स्टिकर लगे फल खाते हैं? जानें इसका सेहत पर असर

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
December 22, 2025

हर ख़बर पर हमारी पकड़

स्टिकर लगे फल खाते हैं? जानें इसका सेहत पर असर

मानसी शर्मा/- फलों के ऊपर छोटे-छोटे स्टिकर देखना आम बात है। सुपरमार्केट या फल की दुकान पर सेब, केला, नाशपाती या अन्य फलों पर लगे इन स्टिकर को हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि ये स्टिकर क्यों लगाए जाते हैं? इनमें छिपी जानकारी का आपकी सेहत से क्या संबंध है? तो चलिए इस सीक्रेट के बारे में जानते हैं।
फलों पर स्टिकर लगाने का उद्देश्य

बता दें, फलों पर लगे स्टिकर सिर्फ सजावट के लिए नहीं लगाए जाते। बल्कि ये PLU कोड (Price Look-Up Code) स्टिकर होते हैं, जो फलों की पहचान, उनके प्रकार और उत्पादन प्रक्रिया की जानकारी देते हैं। इनका मुख्य उद्देश्य है-

पहचान और ट्रैकिंग:स्टिकर पर मौजूद PLU कोड से दुकानदार और उपभोक्ता यह जान सकते हैं कि फल किस प्रकार का है, कहां से आया है और यह जैविक (ऑर्गेनिक) है या नहीं।
मूल्य निर्धारण:सुपरमार्केट में बिलिंग के समय PLU कोड स्कैन करके फल का सही मूल्य निर्धारित किया जाता है। यानी एक सामान्य सेब और जैविक सेब के PLU कोड अलग होते हैं।
उत्पादन जानकारी:ये स्टिकर यह भी बताते हैं कि फल कैसे उगाया गया है, जैसे – जैविक, पारंपरिक या जेनेटिकली मॉडिफाइड (GMO)।
ट्रेसबिलिटी:अगर फल में कोई खराबी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो, तो स्टिकर की जानकारी के आधार पर उसे उसके स्रोत तक ट्रेस किया जा सकता है।
PLU कोड का मतलब

PLU कोड आमतौर पर 4 या 5 अंकों का होता है, जो फल की पैकेजिंग या स्टिकर पर लिखा होता है। इन अंकों का एक अलग अर्थ होता है, जो आपकी सेहत से सीधे तौर पर जुड़ा है।

4 अंकों का PLU कोड:यह कोड 4 से शुरू होता है, जो पारंपरिक तरीके से उगाए गए फलों को दर्शाता है। इन फलों में कीटनाशक (पेस्टिसाइड्स) और रासायनिक उर्वरकों का उपयोग हो सकता है। ऐसे फल खाने से पहले अच्छी तरह धोना जरूरी है, क्योंकि इन पर कीटनाशक के कुछ अवशेष रह सकते हैं।
5 अंकों का PLU कोड:ये कोड 9 से शुरू होता है, जो जैविक (ऑर्गेनिक) फलों को दर्शाता है। ये फल बिना रासायनिक कीटनाशकों और उर्वरकों के उगाए जाते हैं और इन्हें जैविक प्रमाणन प्राप्त होता है। जैविक फल आमतौर पर रासायनिक अवशेषों से मुक्त होते हैं, जिससे ये सेहत के लिए बेहतर माने जाते हैं।
5 अंकों का PLU कोड:ये कोड 8 से शुरू होता है, जो जेनेटिकली मॉडिफाइड (GMO) फलों को दर्शाता है। ये फल आनुवंशिक रूप से संशोधित बीजों से उगाए जाते हैं। GMO फलों को लेकर वैज्ञानिक समुदाय में अभी भी बहस चल रही है। कुछ अध्ययन कहते हैं कि ये सुरक्षित हैं, जबकि अन्य में इनके दीर्घकालिक प्रभावों पर चिंता जताई गई है। अगर आप GMO से बचना चाहते हैं, तो इस कोड वाले फलों से परहेज करें।
स्टिकर पर अन्य जानकारी

ज्यादातर फलों पर लगे स्टिकर खाने योग्य (एडिबल) और FDA (Food and Drug Administration) द्वारा अनुमोदित होते हैं। ये स्टिकर खाद्य-सुरक्षित सामग्री से बनाए जाते हैं, लेकिन इन्हें खाने की सलाह नहीं दी जाती। स्टिकर को हटाकर फल को अच्छी तरह धोना चाहिए, क्योंकि स्टिकर के नीचे गंदगी या बैक्टीरिया हो सकते हैं।

PLU कोड के अलावा स्टिकर पर अक्सर ब्रांड का नाम, फल का प्रकार (जैसे गाला सेब, कैवेंडिश केला), और उत्पादक देश की जानकारी भी होती है। कुछ स्टिकर पर QR कोड भी होते हैं, जिन्हें स्कैन करके आप फल की खेती, पैकेजिंग, और परिवहन की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

About Post Author

आपने शायद इसे नहीं पढ़ा

Subscribe to get news in your inbox