सुप्रीमकोर्ट ने कृष्ण जन्मभूमि मामले में मुस्लिम पक्ष की याचिका की खारिज

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
December 23, 2025

हर ख़बर पर हमारी पकड़

सुप्रीमकोर्ट ने कृष्ण जन्मभूमि मामले में मुस्लिम पक्ष की याचिका की खारिज

-वापस हाईकोर्ट जाने को कहा, मस्जिद कमेटी ने 15 मामलों के एक साथ सुने जाने के खिलाफ लगाई थी याचिका

नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- मथुरा कृष्ण जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी है। साथ ही, शीर्ष अदालत ने मुस्लिम पक्ष से हाईकोर्ट जाने को कहा है। दरअसल, मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें हाईकोर्ट ने इस विवाद से जुड़े 15 मुकदमों को एक साथ जोड़कर सुनवाई करने का फैसला लिया था।

शीर्ष अदालत ने वापस हाई कोर्ट जाने का दिया आदेश
पीठ ने मुस्लिम पक्ष को आदेश दिया, “याचिकाकर्ता ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को वापस लेने का आह्वान किया है। हम उच्च न्यायालय के समक्ष पुनर्विचार याचिका को पुनर्जीवित करने की स्वतंत्रता के साथ वर्तमान एसएलपी को खारिज करते हैं।“

हाईकोर्ट का कहना था कि ये सभी मुकदमे एक ही तरह के हैं और इनमें एक ही तरह के सबूतों के आधार पर फैसला होना है। ऐसे में, समय बचाने के लिए इन मुकदमों की सुनवाई एक साथ होनी चाहिए।

दिसंबर 2020 के बाद दर्ज हुए कई मामले
हिंदूवादी ने उच्च न्यायालय के समक्ष आवेदन में कहा कि 25 सितंबर, 2020 को मथुरा के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) के समक्ष मूल मुकदमा दायर किए जाने के बाद, 13.37 एकड़ भूमि के संबंध में कई अन्य मुकदमे दायर किए गए थे।
         उच्च न्यायालय ने आदेश दिया था, “ये मुकदमे समान प्रकृति के हैं। इन मुकदमों में कार्यवाही की जा सकती है और सामान्य साक्ष्य के आधार पर मुकदमों का फैसला एक साथ किया जा सकता है। अदालत का समय बचाने के लिए, होने वाले खर्च को बचाया जा सकता है।“

शीर्ष अदालत में पहले से दायर याचिका
शीर्ष अदालत पहले से ही मस्जिद समिति द्वारा दायर एक अन्य याचिका पर विचार कर रही है, जिसमें मथुरा अदालत के समक्ष लंबित विवाद से संबंधित सभी मामलों को खुद को स्थानांतरित करने के उच्च न्यायालय के 26 मई, 2023 के आदेश को चुनौती दी गई है। हिंदू पक्ष ने उच्च न्यायालय के समक्ष आग्रह किया था कि उसकी मूल सुनवाई उसी तरह चलानी चाहिए जैसे उसने बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि स्वामित्व विवाद में की थी।

About Post Author

आपने शायद इसे नहीं पढ़ा

Subscribe to get news in your inbox