-पीएम मोदी- युद्ध के समाधान के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं करेंगे -भारत नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था बहाल करने में भाग लेगा- जेलेंस्की

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद पहली बार यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की मुलाकात जी-7 बैठक के दौरान जापान में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हुई। पीएम मोदी जापानी पीएम के आमंत्रण पर जी-7 समिट में शामिल होने के लिए जापान के हिरोशिमा शहर गए हैं। यहां पीएम ने जेलेंस्की के साथ द्विपक्षीय बैठक में भी भाग लिया।
               बता दें कि यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की इस समय दुनिया भर के बड़े और प्रमुख देशों से समर्थन की मांग कर रहा है। जानकारों की मानें तो जेलेंस्की रूस के ऊपर एक बड़ा हमला करने की तैयारी कर रहा है। इसी के लिए यूक्रेन प्रमुख देशों के साथ बैठक कर रहा है। पिछले महीने यूक्रेन के पहले उप विदेश मंत्री एमिन दजापरोवा भी भारत के दौरे पर आए थे। यात्रा के दौरान उप विदेश मंत्री ने विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी को एक पत्र सौंपा था, जो राष्ट्रपति जेलेंस्की द्वारा पीएम मोदी के लिए लिखा गया था।

शांति सूत्र में शामिल होने की मांग
पीएम मोदी से मुलाकात करने के बाद जेलेंस्की ने कहा कि मोदी को उनके शांति सूत्र के बारे में विस्तार से बताया है। मैंने भारत से इसके कार्यान्वयन में शामिल होने का आग्रह किया है। जेलेंस्की ने पीएम मोदी का धन्यवाद किया है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का समर्थन और मदद के लिए धन्यवाद। उन्होंने यूक्रेन में मोबाइल अस्पतालों की आवश्यकता के बारे में भी मोदी से बात की है।

पीएम ने पहले फोन पर की थी बात
बैठक के बाद अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि आखिर बैठक में दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच किन मुद्दों पर चर्चाएं हुई हैं। पिछले साल फरवरी में रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था। इसके बाद पीएम ने पुतिन के साथ-साथ जेलेंस्की से भी बात की थी। 4 अक्टूबर 2022 को राष्ट्रपति जेलेस्की से फोन पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि भारत किसी भी शांति के लिए किए जा रहे प्रयासों में योगदान दे सकता है। पिछले साल ही उज्बेकिस्तान में पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन की मुलाकात हुई थी। यहां पीएम ने पुतिन को युद्ध खत्म करने के लिए प्रेरित किया था। साथ ही उन्होंने कहा था कि आज का युग युद्ध का युग नहीं है।

विश्वास करें कि भारत नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था बहाल करने में भाग लेगाः जेलेंस्की
यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने शनिवार को कहा कि उनका मानना है कि भारत नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की बहाली में भाग लेगा, जिसकी सभी स्वतंत्र राष्ट्रों को स्पष्ट रूप से आवश्यकता है।जेंलेंस्की ने एक वीडियो साझा किया जिसमें उन्होंने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बात की। मैंने अपने शांति सूत्र की प्रगति पर एक अद्यतन दिया। हम विभिन्न हिस्सों से नेताओं और देशों को सूत्र प्रस्तुत करने के कई चरणों को पार कर चुके हैं।
                   बैठक में, पीएम मोदी ने आश्वासन दिया कि यूक्रेन संघर्ष को हल करने में मदद के लिए जो भी संभव होगा वह करेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि भारत और मैं संघर्ष को हल करने के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं, करेंगे। पिछले साल 24 फरवरी को शुरू हुए रूस-यूक्रेन संघर्ष के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात है।

जेलेंस्की से मिल बोले पीएम- युद्ध के समाधान के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं करेंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के हिरोशिमा में ळ7 शिखर सम्मेलन से इतर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की। पिछले साल शुरू हुए रूस-यूक्रेन संघर्ष के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली बैठक है। यूक्रेन के राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने कहा, “यूक्रेन युद्ध दुनिया का एक बड़ा मुद्दा है। मैं इसे सिर्फ अर्थव्यवस्था और राजनीति का मुद्दा नहीं मानता, मेरे लिए यह मानवता का मुद्दा है। भारत और मैं युद्ध के समाधान के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं वह करेंगे।“

फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों से मिले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों के साथ भी द्विपक्षीय बैठक की। नेताओं ने बैस्टिल दिवस के लिए प्रधानमंत्री की आगामी फ्रांस यात्रा पर चर्चा की और भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी में प्रगति का जायजा लिया। बैठक के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से ट्वीट कर बताया गया कि दोनों नेताओं ने मुलाकात के दौरान द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं का जायजा लिया। इसमें कहा गया है कि भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है।

क्या है जी-7 समिट
जी-7 दुनिया के सात सबसे विकसित और औद्योगिक महाशक्तियों का संगठन है। इसे ग्रुप ऑफ सेवेन (ळ7) के नाम से भी जाना जाता है।

इस संगठन में यह देश शामिल हैं-
संयुक्त राज्य अमेरिका
फ्रांस
यूनाइटेड किंगडम
कनाडा
Italy
जर्मनीFa
जापान
यूरोपीय संघ भी प्रतिनिधित्व करता है

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