नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- उपायुक्त अमित खत्री ने कहा, कोरोना से बचाव उपायों की एसओपी के आधार पर औद्योगिक इकाइयां आरंभ करने की सशर्त अनुमति दी गई है। जिला में कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से देशभर में 25 मार्च से लागू किए गए लाॅकडाउन के बाद अब लाॅकडाउन -3 में गृह मंत्रालय द्वारा कुछ छूट दिए जाने के बाद गुरूग्राम में धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटनी शुरू हो गई है और जिले में सुरक्षा उपायों के साथ औद्योगिक तथा वाणिज्यिक गतिविधियां चरणबद्ध तरीके से शुरू की जा रही हैं।
यहां बता दें कि जिले में 1330 औद्योगिक व अन्य वाणिज्यिक इकाइयों को काम करने की सशर्त अनुमति प्रदान की गई है, जिसमें सभी आवश्यक वस्तुएं बनाने वाली तथा गैर जरूरी सामान का निर्माण करने वाली ईकाइयां शामिल हैं। इन ईकाइयों में 1 लाख 6 हजार 751 कामगारों को रोजगार मिला है। इनके अलावा, गृह मंत्रालय के आदेशानुसार जिला के शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में वाणिज्यिक गतिविधियों के तहत दुकानें खुलने लगी हैं।
उपायुक्त अमित खत्री ने कहा कि उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के माध्यम से ऑनलाइन आवेदनों का निपटान करते हुए इस बात का भी ध्यान रखा गया कि कार्यस्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो और निरंतर सेनेटाइज संबंधी गतिविधियां भी जारी रहें। स्वास्थ्य सुरक्षा की दृष्टि से जहां एक ओर सावधानी बरतने की जरूरत है, वहीं लॉकडाउन में श्रमिकों को किसी भी प्रकार से रोजगार की चिंता न हो , इसके लिए औद्योगिक इकाइयों को अब आवेदन करने पर आॅटोमैटिक अनुमति मिल रही है। उन्हें आवेदन के साथ एसओपी संलग्न करनी जरूरी है जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग, कोविड-19 से सुरक्षा के उपाय आदि का उल्लेख हो। श्री खत्री ने कहा कि आवश्यक वस्तुओं का उत्पादन करने वाली ईकाइयां तो लाॅकडाउन में भी संचालित हो रही थी और अब गृह मंत्रालय की गाइडलाइन्स का पालन करते हुए गैर जरूरी वस्तुएं बनाने वाली ईकाइयों को भी संचालन की अनुमति दी जा रही है। पहले हर ईकाई की एसओपी देखकर सरकार द्वारा गठित कमेटियों द्वारा अनुमति दी जा रही थी लेकिन अब इसमें और ढील देते हुए आॅटो परमिट कर दिया गया है। सरल हरियाणा पोर्टल पर आवेदन करने के बाद उद्योग विभाग की ओर से औद्योगिक ईकाइयों को आॅटोमैटिक अनुमति प्राप्त हो रही है। इसकी समीक्षा डैशबोर्ड पर चंडीगढ़ मुख्यालय पर की जा रही है। आर्थिक विकास की द्योतक औद्योगिक इकाइयों में कोविड-19 से बचाव के लिए जहां नियमित रूप से सैनेटाइजेशन प्रक्रिया अमल में लाई जानी जरूरी हैं, वहीं मास्क का उपयोग करते हुए कर्मचारियों को परिसर में ही या परिसर के नजदीक रखने की व्यवस्था इकाई प्रबंधक की ओर से होनी चाहिए। किसी भी रूप में संक्रमण का फैलाव न हो, इसके लिए ईकाई परिसर में आवश्यक उपाय किए जाने जरूरी हैं।
उन्होंने बताया कि आर्थिक व्यवस्था को समुचित नियंत्रण में रखने के लिए औद्योगिक इकाइयों का विकास में अहम योगदान है। कोरोना वायरस से बचाव के लिए इन ईकाइयों में सोशल डिस्टेंस व अन्य आवश्यक कार्यों के लिए पहले ही निर्देश दिए जा चुके है। वहीं इन कार्यों की निगरानी के लिए अधिकारियों की भी ड्यूटी लगाई गई ताकि स्वास्थ्य संबंधी सुरक्षा उपायों का पूरी तरीके से पालन हो। वैश्विक महामारी के दौर में जहां आमजन की स्वास्थ्य सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है, वहीं लोगों को आर्थिक रूप से नुकसान न हो इसके लिए प्रशासन की ओर से विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्र में स्थित औद्योगिक इकाइयों को खोलने की अनुमति दी गई है।
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