राजधानी दिल्ली में जहरीली हवा का कहर जारी, एक्यूआई बेहद खराब स्तर पर

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
December 24, 2025

हर ख़बर पर हमारी पकड़

नई दिल्ली/उमा सक्सेना/-    राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का संकट लगातार गहराता जा रहा है। बुधवार सुबह दिल्लीवासियों की दिन की शुरुआत घने कोहरे, धुंध और स्मॉग की मोटी परत के साथ हुई। खराब मौसम और धीमी हवाओं के चलते राजधानी की हवा एक बार फिर बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई। एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम फॉर दिल्ली के मुताबिक, बुधवार सुबह राजधानी का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 355 दर्ज किया गया, जो सेहत के लिए गंभीर खतरे की ओर इशारा करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा हालात में दिल्ली गैस चैंबर जैसी स्थिति में पहुंच चुकी है।

दिल्ली के इलाकों में अलग-अलग स्तर पर प्रदूषण
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के सुबह आठ बजे के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के कई इलाकों में एक्यूआई बेहद खराब से गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया। अलीपुर में एक्यूआई 333, आनंद विहार में 374, अशोक विहार में 362, बवाना में 352 और चांदनी चौक इलाके में 382 तक पहुंच गया। वहीं मुंडका में 378, द्वारका सेक्टर-8 में 371, जहांगीरपुरी में 373, रोहिणी में 367, विवेक विहार में 373 और वजीरपुर में 368 एक्यूआई रिकॉर्ड किया गया। इन आंकड़ों से साफ है कि राजधानी के लगभग सभी हिस्से प्रदूषण की चपेट में हैं।

मौसम बना प्रदूषण बढ़ने की सबसे बड़ी वजह
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली की बिगड़ती हवा के पीछे मुख्य कारण मौसमी परिस्थितियां हैं। स्काईमेट के उपाध्यक्ष महेश पलावत के मुताबिक, तापमान में गिरावट और पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के कारण ठंडी हवा जमीन के पास फंस गई है। इसके चलते वाहनों से निकलने वाला धुआं, निर्माण कार्यों की धूल और अन्य प्रदूषक ऊपर नहीं उठ पा रहे हैं। हवा की रफ्तार बेहद कम होने और बारिश न होने से प्रदूषण का स्तर बाहर नहीं निकल पा रहा, जिससे स्थिति दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है।

क्या बताता है वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI)
वायु गुणवत्ता सूचकांक के अनुसार, 0 से 50 तक का स्तर साफ हवा को दर्शाता है, जबकि 51 से 100 के बीच हवा संतोषजनक मानी जाती है। 101 से 200 के बीच का स्तर मध्यम, 201 से 300 खराब, 301 से 400 बेहद खराब और 401 से 500 के बीच की स्थिति गंभीर श्रेणी में आती है। विशेषज्ञों का कहना है कि 300 से ऊपर का एक्यूआई आम लोगों की सेहत पर गंभीर असर डाल सकता है, जबकि दमा, हृदय रोग और सांस से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए यह स्थिति जानलेवा साबित हो सकती है।

About Post Author

आपने शायद इसे नहीं पढ़ा

Subscribe to get news in your inbox