजेपी की आलोचना शुरू कर दी। बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही मामला गरमा गया।
विपक्ष का हमला: ‘सेना का अपमान’ बताया बयान
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस बयान की कड़ी निंदा की। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा –
“बीजेपी नेताओं द्वारा बार-बार सेना का अपमान किया जा रहा है। पहले कर्नल सोफिया कुरैशी पर टिप्पणी और अब पठानिया का बयान, यह सब शर्मनाक है।” विपक्ष ने इसे बीजेपी की “सेना विरोधी सोच” का उदाहरण बताया और पठानिया के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की।
रणबीर पठानिया ने दी सफाई: ‘बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया’
विवाद गहराने के बाद रणबीर सिंह पठानिया ने मीडिया के सामने आकर अपनी सफाई दी। उन्होंने कहा –
“मेरे बयान को गलत संदर्भ में पेश किया गया है। मैंने कभी भी सेना या वायुसेना का अपमान नहीं किया। ऑपरेशन सिंदूर में हमारे जवानों ने अदम्य साहस दिखाया है। मैं उनका सम्मान करता हूं।”
उन्होंने आगे कहा कि उनकी टिप्पणी का मकसद केवल “कुछ रणनीतिक या तकनीकी कमियों” की ओर ध्यान आकर्षित करना था, न कि जवानों की निष्ठा पर सवाल उठाना। उन्होंने कहा –
“हमारी सेना देश की शान है। अगर मेरे शब्दों से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं माफी मांगता हूं।”
बयान का राजनीतिक असर और आगे की राह
जहां बीजेपी अभी तक इस बयान पर संगठनात्मक प्रतिक्रिया देने से बच रही है, वहीं विपक्ष लगातार इस मुद्दे को भुनाने में लगा है। सेना को लेकर दिए गए बयानों पर पहले भी सियासत गर्म रही है, और यह बयान उसी श्रृंखला की अगली कड़ी बनता जा रहा है।
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