20 लाख पैरामिलिट्री परिवारों की नाराजगी मोदी सरकार को पड़ी भारी

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
November 14, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

20 लाख पैरामिलिट्री परिवारों की नाराजगी मोदी सरकार को पड़ी भारी

-पुरानी पैंशन बहाली व दूसरी मांगों को लेकर वर्षों से संघर्षरत है एक्स पैरामिलिट्री वेलफेयर एसोसिएशन

नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- पैरामिलिट्री परिवारों की मांगों को लेकर वर्षों से संघर्ष कर रहे अलॉइंस आफ ऑल एक्स पैरामिलिट्री वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव रणबीर सिंह ने कहा कि मोदी सरकार को 20 लाख पैरामिलिट्री परिवारों की नाराजगी भारी पड़ गई है। यदि सरकार ने समय रहते पैरामिलिट्री परिवारों की मांगों को पूरा किया होता तो आज बीजेपी को यह दिन नही देखना पड़ता।
            रणबीर सिंह ने प्रैस विज्ञप्ति तारी करते हुए कहा कि अर्ध सैनिक बलों के जवानों को ना पुरानी पैंशन, ना वन रैंक वन पैंशन, ना अर्ध सैनिक कल्याण बोर्ड, ना अर्ध सैनिक स्कूल, ना ही अर्ध सेना झंडा दिवस कोष और ना ही एक्स मैन व शहीद का दर्जा यानि कि मरते रहो प्यारे फोकट में।
            महासचिव रणबीर सिंह कहते हैं कि 11 जनवरी 2023 को माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा सुनाए गए पुरानी पैंशन बहाली फैसले के खिलाफ केंद्रीय सरकार के सुप्रीम कोर्ट में चले जाने से 12 लाख सेवारत पैरामिलिट्री जवानों व उनके परिवारों में केंद्रीय सरकार के प्रति भारी रोष व्यापत है। केंद्रीय मंत्रियों से लेकर माननीय प्रधानमंत्री जी तक विभिन्न सेरेमोनियल कार्यक्रमों के दौरान झंडे की सलामी लेते हैं तो फिर सवाल उठता है कि क्या पैरामिलिट्री फोर्सेस बिना झंडे के हैं। जहाँ तक पदोन्नति का सवाल है सिपाही जी से लेकर डीआईजी तक सब परेशान है। एक ही रैंक में 15 से 22 साल लग रहें हैं हम सुरक्षा बलों के कैडर आफिसर की पद्दोउन्नति की बात कर रहे हैं। आज 1 लाख से ज्यादा पद सिपाहियोंव आफिसर के पद खाली है डयुटी की अधिकता व गैर मौसमी चुनावों के चलते पिछले 6 महिने से जवानों की छुट्टियाँ का प्लान गड़बडा गया और माननीय गृहमंत्री जी द्वारा घोषित 100 दिनों की छुट्टी देने का फार्मूला जुमला साबित हो गया।
           सरकार के पास पुर्व अर्ध सैनिकों की पैंशन, पुनर्वास व कल्याणकारी योजनाओं को समयबद्ध तरीके से लागू करने की कोई योजना विचाराधीन नहीं है कल्याण के नाम पर बनीं संस्था वार्ब (गृह मंत्रालय) एक सफेद हाथी सिद्ध हो रहा है। दुख की बात है कि मोदी जी सरकार सीजीएचएस सुविधा को भी आयुष्मान (आभा) से लिंक करने जा रही है जिससे केंद्रीय कर्मचारियों में संशय की स्थिति बन गईं है।
            एक ही रैंक में 15-20 साल, घर परिवार से सैकड़ों हजारों किलोमीटर दूर, लम्बे समय से पदोन्नति से वंचित, सिपाहियों से लेकर आफिसर रैंक में भारी रिक्तियाँ, बच्चों के लिए अच्छे स्कुलो की कमी, बुढे माँ बाप का सही समय पर इलाज का ना होना, बिना पुरानी पैंशन, बिना सुविधाओं के चलते वर्तमान सरकार के प्रति 20 लाख पैरामिलिट्री जवानों के परिवारों में रोष व्यापत होना लाजिमी है और इसका असर लोक सभा चुनावों में साफ़ तौर पर देखने को मिला। सरकारें भूल गई कि चुनावों के दौरान केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों के जवान एक निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
        महासचिव रणबीर सिंह के कहे अनुसार केंद्रीय व राज्य सरकारों द्वारा पैरामिलिट्री जवानों व उनके परिवारों के साथ किए जाने वाले सौतेले व्यवहार के खिलाफ, पैंशन व अन्य सुविधाओं को लेकर आने वाले अक्टूबर माह 2024 में दिल्ली में जोरदार धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox