
मानसी शर्मा /- हरियाणा के तेज गेंदबाज अंशुल कंबोज ने शुक्रवार को रणजी ट्रॉफी में एक अद्वितीय कीर्तिमान स्थापित किया। 23वर्षीय कंबोज ने केरल के खिलाफ ग्रुप C के मैच में एक पारी में सभी 10विकेट लिए। वह ये उपलब्धि हासिल करने वाले रणजी ट्रॉफी के तीसरे गेंदबाज बन गए। कंबोज ने 30.1ओवर में 49रन देकर यह शानदार रिकॉर्ड अपने नाम किया।
कंबोज से पहले 2 गेंदबाजों ने ये कीर्तिमान किया हासिल
इससे पहले, 1956में बंगाल के प्रेमांगशु चटर्जी (20रन देकर 10विकेट) और 1985में राजस्थान के प्रदीप सुंदरम (78रन देकर 10विकेट) ने ये कारनामा किया था। अब कंबोज, प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 10विकेट लेने वाले छठे भारतीय गेंदबाज बन गए हैं। इस सूची में अनिल कुंबले, सुभाष गुप्ते और देबाशीष मोहंती का भी नाम शामिल है।
कंबोज को तीसरे दिन के खेल से पहले केवल दो विकेट की आवश्यकता थी। उन्होंने बासिल थम्पी और शॉन रोजर को आउट करके यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। उनकी शानदार गेंदबाजी की बदौलत हरियाणा ने केरल को पहली पारी में केवल 291रन पर समेट दिया। इस दौरान कंबोज ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अपने 50विकेट भी पूरे किए।
स्नेहल और कश्यप ने भी बनाया रणजी ट्रॉफी में रिकॉर्ड
इससे पहले, गोवा के स्नेहल कौथांकर और कश्यप बाकले ने अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ तीसरे विकेट के लिए 606रन की साझेदारी की। यह रणजी ट्रॉफी की सबसे बड़ी साझेदारी का रिकॉर्ड बन गया। दोनों ने तिहरे शतक भी जड़े—स्नेहल ने नाबाद 314और कश्यप ने नाबाद 300रन बनाए। इस साझेदारी ने महाराष्ट्र के स्वप्निल गुगाले और अंकित बवाने द्वारा 594रन की साझेदारी का रिकॉर्ड तोड़ा।
भारतीय क्रिकेट में नए कीर्तिमान
अंशुल कंबोज की रिकॉर्ड-तोड़ गेंदबाजी और स्नेहल-कश्यप की ऐतिहासिक साझेदारी ने रणजी ट्रॉफी के इतिहास में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। ये उपलब्धियाँ भारतीय क्रिकेट की नई पीढ़ी के उभार को दिखाती हैं, जो भविष्य में और भी बड़े कारनामे कर सकती है।
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