कृषि विज्ञान केंद्र, उजवा, दिल्ली की 24वीं वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक भा.कृ.अनु.प. के दिशानिर्देशानुसार विभिन्न हितधारकों के साथ दिनांक 25 जून, 2024 को के.वी.के, परिसर में डॉ. बिजेंद्र सिंह, अध्यक्ष, राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान, जनकपुर की गरिमामयी अध्यक्षता में आयोजित की गई थी। यह बैठक कृषि विज्ञान केन्द्र की वार्षिक गतिविधियों का मूल्यांकन एवं आगामी वार्षिक योजना बनाने के लिए आयोजित की जाती है। इस बैठक में विशिष्ट अतिथि के रूप में वर्चुअल रूप से डॉ. जे. पी. मिश्रा, निदेशक, भा.कृ.अनु.प कृषि तकनीकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोन-2, जोधपुर, (राज.), श्री राजबीर सिंह, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान, जनकपुरी, दिल्ली, डॉ. रवीन्द्रनाथ पडारिया, संयुक्त निदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा, नई दिल्ली, डॉ. बी.एस. तोमर, अध्यक्ष, सब्जी विभाग, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा, नई दिल्ली एवं डॉ. बी.एल. जांगिड, प्रधान वैज्ञानिक, भा.कृ.अनु.प कृषि तकनीकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोन-2, जोधपुर, (राज.) आदि उपस्थित हुए। डॉ. बिजेंद्र सिंह ने पिछले वर्षों में केवीके द्वारा की गई पहल की सराहना की एवं केवीके के जनादेश को प्राप्त करने के साथ-साथ दिल्ली के किसानों के लिए नवीनतम आयामों के साथ ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि रूप में भागीदारी कर रहे डॉ. जे. पी. मिश्रा, निदेशक ने केन्द्र के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि हमें दिल्ली के क्षेत्र के परी-नगरीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए किसानों की आय बढ़ाने के लिए फलों एवं सब्जियों की गुणवत्ता युक्त पौधे एवं बीज उपलब्ध करवाने के लिए, समय पर किसानों की कृषि संबंधी समस्याओं का समाधान, आधुनिक कृषि जानकारी हस्तांतरण करने के लिए, कृषक उत्पादक किसानों को सीधे बाजार से जोड़ने के लिए एवं साथ ही साथ अन्य प्रदेशों के दूर- दराज के किसानों के लिए बाजार के आयामों के लिंक ज का कार्य करना चाहिए। इसके साथ उन्होंने कहा कि दिल्ली उपभोक्ता राज्य है, हम यहां के उपभोक्ताओं की मांग का अध्ययन करके अन्य राज्यों एवं किसानों के लिए प्रेरणा स्त्रोत एवं मार्गदर्शक बन सकते है। इस दौरान डा. मिश्रा जी ने केन्द्र की कई आगामी एवं वर्तमान गतिविधियों की समीक्षा करते हुए अधिक बेहतर करने के लिए अमूल्य सुझाव दिये।
इसी कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि डॉ. श्री राजबीर सिंह ने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र, दिल्ली दिल्ली देहात के किसान के समाज का स्तंभ बन चुका है, जो कृषि के विभिन्न क्षेत्रों जैसे बागवानी, फसल उत्पादन, पशुपालन, खाद्य प्रसंस्करण आदि में दिल्ली देहात में जमीनी स्तर पर विस्तृत रूप से कार्य कर रहा है। साथ ही साथ केन्द्र की गतिविधियों को सोशल मीडिया के माध्यम से हर गांव के किसान तक पहुंचाने का कार्य करना चाहिए एवं साथ ही दो तरह संचार के माध्यम से किसानों की प्रतिक्रिया पर भी अनुसरण करना चाहिए। इसी क्रम में डॉ. बी.एस. तोमर ने कहा कि केंद्र के विशेषज्ञों को मृदा की नमी संरक्षण, किसानों की आवश्यकता आधारित समस्याएं के निदान के लिए प्रशिक्षण, केन्द्र की दृश्यता बढ़ाने के लिए गुणवत्ता युक्त पौधे एवं उत्पादन का वितरण एवं मृदा की जांच के अनुसार उर्वरकों की सलाह आदि पर कार्य करना चाहिए। डॉ. विजय डागर, पशुपालन अधिकारी, दिल्ली सरकार ने स्वच्छ दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए, ऑक्सीटोसिन एवं अत्यधिक एंटीबायोटिक के उपयोग ना करने के लिए एवं बच्चा हुआ खाना पशुओं को नहीं खिलाने के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र को किसानों के बीच जागरूकता कार्यक्रम करना चाहिए।
कार्यक्रम के शुरुआत में डॉ. डी. के. राणा वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केंद्र, उजवा, दिल्ली ने उपस्थित गणमान्य सदस्यों का स्वागत करते हुए केन्द्र की वार्षिक गतिविधियों व आगामी योजना प्रस्तुत की। इस कार्यक्रम में समिति सदस्य के रूप में कृषि एवं बागवानी इकाई, दिल्ली सरकार, डीडी किसान एवं प्रगतिशील किसान एवं महिला किसानों ने भाग लिया एवं अमूल्य सुझाव दियें। कार्यक्रम के दौरान केन्द्र के विशेषज्ञों ने आगामी एवं विगत गतिविधियों को प्रस्तुत किया। क्रार्यक्रम के अन्तिम क्षण मे डॉ राणा ने सभी गणमान्य सदस्यों को धन्यवाद ज्ञापित किया।
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