
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/-देश के सबसे बड़े पर्व पर दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के नाम पर जगह-जगह किसान हिंसा पर उतारू हो रहे है। कहीं बैरिकेड तोड़ कर किसान रास्ता बदलने की कोशिश कर रहे है तो कहीं पुलिस के साथ किसान झड़प कर रहे है। हालांकि अब किसान संगठन उपद्रवी लोगों को किसान मामने से इंकार कर रहे हैं और उन्हे अपना आदमी भी नही मान रहे हैं जबकि सुबह जब ट्रैक्टर परेड की शुरूआत हुई थी तो संगठन सभी को अपना बता रहे थे। फिलहाल नजफगढ़ देहात में नजफगढ़ से बहादुरगढ़ तक चल रही ट्रैक्टर परेड में किसी तरह की गड़बड़ी नही हुई है और किसान शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे है। हालांकि द्वारका पुलिस जिला के अधिकारी व पश्चिमी जोन की संयुक्त आयुक्त शालिनी सिंह भी क्षेत्र में दौरा कर स्थिति का जायजा ले रही हैं और हर परिस्थिति पर नजदीक से नजर बनाये हुए हैं।
कृषि कानूनों के खिलाफ आज दिल्ली सीमाओं पर किसान आंदोलन का 62वां दिन है। दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड को लेकर पल-पल बदलते रहे हालातों पर आईये डालते है एक नजर:-
गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर आपातकालीन बैठक, दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चल रहा है मंथन
गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर इस वक्त आपातकालीन बैठक चल रही है। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मंथन चल रहा है। बैठक में गृहसचिव भी पहुंच गए हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा ने एक प्रेस स्टेटमेंट जारी कर किसान गणतंत्र दिवस परेड में किसानों के भाग लेने के लिए शुक्रिया अदा किया है। इसके अलावा किसान मोर्चा ने दिल्ली में हुई हिंसा की निंदा की. स्टेटमेंट में कहा गया है, आज के किसान गणतंत्र दिवस परेड में अभूतपूर्व भागीदारी के लिए हम किसानों का शुक्रिया अदा करते हैं. हम उन अवांछनीय और अस्वीकार्य घटनाओं की निंदा करते हैं और खेद प्रकट करते हैं जो आज घटित हुई. इन घटनाओं में शामिल लोगों से हमारा कोई लेना देना नहीं.
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (क्डत्ब्) ने जानकारी दी है कि मानसरोवर पार्क और झिलमिल मेट्रो स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार अब खुल गए हैं. दिल्ली में इस वक्त कई मेट्रो स्टेशन बंद हैं, जिनमें आईटीओ और लाल किला के आस पास के स्टेशन शामिल हैं. हिंसा के चलते सुरक्षा को देखते हुए ये फैसला लिया गया है.
दिल्ली के इन इलाकों में इंटरनेट सर्विस बंद किया गया
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा की घटना के बाद केंद्रीय गृहमंत्रालय ने इंटरनेट बंद करने का फैसला लिया है….
इंडिया गेट को जोड़ने वाले सभी मार्गों को बैरिकेड लगाकर बंद कर दिया गया है. सड़क पर डीटीसी की बसें खड़ी कर दी गई हैं. ताकि कोई भी गाड़ी अंदर की तरफ दाखिल ना हो सके. इधर नांगलोई इलाके में पुलिस और प्रदर्शनकारी किसान आमने सामने आ गए हैं.
प्रदर्शनकारियों के हंगामें के बीच गृह मंत्रालय ने सिंघू बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, मुकरबा चैक और नांगलोई के इलाकों में आज रात 12 बजे तक के लिए इनटरनेट सेवा बंद करने का फैसला किया है.
दिल्ली के विभिन्न पुलिस थानों में किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तैयारी में है. शुरुआती दौर में लगभग एक दर्जन मामले दर्ज हो सकते हैं. विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करने की तैयारी की जा रही है. केस दर्ज करने के बाद गिरफ्तारियों का सिलसिला शुरू हो सकता है.
किसान नेता राकेश टिकैत ने प्रशासन पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि पुलिस ने 12 बजे तक रूट नहीं खोला, जिसके बाद किसानों ने रूट बदला. उन्होंने कहा कि जो रूट दिया गया था, उसपर बैरिकेड लगा दिया गया. उन्होंने कहा कि ये घटना एक साजिश का हिस्सा है. ये सरकार की साजिश है. हमें बदनाम करने की साजिश है. किसान तो रिंग रोड पर घूम कर वापस चला जाता.
कृषि कानूनों के खिलाफ ट्रैक्टर मार्च निकाल रहे किसान प्रदर्शनकारियों के एक गुट ने लाल किला परिसर में घुस कर एक गुंबद पर अपना झंडा फहरा दिया. हालांकि अब पुलिस और सुरक्षाबलों के जवानों ने हालात को काबू कर लिया है और लाल किला परिसर से प्रदर्शनकारियों को बाहर कर दिया गया है.
हम सुबह से किसानों से अपील कर रहे हैं कि जो रास्ता दिल्ली पुलिस के साथ बैठक में तय हुआ है उसका पालन करें। काफी लोग उस रास्ते से चले गए हैं लेकिन कई लोगों ने पुलिस पर पथराव किया, ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की,बैरिकेड तोड़े। हमारे कुछ लोग घायल हुए हैं
शालिनी सिंह, ज्वाइंट कमिश्नर
लाल किला से किसानों को निकाला जा रहा है. पुलिस प्रदर्शनकारियों को निकालने की कोशिश कर रही है.
नागलोई में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया है. जिसके बाद किसानों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले इस्तेमाल किए.
दिल्लीनांगलोई इलाके में प्रदर्शनकारी किसानों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले इस्तेमाल किए। नागलोई में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया है. अब थोड़ी देर में संयुक्त किसान नेता बैठक करने जा रहे हैं.
भारतीय किसान यूनियन के जालंधर के अध्यक्ष अमरीक सिंह ने कहा, किसानों से अपील और निवेदन करता हूं कि जो निर्धारित रूट हैं वहीं जाएं. मैं हाथ जोड़ कर निवेदन करता हूं ऐसा ना करें. अनुशासन बनाए रखें. सरकार की तरफ से हमें रूट मिला है, उस ही को फॉलो करें. कुछ शरारती तत्व उन्हे बरगला रहे हैं, जो चाहते हैं शांति भंग हो. संयुक्त मोर्चा का यही निर्देश था कि किसान निर्देशित रूट पर ही जाएं, हमारी तरफ से दिल्ली में अंदर जाने का कोई निर्देश नहीं था. अगर किसान गलती से उधर चले गए हैं, वो तुरंत वापस आएं.
आंदोलन पर क्या बोले किसान नेता योगेंद्र यादव?
नेता योगेंद्र यादव ने कहा, यह बिना किसी संदेह के निंदनीय है और शर्मिंदगी का विषय है. यह गणतंत्र के लिए, देश के लिए शर्मिंदगी का विषय है. मैं किसान नेताओं और आंदोलन में शामिल लोगों से अपील करता हूं कि पुलिस के दिए रूट को ही मानें. जो लोग तय रूट से बाहर चले गए हैं उन्हें भी त रूट पर ही वापस आ जाना चाहिए. अभी मैं यह भी नहीं जानता कि यह हमारे संगठन के लोग हैं या कौन है? लेकिन ऐसा जो लोग भी कर रहे हैं वो निंदनीय है. मुझे अभी यह नहीं पता कि आगे क्या होगा, लेकिन मैं सिर्फ एक बार और अपील करना चाहता हूं कि इससे आंदोलन और किसान की छवि खराब हो रही है. ऐसा ना करें, पुलिस के रूट पर ही रहें.
दिल्ली में किसान प्रदर्शनकारियों के हंगामे के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि हिंसा किसी समस्या का हल नहीं है. राहुल गांधी ने ट्वीट किया, हिंसा किसी समस्या का हल नहीं है. चोट किसी को भी लगे, नुकसान हमारे देश का ही होगा. देशहित के लिए कृषि-विरोधी क़ानून वापस लो!
लाल किला पर चढ़े प्रदर्शनकारी किसान
तय रास्ते से हटकर दिल्ली में दाखिल हुए प्रदर्शनकारी किसान अब लाल किला के ऊपर चढ़ चुके हैं. यहां सैकड़ों किसान अपने अपने संगठन का झंडा हाथ में लेकर खड़े हैं.
आखिर किसान जाना कहां चाहते हैं?
एबीपी न्यूज ने जब प्रदर्शनकारी किसानों से पूछा कि आपको कहां जाना है तो उन्हें पता ही नहीं है कि जाना कहां है. कोई कह रहा है लाल किला जाना है, कोई कह रहा है इंडिया गेट जाना है, कोई कह रहा है कि जहां मोदी जी ले जाएंगे, तो कोई कह रहा है कि राकेश टिकेट जहां कहेंगे वहां चले जाएंगे. इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारी किसानों ने मीडियाकर्मी से सिर्फ उनकी बात करने के लिए भी जोर दिया.
तय रास्ते से हटकर दिल्ली के लाल किला पहुंचे प्रदर्शनकारी किसान
दिल्ली में सैकड़ों ट्रैक्टर घुस चुके हैं. ये सभी संयुक्त मोर्चा किसान संगठन से संबंधित बताए जा रहे हैं. किसान नेताओं का कहना है कि उनकी संयुक्त मोर्चा किसान संगठन से बात चल रही है. दिल्ली में घुसे किसानों को मुड़कर बाहर आने के लिए कहा जा रहा है.
पुलिस पर ट्रैक्टर चलाने की कोशिश
दिल्ली के आईटीओ रेड लाइट पर किसानों का हुड़दंग जारी है. बीच चैराहे पर तेज रफ्तार से ट्रैक्टर चलाए जा रहे हैं. प्रदर्शकारियों ने पुलिस पर भी ट्रैक्टर चलाने की कोशिश की. कुछ प्रदर्शनकारी मुंह पर कपड़ा बांधकर पुलिस पर पथराव कर कर रहे हैं.
लाल किला पहुंचे किसान
प्रदर्शनकारी किसान अब दिल्ली के लाल किले पहुंच चुके हैं. वहीं आईटीओ के पास पुलिस और किसान आमने सामने आ गए हैं. प्रदर्शनकारी किसान पुलिसकर्मियों पर पथराव कर रहे हैं. जवाब में पुलिस भी आंसू गैस के गोले छोड़ रहे हैं.
यूपी में शांति, कहीं भी लाठी चार्ज नहीं
किसानों की ट्रैक्टर रैली पर यूपी के । (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा, अभी तक पूरे उत्तर प्रदेश में सब कुछ सकुशल चल रहा है. सभी लोग हमारे किसानों से लगातार वार्ता कर रहे हैं. अभी तक शांति है. उत्तर प्रदेश में कहीं भी लाठीचार्ज नहीं किया गया है.
दिल्ली- प्रदर्शनकारी किसानों ने आईटीओ इलाके में पुलिसकर्मियों पर हमला किया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ी में भी तोड़-फोड़ की।
कुछ मेट्रो स्टेशन के एंट्री-एग्जिट गेट बंद
ट्रैक्टर रैली के दौरान कुछ जगह पर हिंसा के चलते डीएमआरसी ने कुछ मेट्रो स्टेशन पर एंट्री और एग्जिट दोनों गेट बंद किए. ये स्टेशन हैं- समयपुर बादली, रोहिणी सेक्टर 18ध्19, आजादपुर, आदर्श नगर, जीटीबी नगर, विश्वविद्यालय, विधानसभा, सिविल लाइन्स.
किसानों की ट्रैक्टर रैली गाजीपुर बॉर्डर से ITO के पास सराय काले खां पहुंच गई है. प्रदर्शनकारी किसानों ने आईटीओ इलाके में एक डीटीसी बस में तोड़फोड़ भी की.
किसान नेता राकेश टिकैट का बयान
किसान आंदोलन के नेतृत्व की कमान किसान नेता राकेश टिकैट के हाथों में है. ट्रैक्टर रैली के दौरान कुछ जगह पर हो रही हिंसा पर मीडिया से बात करते हुए राकेश टिकैट ने कहा, श्ट्रैक्टर रैली शांतिपूर्ण तरीके से चल रही है. मेरी जानकारी में ये नहीं है कि किसान हंगामा कर रहे हैं. मैं तो गाजीपुर बॉर्डर पर हूं. यहां ट्रैफिक कंट्रोल कर रहा हूं. तिरंगा हमारी आन-बान-शान है. हमारा आंदोलन जारी रहेगा. दिल्ली से किसान वापस लौट जाएंगे.श्
किसानों को रोकने की कोशिश जारी
पुलिस लगातार किसानों को समझा रही है कि अपने तय रूट पर मार्च निकाले, लेकिन किसान नहीं मान रहे हैं. किसान लगातार आगे दिल्ली की ओर बढ़ते ही जा रहे हैं. सीमेंट से बने ब्लॉक्स तक उन्होंने तोड़ दिए. कहीं कहीं पर पुलिस सड़क पर बैठ गई है और किसानों से कह दिया है कि अगर उन्हें आगे बढ़ना है तो उन्हें उनके ऊपर से होकर गुजरना होगा.
किसानों ने अनुशासन तोड़ा, सुरक्षा घेरा भी टूटा
किसान पूरी तरह से निर्धारित रूट को तोड़कर दिल्ली में घुस चुके हैं. दिल्ली पुलिस और किसान संगठनों के बीच ट्रैक्टर रैली निकालने के लिए रूट निर्धारित किया गया था. लेकिन अब किसान अनुशासन तोड़ चुके हैं. सुरक्षा गहरा टूट चुका है. पुलिस रोड के साइड में खड़ी है. किसान लाल किले की ओर बढ़ रहे हैं.
किसान नेता का बयान
किसान नेता कक्काजी ने कहा, पुलिस को हमें तय रास्ते पर जाने देना चाहिए था, लेकिन पुलिस ने हमें रोके रखा. जब प्रशासन अपनी बात पर अडिग नहीं रही, तो किसानों को भी थोड़ा रास्ता बदलना पड़ा. प्रशासन हमें लाइनअप नहीं करने दे रहा था, तो किसानों को तय समय से पहले आगे बढ़ना पड़ा. हम स्थिति कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं. कोई वारदात नहीं होगी, सबकुछ काबू में है.
तय रास्ते से हटकर दिल्ली में घुसे किसान
ट्रैक्टर मार्च निकालने वाले किसान अब दिल्ली में दाखिल हो चुके हैं. किसान मजदूर संघर्ष कमिटी ने तय रूट का उल्लंघन करते हुए बैरिकेड तोड़ दिए और अब आउटर रिंग रोड होते हुए लाल किला की तरफ बढ़ रहे हैं. हालांकि बाकी संगठन निर्धारित रूट से ही जा रहे हैं. शांतिपूर्व प्रदर्शन का दावा करने वाले किसान हंगामा कर रहे हैं. उन्होंने अपना प्रदर्शन भी तय वक्त से पहले शुरू कर दिया.
दिल्ली के सभी रास्तों पर पुलिस तैनाती बढ़ाई गई
रिंग रोड से कनॉट प्लेस और सेंट्रल दिल्ली की तरफ आने वाले सभी रास्तों पर पुलिस तैनाती बढ़ा दी गई है. मिंटो ब्रिज से वाहनों की आवाजाही बंद कर बैरिकेड लगा दिए गए हैं. रेलवे स्टेशन जाने वाले यात्रियों को पैदल ही जाने को कहा जा रहा है. अग्रसेन ब्रिज पर भी रास्तों में बसें खड़ी कर पुलिस ने रास्ता ब्लॉक कर दिया है. आरएएफ की कंपनी भी तैनात की गई है.
आंदोलनकारी किसान अक्षरधाम और इंद्रप्रस्थ पार्क के सामने से गुजर चुके हैं. अब प्रगति मैदान की ओर बढ़ गए हैं. वहीं अब प्रदर्शनकरी किसानों द्वारा मुकरबा चैक पर पुलिस बैरिकेडिंग को हटाने की खबर आई है.
आज गणतंत्र दिवस पर भारी सुरक्षा के बीच हजारों किसान अपने ट्रैक्टरों के साथ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रवेश करेंगे. जबकि किसान संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर एक फरवरी को वार्षिक बजट प्रस्तुत किए जाने के दिन संसद की तरफ पैदल मार्च की घोषणा की है. अभूतपूर्व श्किसान गणतंत्र परेडश् सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर से दिल्ली में प्रवेश करेगी, जिसके मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.
तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठन लगभग दो महीने से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान यूनियनों ने सोमवार को कहा कि राजपथ पर आधिकारिक गणतंत्र दिवस परेड समाप्त होने के बाद ही उनकी ट्रैक्टर परेड शुरू होगी. उन्होंने दावा किया कि लगभग दो लाख ट्रैक्टरों के परेड में भाग लेने की उम्मीद है. इस बीच, प्रदर्शकारी किसान संगठनों ने सोमवार को घोषणा की कि वे एक फरवरी को केंद्रीय वार्षिक बजट के दिन विभिन्न स्थानों से संसद की तरफ कूच करेंगे.
संसद की तरफ पैदल मार्च
क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेता दर्शनपाल ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग पर अडिग हैं और मांगें पूरी होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने कहा, ष्हम एक फरवरी को बजट के दिन विभिन्न स्थानों से संसद की तरफ पैदल मार्च करेंगे. जहां तक कल की ट्रैक्टर रैली की बात है तो इससे सरकार को हमारी शक्ति के बारे में एक एहसास होगा और उसे पता चलेगा कि आंदोलन केवल हरियाणा या पंजाब तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश का आंदोलन है.
तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने और उनकी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी देने की मांग को लेकर हजारों किसान, जिनमें ज्यादातर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं, 28 नवंबर से दिल्ली के कई सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं.
11वें दौर की बातचीत बेनतीजा
सरकार और 41 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच 11वें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही थी. दसवें दौर की वार्ता में सरकार ने नए कृषि कानूनों को एक से डेढ़ साल तक निलंबित रखने की पेशकश की थी, लेकिन किसान यूनियनों ने इसे खारिज कर दिया था. सरकार ने यूनियनों से 11वें दौर की वार्ता में प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने और अपने निर्णय से अवगत कराने को कहा था.
राजपथ और दिल्ली के अन्य सीमा बिन्दुओं पर हजारों सशस्त्र कर्मी तैनात किए गए हैं तथा गणतंत्र दिवस की परेड और किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
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नजफगढ़ देहात के लिए अच्छी खबर – दिल्ली मेट्रो की ग्रे लाइन का विस्तार रावता मोड़ और जाफरपुर तक होगा!