नई दिल्ली/ – कृषि विज्ञान केंद्र, उजवा, दिल्ली द्वारा दिनांक 22 से 31 जुलाई, 2024 तक ’’माली-सह-नर्सरी उत्पादक’’ विषय पर 10 दिवसीय व्यवसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य दिल्ली व आसपास के राज्यों के किसान, युवाओं एवं नव युवतियों को बागवानी के क्षेत्र में अपना उद्यम एवं स्वरोजगार स्थापित करने हेतु उनकी क्षमता एवं कौशल का विकास करना था।
कार्यक्रम की शुरुआत और उद्देश्य
कार्यक्रम की शुरुआत में केंद्र के अध्यक्ष डॉ. डी.के. राणा ने सभी का स्वागत करते हुए केंद्र की गतिविधियों के बारे में संबोधित किया। उन्होंने बताया कि यह पहल कृषि एवं बागवानी क्षेत्र से संबंधित किसान एवं कृषि श्रमिकों को उचित प्रशिक्षण प्रदान करके उनके मौजूदा कौशल को निखारने की दिशा में है, जिससे वह अपना व्यवसाय स्थापित करके अच्छी आय प्राप्त कर सकते हैं। दिल्ली महानगर में कुशल माली श्रमिकों की काफी मांग है और यह प्रशिक्षण इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रशिक्षण के प्रमुख बिंदु
इस प्रशिक्षण की शुरुआत 22 जुलाई से डॉ. राकेश कुमार, विशेषज्ञ (बागवानी) के संचालन में हुई। इसमें प्रशिक्षुकों को सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक रूप से सभी तकनीकी पहलुओं जैसे उन्नत तरीके से नर्सरी उत्पादन, नये पौधों का निर्माण, नर्सरी में अलंकृत पौधे, लॉन तैयार करना, लैंडस्कैपिंग, गमलों का मिश्रण बनाना एवं प्रबंधन, फल वृक्ष बगीचा लगाने की विधि एवं ग्राफ्टिंग, छत पर बागवानी आदि की विस्तृत जानकारी दी गई।
विशेषज्ञों का योगदान
प्रशिक्षण के क्रम में दिल्ली क्षेत्र के लैंडस्कैपिंग विशेषज्ञ श्री मुकेश गोला ने प्रशिक्षुकों को लैंडस्कैपिंग, लॉन, हेज, टोपयरी, परगोला, इनडोर एवं आउटडोर पौधों की देखरेख एवं प्रबंधन आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इसके साथ ही, डॉ. समर पाल सिंह (विशेषज्ञ, सस्य) ने जैविक खेती के तरीकों एवं बागवानी में खरपतवार नियंत्रण पर, श्री बृजेश कुमार (विशेषज्ञ, मृदा) ने सब्जियों एवं फल वृक्षों के लिए मिट्टी एवं जल के जांच हेतु नमूने लेने की विधि और पोषक तत्वों के प्रबंधन पर, और श्री कैलाश (विशेषज्ञ, प्रसार) ने नर्सरी के स्थापना हेतु अनुदान एवं योजनाओं की जानकारी देते हुए केंद्र के संचार माध्यम एवं डिजिटल प्लेटफॉर्म के बारे में जागरूक किया।
प्रतिभागियों की संख्या
इस 10 दिवसीय प्रशिक्षण में दिल्ली देहात के साथ विभिन्न राज्यों के 5 महिलाएं प्रशिक्षुओं के साथ 20 प्रशिक्षकों ने भागीदारी की। इस प्रकार, यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ और प्रतिभागियों ने इसमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
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