नई दिल्ली/रणबीर सिंह /- एक तरफ सरकार अर्धसैनिक बलों को भारत संघ के सशस्त्र मानती है दूसरी तरफ जवानों को सिविलियन करार दे रही है ये कैसा विरोधाभास? अंग्रेजों के समय से लेकर आजादी के बाद 2004 तक सरहदी चौकीदारों को पुरानी पेंशन मिलती रही अब क्या अपराध किया जवानों ने जो सरकार ने पेंशन बंद कर दी। राज्यों की कानून व्यवस्था बनाए रखने में सिविल प्रशासन की मदद करने, संसद से सरहदों तक चाक चौबंद चौकसी करने वाले पैरामिलिट्री फोर्सेस के जवान सिविलियन कैसे करार दिए गए?
अलॉइंस आफ ऑल एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस वेलफेयर एसोसिएशन महासचिव रणबीर सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि केंद्रीय सुरक्षा बलों के प्रति गृह मंत्रालय द्वारा किए जा रहे लगातार सौतेले व्यवहार के चलते जवानों के मनोबल पर असर पड़ना लाजिमी है। पद्दोउन्नति,पोस्टिंग,पेंशन व अन्य सुविधाओं के लिए जवानों से लेकर सिनियर अधिकारी वर्ग तक पीड़ित है। देश के विभिन्न राज्यों के कोर्ट्स में सुविधाओं को लेकर हक की लड़ाई लड़ रहे हैं लेकिन सरकार के कान पर जूं नहीं रेंग रही। महासचिव रणबीर सिंह द्वारा माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा सुनाए गए उस ऐतिहासिक फैसले का जिक्र किया जिसमें माननीय न्यायालय द्वारा केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को आर्मड फोर्सेस ऑफ़ यूनियन करार देते हुए भारत संघ के सशस्त्र बल माना व साथ ही सेना की तर्ज पर पुरानी पेंशन बहाली के आदेश दिए लेकिन वाह री राष्ट्रवाद का दम भरने वाली सरकार उपरोक्त हाईकोर्ट आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में स्टे ले लिया तो सड़क से संसद से सरहदों तक की चाक चौबंद चौकसी करने वाले 11 लाख पैरामिलिट्री जवानों पर क्या बीतेगी।
एनपीएस के बजाय यूपीएस का झुनझुना सरकार मार्केट में ले आई जहाँ तक अर्धसैनिक बलों के जवानों की पेंशन का सवाल है 20 साल सेवा उपरांत जवानों को आखिरी माह के वेतन का 50 पर्सेंट पेंशन मिलता था अब यूपीएस के तहत उस को 25 साल नौकरी के बाद भी पेंशन 60 वर्ष आयु पूर्ण होने पर पेंशन चालू होगी तो जवान का परिवार खाएंगे क्या और कहाँ से गुजारा करेगा। सवाल तो उठेगा कि ढाई दिन के सांसद को पैंशन और जिंहोने देश की संसद व भगवान् राम लला को आतंकी हमले से बचाया उन सीआरपीएफ जवानों की पैंशन बंद।अत: हमारी एसोसिएशन मांग करते हैं कि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की आयु बीस साल कर पेंशन जाने के आखिरी वेतन व डीए को मिला कर पचास प्रतिशत पेंशन दी जाए साथ ही जवानों के प्रति माह वेतन से 10 प्रतिशत कटौती न करने की मांग करते हैं। अलॉइंस आफ ऑल एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस वेलफेयर एसोसिएशन केंद्रीय सरकार से यूपीएस यानि उल्टी पुल्टी पैंशन स्कीम फार्मूले को अर्धसैनिक बलों पर थोपे जाने का विरोध कर पुरानी पेंशन बहाल करने व सुप्रीम कोर्ट से स्टे वापसी की पुरजोर अपील करते हैं।
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