हिन्दू धर्म में छठ पूजा का महत्व और बांस के सूप का उपयोग

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November 7, 2024

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हिन्दू धर्म में छठ पूजा का महत्व और बांस के सूप का उपयोग

नई दिल्ली/अनीशा चौहान/-  हिन्दू धर्म में छठ पूजा का अत्यधिक महत्व होता है। छठ पूजा के दौरान बांस के सूप को शुभ माना गया है। बांस एक प्राकृतिक वस्तु है, और छठ पूजा में प्रकृति की पूजा की जाती है। इसीलिए इस अवसर पर बांस के सूप का उपयोग किया जाता है, जिसे शुद्ध और पवित्र माना गया है।

क्यों होता है बांस का उपयोग?

ऐसी मान्यता है कि छठ पूजा में बांस के सूप का उपयोग करने से सूर्य देवता प्रसन्न होते हैं, जिससे व्रती महिलाओं को मनचाहा फल प्राप्त होता है। प्राचीन काल में प्राकृतिक वस्तुओं का ही उपयोग किया जाता था, और बांस की आसानी से उपलब्धता के कारण इसका पूजा में उपयोग शुरू हुआ। बांस एक तेजी से बढ़ने वाला पौधा है और इसे सूर्य देवता की ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, बांस से पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और धन का आगमन होता है।

कब मनाई जाएगी छठ पूजा?

द्रिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष 2024 में, छठ पूजा का पर्व 7 नवंबर (गुरुवार) को रात्रि 12:41 बजे से शुरू होगा और 8 नवंबर (शुक्रवार) को दोपहर 12:34 बजे इसका समापन होगा। इस प्रकार, 7 नवंबर को संध्या अर्घ्य और 8 नवंबर को प्रातःकाल अर्घ्य दिया जाएगा।

क्यों मनाई जाती है छठ पूजा?

छठ पूजा में मुख्य रूप से तीन अनुष्ठान शामिल होते हैं: नहाय खाय, खरना, और संध्या अर्घ्य। यह माना जाता है कि जो पति-पत्नी श्रद्धा और विश्वास से छठ माता का पूजन करते हैं, उनका स्वास्थ्य उत्तम रहता है और संतान सुख की प्राप्ति होती है।

छठ पूजा में बांस के अन्य उपयोग

छठ पूजा में बांस से बनी विभिन्न वस्तुओं का उपयोग होता है, जैसे कि बांस की टोकरी, सूप, और कोनी आदि। सूर्य देव की पूजा में विशेष रूप से बांस के सूप का ही उपयोग किया जाता है, और इसे पूजा का अभिन्न अंग माना गया है। बांस के सूप में ठेकुआ और अन्य फलों को रखा जाता है, जो पूजा में प्रसाद के रूप में अर्पित किए जाते हैं। बांस के सूप के बिना पूजा को अधूरा माना जाता है, और यह पूजा में आस्था, पवित्रता, और प्राकृतिक सम्मान का प्रतीक है।

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