
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- पंजाब में जहरीली शराब पीने के मामले में अब अधिकारियों पर गाज गिरनी शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इस मामले में 13 अधिकारियों को सस्पेंड किया है जिसमें 7 आबकारी अधिकारी और 6 पुलिसकर्मी शामिल है। जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या पंजाब में लगातार बढ़ रही है। शनिवार देर रात तक यह संख्या बढ़कर 86 हो गई। तरनतारन में सबसे ज्यादा मौतें 63, अमृतसर में 12 और गुरदासपुर के बटाला में हुईं।
बुधवार रात से शुरू हुई राज्य की त्रासदी में शुक्रवार रात तक 39 लोगों की मौत हो गई थी। मौत का आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। सरकार ने मृतकों के परिवारों के लिए दो लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। वहीं, इस मामले में अब तक 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जहरीली शराब मामले में शनिवार को आबकारी एवं कराधान विभाग के 7 अधिकारी व इंस्पेक्टर और पंजाब पुलिस के दो डीएसपी व चार एसएचओ को निलंबित कर इनके खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। फेसबुक पर ‘कैप्टन से सवाल’ प्रोग्राम की 13वीं कड़ी के दौरान मुख्यमंत्री ने आबकारी एवं कराधान अधिकारी (ईटीओज) के निलंबन का ऐलान किया, जिनमें गुरदासपुर से लवजिंदर बराड़, अमृतसर से बीएस चाहल और तरन तारन से मधुर भाटिया शामिल हैं। इसी तरह आबकारी एवं कराधान इंस्पेक्टर, जिन्हें तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है, वे हैं- रवि कुमार (गुरदासपुर), गुरदीप सिंह (अमृतसर), फतेहबाद से पुखराज और तरन तारन सीटी से हितेश प्रभाकर। इनके अलावा, ड्यूटी में कोताही बरतने के आरोप में निलंबित किए पुलिस अधिकारियों में डीएसपी जंडियाला (अमृतसर ग्रामीण) और डीएसपी सब-डिवीजन तरन तारन के अलावा थाना तरसिक्का (अमृतसर ग्रामीण), सीटी बटाला (बटाला पुलिस जिला), थाना सदर तरन तारन और थाना सीटी तरन तारन के एसएचओज शामिल हैं।
उधर, तरनतारन के एसएसपी ने बताया कि एसएसपी ने बताया कि पुलिस ने आज 82 स्थानों से 375 लीटर अवैध शराब, 16 लीटर अल्कोहल, और 4 हजार 410 किलो लाहन बरामद की है। पुलिस ने विभिन्न थानों में 14 मुकदमे भी दर्ज किए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई सरकारी अधिकारी या अन्य इस मामले में संलिप्त पाया जाता है, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जहरीली शराब के उत्पादन और बिक्री को रोकने में पुलिस और आबकारी विभाग की विफलता शर्मनाक है। आबकारी विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि पुलिस की छापेमारी में जब्त सामग्री के रासायनिक विश्लेषण की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है, लेकिन सतह की जांच से पता चला है कि यह सामग्री एक ऐसी बुरी आत्मा है जिसका उपयोग पेंट या हार्डवेयर उद्योग में किया जाता है। । पुलिस ने अब तक राज्य में 100 से अधिक स्थानों पर छापे के दौरान 17 और लोगों को गिरफ्तार किया है। अमृतसर, गुरदासपुर के बटाला और तरन तारन में शराब पीने से हुई मौतों की घटना के बाद पुलिस ने शुक्रवार को आठ लोगों को गिरफ्तार किया।
इस बीच, सीएम अमरिंद सिंह ने विपक्षी शिरोमणि अकाली दल से अपील की है कि वे इस त्रासदी का श्राजनीतिकरणश् न करें। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में ऐसी त्रासदी भी हुई। उन्होंने वर्ष 2012 और 2016 के उदाहरणों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि 2016 के मामले में, न तो कोई प्राथमिकी दर्ज की गई और न ही कोई गिरफ्तारी की गई। शिरोमणि अकाली दल ने शुक्रवार को पंजाब और हरियाणा की अदालतों के जज से न्यायिक जांच की मांग की, जबकि आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की।
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