‘शिक्षा की फैक्ट्रियों’ पर सीजेआई चिंतित, बोले- किसे दोष दें नहीं पता

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

December 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
3031  
December 23, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

‘शिक्षा की फैक्ट्रियों’ पर सीजेआई चिंतित, बोले- किसे दोष दें नहीं पता

-अग्रेजों के जमाने की शिक्षा पद्धति में बदलाव की सख्त जरूरत

नई दिल्ली/- चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमना ने वर्तमान शिक्षा प्रणाली पर खेद जताते हुए कहा कि यह अंग्रेजों के समय की पद्धति के समान है। उन्होंने कहा कि इसमें बदलाव लाने की सख्त जरूरत है।
              सीजेआई एनवी रमना ने शनिवार को कहा कि शिक्षा का एक ऐसा मॉडल विकसित करना चाहिए जो छात्रों को वास्तविक जीवन की चुनौतियों का सामना करना सिखाए, न कि आज्ञाकारी कार्यबल की तरह वो सिर्फ काम करें। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि ”कुकुरमुत्ते की तरह तेजी से बढ़ते शिक्षा के कारखानों” की वजह से शिक्षण संस्थान अपनी प्रासंगिकता खोते जा रहे हैं।
              सीजेआई ने आचार्य नागार्जुन विश्वविद्यालय से डॉक्ट्रेट की मानद उपाधि प्राप्त करने के बाद दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि शिक्षा को सामाजिक एकता हासिल करने और लोगों को समाज का बेहतर सदस्य बनाने में सहायक होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य औपनिवेशिक काल की तरह ही एक आज्ञाकारी कार्यबल तैयार करना रह गया है।
               सीजेआई ने कहा- ” सत्य ये है कि हम शिक्षा के कारखानों में तेजी से वृद्धि देख रहे हैं, जो डिग्री और मानव संसाधनों के अवमूल्यन की ओर ले जा रहे हैं। मुझे समझ नहीं आता कि किसे या किस तरह दोष दें।”
               सीजेआई ने शिक्षा व्यवस्था में बदलाव पर जोर देते हुए कहा कि यह देश में बदलाव का समय है। यूनिवर्सिटी अपने रिसर्च विंगों की सहायता से इसका सामाधान खोजे। सरकार भी इसमें फंड देकर उनकी मदद करे।

जस्टिस यू यू ललित बने 49वें सीजेआई, तीन महीने का होगा कार्यकाल, 27 अगस्त को लेंगे शपथ
बता दें कि सीजेआई इसी यूनिवर्सिटी से पढ़े हैं। इस कार्यक्रम में आंध्र प्रदेश के राज्यपाल और एएनयू के कुलाधिपति विश्वभूषण हरिचंदन भी उपस्थित थे। उन्होंने विश्वविद्यालय के 37वें और 38वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की। इस मौके पर शिक्षा मंत्री बी सत्यनारायण, कुलपति पी. राजा शेखर, आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा और अन्य न्यायाधीश भी उपस्थित थे।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox