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    शीशे से कब तक तोड़ोगे.. मैं मिटने वाला नाम नही..- एकनाथ शिंदे

    -मोदी की तारीफ में एकनाथ शिंदे ने पढ़ी कविता

    नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- पुराने संसद भवन में राजग की संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद नरेन्द्र मोदी की तारीफ व स्वागत में सभी नेताओं ने कुछ ना कुछ पेश किया ऐसे में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मोदी की तारीफ में कविता पाठ कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होने कहा मैं पत्थर पर लिखी इबादत हूं, शीशे से कब तक तोड़ोगे।

    लोकसभा चुनाव के नतीजों में एनडीए को बहुमत मिलने के 3 दिन बाद शुक्रवार को आयोजित बैठक में शामिल घटक दलों ने नरेंद्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुना। इसी के साथ नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। इस बैठक में राजनाथ सिंह ने मोदी के नाम का प्रस्ताव पेश किया। भारतीय जनता पार्टी से अमित शाह और नितिन गडकरी ने नरेंद्र मोदी के नाम पर अपनी सहमति दी। इस दौरान नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू और एकनाथ शिंदे समेत कई सहयोगी दलों के नेताओं ने मोदी को सर्वसम्मति से संसदीय दल का नेता चुने जाने का समर्थन किया। इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बैठक में उपस्थित लोगों को कविता सुनाकर मंत्रमुग्ध कर दिया। शिंदे ने अपनी कविता के जरिए मोदी की तारीफ में कहा कि वह जमीन से उठकर यहां तक पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि वह सबके दर्द को भली-भांति समझते हैं।
                संसदीय दलों की बैठक में एकनाथ ने कहा कि लोगों ने विकास को अहमियत दी है। विपक्षी दलों के नेताओं का काम केवल राजनीति करना था। इस लिए वह घर पर बैठ गए हैं। शिंदे ने मोदी को लेकर कहा कि उन्होंने बीते 10 साल के कार्यकाल में देश को नई बुलंदियां पर ले गए हैं। बैठक में एनसीपी के मुखिया अजीत पवार भी मौजूद रहे। अजीत ने कहा कि मोदी का तीसरी बार प्रधानमंत्री बनना बड़े गौरव की बात है।
               इसके बाद शिंदे ने कुछ पंक्तियां नरेंद्र मोदी के नाम समर्पित की। उन्होंने इन पंक्तियों को सुनाते हुए कहा – मैं उस माटी का वृक्ष नहीं, जिसे नदियों ने सींचा है, बंजर माटी में पलकर मैंने, मृत्यु से जीवन खींचा है। मैं पत्थर पर लिखी इबारत हूं, शीशे से कब तक तोड़ोगे। मिटने वाला में नाम नहीं, तुम मुझको कब तक रोकोगे।

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