नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- इस साल की शुरूआत में यूएन की एक बैठक में विश्व की प्रमुख शक्तिओं ने परमाणु बम को लेकर कहा था कि परमाणु युद्ध से किसी का भला नही हो सकता इसलिए विश्व की शक्तिओं को परमाणु युद्ध से बचना चाहिए। लेकिन पिछले कुछ समय से चीन के साथ कई देशों का तनाव बढ़ गया है। चीन से सटी भारत की सीमा पर लगातार तनाव देखने को मिल रहा है। इसी बीच एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें भारत, पाकिस्तान और चीन समेत कई देशों के परमाणु हथियारों के जखीरों के बारे में बताया गया है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिप्री) द्वारा जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन बहुत तेजी से परमाणु हथियार बना रहा है। हालांकि, भारत और पाकिस्तान ने भी पिछले एक साल में परमाणु हथियारों की संख्या को बढ़ाया है।
86 नए परमाणु हथियार
एसआईपीआरआई के निदेशक डैन स्मिथ ने कहा कि कई देशों के परमाणु शस्त्रागार पिछले साल बढ़े। इनमें चीन सबसे आगे रहा, जबकि अन्य परमाणु शक्तियों ने भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने के साथ-साथ उनका आधुनिकीकरण जारी रखा। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में परमाणु हथियारों की संख्या में आई कमी अब समाप्त होने की कगार पर है। एक साल पहले की तुलना में प्रमुख शक्तियों के सैन्य शस्त्रागार में अब 86 अधिक परमाणु हथियार हैं।
इस साल घटी थी संख्या
सिप्री के अनुसार, नौ परमाणु शक्तियों ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, भारत, इजरायल,
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- इस साल की शुरूआत में यूएन की एक बैठक में विश्व की प्रमुख शक्तिओं ने परमाणु बम को लेकर कहा था कि परमाणु युद्ध से किसी का भला नही हो सकता इसलिए विश्व की शक्तिओं को परमाणु युद्ध से बचना चाहिए। लेकिन पिछले कुछ समय से चीन के साथ कई देशों का तनाव बढ़ गया है। चीन से सटी भारत की सीमा पर लगातार तनाव देखने को मिल रहा है। इसी बीच एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें भारत, पाकिस्तान और चीन समेत कई देशों के परमाणु हथियारों के जखीरों के बारे में बताया गया है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिप्री) द्वारा जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन बहुत तेजी से परमाणु हथियार बना रहा है। हालांकि, भारत और पाकिस्तान ने भी पिछले एक साल में परमाणु हथियारों की संख्या को बढ़ाया है।
86 नए परमाणु हथियार
एसआईपीआरआई के निदेशक डैन स्मिथ ने कहा कि कई देशों के परमाणु शस्त्रागार पिछले साल बढ़े। इनमें चीन सबसे आगे रहा, जबकि अन्य परमाणु शक्तियों ने भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने के साथ-साथ उनका आधुनिकीकरण जारी रखा। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में परमाणु हथियारों की संख्या में आई कमी अब समाप्त होने की कगार पर है। एक साल पहले की तुलना में प्रमुख शक्तियों के सैन्य शस्त्रागार में अब 86 अधिक परमाणु हथियार हैं।
इस साल घटी थी संख्या
सिप्री के अनुसार, नौ परमाणु शक्तियों ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, भारत, इजरायल, उत्तर कोरिया, पाकिस्तान, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका में परमाणु हथियारों की कुल संख्या 2023 की शुरुआत में घट गई थी। पिछले साल की शुरुआत में हथियारों की संख्या 12,710 थी, जो इस साल की शुरुआत में घटकर 12,512 रह गई। इनमें से करीब 9,576 हथियार सैन्य भंडार में थे, जो एक साल पहले की तुलना में 86 अधिक है।
चीन ने बढ़ाया अपना बेड़ा
वर्तमान में संख्या 1980 के दशक के दौरान देखी गई 70,000 से अधिक है। इस पर स्मिथ ने कहा कि इस समय भंडार में जितने हथियार है वो प्रयोग करने योग्य हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने अपने हथियारों के बेड़े में सबसे ज्यादा वृद्धि की है। इसके भंडार में 350 हथियार थे, जो अब 410 की संख्या पर पहुंच गए।
अमेरिका के पास हथियारों का 90 प्रतिशत हिस्सा
वहीं, भारत, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया ने भी अपने हथियारों के भंडार में वृद्धि की है। रूस की संख्या 4,477 से बढ़कर 4,489 हो गई, जबकि शेष परमाणु शक्तियों ने अपने शस्त्रागार की संख्या को बरकरार रखा। रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका के पास अभी भी सभी परमाणु हथियारों का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा है।
इन देशों से पीछे भारत
भारत के परमाणु हथियार चीन और पाकिस्तान दोनों से कम हैं। भारत के पास चीन के आधे से भी कम परमाणु हथियार हैं। सिप्री की रिपोर्ट के मुताबिक, 86 नए हथियारों में से लगभग भारत के पास चार, पाकिस्तान के पास 5 और चीन के पास करीब 60, उत्तर कोरिया के पास 5 और रूस के पास 12 परमाणु हथियार हैं।
बेड़ों में वृद्धि
स्मिथ ने कहा कि बड़ी बात यह है कि 30 साल से अधिक समय से परमाणु हथियारों की संख्या में कमी आ रही थी। लेकिन अब हम इसे समाप्त होते हुए देख रहे हैं। हथियारों का बेड़ा लगातार वृद्धि कर रहा है।
पाकिस्तान, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका में परमाणु हथियारों की कुल संख्या 2023 की शुरुआत में घट गई थी। पिछले साल की शुरुआत में हथियारों की संख्या 12,710 थी, जो इस साल की शुरुआत में घटकर 12,512 रह गई। इनमें से करीब 9,576 हथियार सैन्य भंडार में थे, जो एक साल पहले की तुलना में 86 अधिक है।
चीन ने बढ़ाया अपना बेड़ा
वर्तमान में संख्या 1980 के दशक के दौरान देखी गई 70,000 से अधिक है। इस पर स्मिथ ने कहा कि इस समय भंडार में जितने हथियार है वो प्रयोग करने योग्य हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने अपने हथियारों के बेड़े में सबसे ज्यादा वृद्धि की है। इसके भंडार में 350 हथियार थे, जो अब 410 की संख्या पर पहुंच गए।
अमेरिका के पास हथियारों का 90 प्रतिशत हिस्सा
वहीं, भारत, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया ने भी अपने हथियारों के भंडार में वृद्धि की है। रूस की संख्या 4,477 से बढ़कर 4,489 हो गई, जबकि शेष परमाणु शक्तियों ने अपने शस्त्रागार की संख्या को बरकरार रखा। रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका के पास अभी भी सभी परमाणु हथियारों का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा है।
इन देशों से पीछे भारत
भारत के परमाणु हथियार चीन और पाकिस्तान दोनों से कम हैं। भारत के पास चीन के आधे से भी कम परमाणु हथियार हैं। सिप्री की रिपोर्ट के मुताबिक, 86 नए हथियारों में से लगभग भारत के पास चार, पाकिस्तान के पास 5 और चीन के पास करीब 60, उत्तर कोरिया के पास 5 और रूस के पास 12 परमाणु हथियार हैं।
बेड़ों में वृद्धि
स्मिथ ने कहा कि बड़ी बात यह है कि 30 साल से अधिक समय से परमाणु हथियारों की संख्या में कमी आ रही थी। लेकिन अब हम इसे समाप्त होते हुए देख रहे हैं। हथियारों का बेड़ा लगातार वृद्धि कर रहा है।
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