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    हरियाणा में पराली जलाने पर सरकार की सख्त कार्रवाई


    हरियाणा/नई दिल्ली/अनीशा चौहान/- हरियाणा सरकार ने पराली जलाने के मामलों पर सख्त रुख अपनाते हुए किसानों और अधिकारियों पर कार्रवाई शुरू की है। राज्य में पराली जलाने के आरोप में 100 से अधिक किसानों पर एफआईआर दर्ज की गई है, जबकि 360 किसानों का चालान काटा गया है। इसके साथ ही, पराली जलाने वाले किसानों से लगभग 10 लाख रुपए जुर्माने के रूप में वसूल किए गए हैं।

    अधिकारियों पर भी हुई कार्रवाई

    पराली जलाने के मामलों में केवल किसानों पर ही नहीं, बल्कि अपने कर्तव्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर भी गाज गिरी है। हरियाणा सरकार ने कर्तव्य से पीछे हटने वाले 25 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा, 250 अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है।

    सुप्रीम कोर्ट की सख्ती

    पराली जलाने के बढ़ते मामलों पर सुप्रीम कोर्ट ने भी हरियाणा और पंजाब सरकार को तलब किया था। कोर्ट ने दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों को पराली जलाने के मामलों में सख्त कदम उठाने का आदेश दिया था और चेतावनी दी थी कि यदि कार्रवाई नहीं की गई तो सख्त कदम उठाए जाएंगे। इस बीच, दिल्ली सरकार भी हरियाणा पर आरोप लगाती रही है कि राज्य में पराली जलाने के कारण दिल्ली की वायु गुणवत्ता पर बुरा असर पड़ता है।

    पराली जलाने की घटनाओं में आई कमी

    हरियाणा के पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण ने जानकारी दी कि पिछले कुछ वर्षों में पराली जलाने की घटनाओं में 30 से 40 प्रतिशत तक कमी आई है। आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष 15 सितंबर से 29 अक्टूबर के बीच पराली जलाने के 739 मामले दर्ज किए गए हैं। इसी अवधि में 81 स्थानों पर पराली जलाने से रोका गया है।

    पिछले साल इसी अवधि में 1094 मामले सामने आए थे, जबकि 2022 में 1813 घटनाएं हुई थीं। वर्ष 2021 में सबसे अधिक 2413 पराली जलाने के मामले दर्ज किए गए थे। इस वर्ष की तुलना में पराली जलाने के मामलों में काफी कमी देखी जा रही है, जो सरकार की सख्त नीति और जागरूकता अभियान का परिणाम है।

    हरियाणा सरकार की इस सख्ती का उद्देश्य वायु प्रदूषण को नियंत्रित करना और पर्यावरण को सुरक्षित रखना है। उम्मीद है कि आने वाले समय में पराली जलाने की घटनाओं में और कमी आएगी और प्रदूषण की समस्या को हल किया जा सकेगा।

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