नई दिल्ली/- माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स ने कोरोना संकट से जंग में भारत के योगदान की सराहना करते हुए स्वस्थ, निष्पक्ष व समृद्ध दुनिया बनाने में उसकी प्रतिबद्धता व नवाचार में उसके तेजी से बढ़ते कदम से दुनिया भर के देशों को सीखने की सलाह दी है। साथ ही जी-20 की अध्यक्षता को भारतीय नेतृत्वकर्ताओं के लिए स्वास्थ्य और विकास के मुद्दों पर दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने का बेहतरीन मौका बताया।
एक लेख में उन्होंने इस महीने बिल एंड मिलेंडा गेट्स फाउंडेशन के सतत विकास लक्ष्यों (एसजीडी) की दिशा में प्रगति पर जारी रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि दुनिया इन लक्ष्यों को पूरा करने के रास्ते से भटक गई है। वैसे, भारत एसजीडी की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने इसका श्रेय पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व व उनकी नीतियों को दिया।
सतत विकास लक्ष्यों को ट्रैक पर रख सकता है भारत
गेट्स ने अपने लेख में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने एसडीजी को पाने और इस दिशा मे तरक्की के लिए कई बेहतरीन कदम उठाए, जो दर्शाता है कि देश उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए वादे के अनुसार आगे बढ़ रहा है। आगामी जी-20 की अध्यक्षता, भारतीय नेतृत्वकर्ताओं को स्वास्थ्य और विकास के मुद्दों पर दुनिया का ध्यान आकर्षित करने का उत्तम मौका दे रही है। साथ ही जीवन को बेहतर बनाने और स्वास्थ्य सुरक्षा के क्षेत्र में भारत के काम, सबक और नवाचारों को दुनिया के साथ साक्षा करने का भी अवसर भी उपलब्ध करा रही है।
डिजिटलीकरण से स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में मिलेगी मदद
गेट्स ने कहा कि भारत ने स्वास्थ्य सेवा को बदलने के लिए भी डिजिटलीकरण का इस्तेमाल किया है। उन्होंने ब्वॅप्छ डिजिटल प्लेटफॉर्म का भी जिक्र किया, जिसने देश को कोविड टीकों की 200 करोड़ से अधिक खुराक देने और उसे प्रमाणित करने में मदद की।आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन को एक व्यापक दृष्टिकोण के साथ लोगों तक पहुंचने और स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने का बेहतरीन तकनीक मानते हुए गेट्स ने कहा कि इससे लोगों की पहचान से लेकर पेपरलेस भुगतान तक, डिजिटल रिकॉर्ड रखना और स्वास्थ्य प्रणाली के प्रमुख तत्वों को एकीकृत करने का काम प्रशंसनीय है।
महिला सशक्तिकरण अहम मुद्दा
महिलाओं के सशक्तिकरण पर अपने विचार रखते हुए गेट्स ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और अन्य भारतीय नेता इस बात को भलीभांति जानते हैं कि देश तभी समृद्ध होगा, जब महिलाओं के पास अपने वित्तीय भविष्य पर अधिकार होगा। भारत ने इस दिशा में पहल किए हैं। दुनिया को भारत से सीख लेनी चाहिए। भारत ने महिलाओं की आजीविका के लिए जिस तरह से स्वयं सहायता समूहों और उनकी एजेंसियों का समर्थन किया, वह काबिले तारीफ है।


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