नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/देश-विदेश/शिव कुमार यादव/- तुर्किये और सीरिया में भूकंप से हालात अब बद से बदतर होते जा रहे हैं। अब तक 21 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। घायलों की संख्या 64 हजार के करीब हो गई है। तुर्किये में 14,351 लोगों की जान जा चुकी है और 35 हजार से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। वहीं, सीरिया में 3,162 लोग मारे गए और 4 हजार से ज्यादा जख्मी हैं। सीरिया में मारे गए लोगों को दफनाने के लिए सामूहिक कब्रें बनाई जा रही हैं।
इस बीच एक एक्सपर्ट ने दावा किया है कि तुर्किये में एक बार फिर से जल्द ही 7 तीव्रता का भूकंप आ सकता है। सीस्मोलॉजिस्ट डोगन पेरिनेक ने रूस की न्यूज एजेंसी के सामने यह दावा किया है। उन्होंने बताया कि ये भूकंप पश्चिमी तुर्किये की पोर्ट सिटी कैनाकाले के पास आएगा। डोगन पेरिनेक के मुताबिक काफी समय से यहां सिस्मिक तरंगों में हलचल बढ़ी है। कैनाकाले में हर 250 सालों बाद भूकंप आता है। अब वहां भूकंप आए 287 साल बीत चुके हैं।
तुर्किये और सीरिया के कई शहर पूरी तरह तबाह हुए
भूकंप के चलते तुर्किये के अंटाक्या, सनलिउरफा और सीरिया का अलेप्पो शहर पूरी तरह से बर्बाद हो चुके हैं। इन पानी और बिजली की सप्लाई भी बंद है। लोग शेल्टर होम्स में रहने को मजबूर हैं। यहां खाने की चीजें नहीं मिल पा रही हैं।
लोगों का कहना है कि मदद मिल रही है लेकिन वह बहुत कम है। एपिसेंटर वाले गाजियांटेप शहर के लोगों का कहना है कि तबाही के 12 घंटे बाद भी उन तक मदद नहीं पहुंची थी। हालांकि, 95 से ज्यादा देशों ने मदद भेजी है।
एनडीआरएफ टीम ने 6 साल की बच्ची को रेस्क्यू किया
इसी बीच भारतीय की रेस्क्यू टीम ने तुर्किये के नूरदागी शहर में एक 6 साल की बच्ची को रेस्क्यू किया है। होम मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन ने ट्वीट कर लिखा- ऑपरेशन दोस्त के तहत तुर्किये पहुंची नेशनल डिजास्टर रिस्पोंस फोर्स ने एक बच्ची को रेस्क्यू किया है। यूएन का कहना कि बर्फबारी और बारिश के कारण भूकंप से प्रभावित दोनों ही देशों में बचाव कार्य प्रभावित हो रहा है। इमरजेंसी सर्विसेज की टीमों को रेस्क्यू में काफी दिक्कत हो रही है।
अमेरिका ने तुर्किये और सीरिया में भूकंप प्रभावित इलाकों में मदद के लिए 85 मिलियन डॉलर यानी करीब 700 करोड़ रुपए के राहत पैकेज की घोषणा की है। इसके अलावा वर्ल्ड बैंक ने भी 1 बिलियन डॉलर की मदद भेजने की घोषणा की है। जंग के बीच यूक्रेन की स्टेट इमरजेंसी सर्विस ने भी तुर्किये के अंटाक्या शहर में रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए मदद भेजी है। बचावकर्मियों ने हताय में अपने कैंप लगाए हैं। यूक्रेन ने मदद के लिए 87 लोगों का स्टाफ को भेजने की भी घोषणा की है।
इसी बीच भूकंप के बाद हालातों का जायजा लेने के लिए डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर-जनरल टेड्रोस अधनोम घेब्रेसियस सीरिया के पहुंचने वाले हैं। इससे पहले उन्होंने कहा कि लोग एक बाद एक बुरे सपने को जी रहे हैं। यूएन की तरफ से मदद भेजी जा रही है लेकिन ये काफी नहीं है।
वहीं सीरिया में 3 दिन पहले जन्म के 10 घंटों बाद मलबे से निकाली गई नवजात को आया नाम दिया गया है। अरेबिक में इसका मतलब चमत्कार होता है।
सीरिया के इदलिब, मारिया जैसे इलाकों में लोगों तक मदद नहीं पहुंची
सीरियन अरब रेड क्रीसेंट जैसे संगठन कह रहे हैं कि असद सरकार पर से प्रतिबंध हटा लिए जाएं ताकि लोगों तक राहत पहुंचे। लेकिन फ्रैंकफर्ट स्थित मानवाधिकार संगठन मेडिको इंटरनेशनल की अनेता स्टारोस्टा ने कहा, ऐसा करना गलत होगा। सरकार के नियंत्रण वाले अलेप्पो में ही लोगों को मदद मिलना मुश्किल हो रही है।
विद्रोहियों के नियंत्रण वाले इदलिब, मारिया जैसे इलाकों में लोगों तक मदद नहीं पहुंची। स्थानीय प्रशासन नाम की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में इलाज और दवाएं नहीं है। बचाव मुश्किल से चल रहा है। वहां रह रहे लोग वैश्विक मदद के इंतजार में बैठे हैं, पर मदद पहुंची नहीं।
6 फरवरी को आए थे 3 बड़े भूकंप
भूकंप का एपिसेंटर तुर्किये का गाजियांटेप शहर रहा। यह सीरिया बॉर्डर से 90 किमी दूर है। इसलिए इसके आसपास के इलाकों में ज्यादा तबाही हुई।
भूकंप का एपिसेंटर तुर्किये का गाजियांटेप शहर रहा। यह सीरिया बॉर्डर से 90 किमी दूर है। इसलिए इसके आसपास के इलाकों में ज्यादा तबाही हुई।
तुर्किये और सीरिया में 6 फरवरी को सुबह 3 बड़े भूकंप आए थे। तुर्किये के वक्त के मुताबिक, पहला भूकंप सुबह करीब चार बजे (7.8), दूसरा करीब 10 बजे (7.6) और तीसरा दोपहर 3 बजे (6.0) आया।
इसके अलावा 243 आफ्टर शॉक्स भी दर्ज किए गए। इनकी तीव्रता 4 से 5 रही। तुर्किये में 7 फरवरी सुबह 8.53 पर फिर भूकंप आया। इसके बाद दोपहर 12.41 बजे 5.4 तीव्रता का भूकंप आया।
दुनिया में हर साल 20 हजार भूकंप आते हैं
हर साल दुनिया में कई भूकंप आते हैं, लेकिन इनकी तीव्रता कम होती है। नेशनल अर्थक्वेक इन्फॉर्मेशन सेंटर हर साल करीब 20 हजार भूकंप रिकॉर्ड करता है। इसमें से 100 भूकंप ऐसे होते हैं जिनसे नुकसान ज्यादा होता है। यह कुछ सेकेंड तक रहता है। अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा देर तक रहने वाला भूकंप 2004 में हिंद महासागर में आया था। यह भूकंप 10 मिनट तक रहा था।


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