नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- महाराष्ट्र की राजनीति में बीते लंबे समय से उथल-पुथल मची हुई है। सियासत में हुए उलटफेर के बाद से ही उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट के बीच जुबानी जंग जारी है। इसी बीच अब शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के एक बयान ने बवाल खड़ा कर दिया है। ठाकरे ने एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर तंज कसते हुए सारी मर्यादाऐं तोड़ते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी। उन्होंने कहा कि जूते पोंछने की औकात वाले लोग सरकार में बैठे हैं। उनका ये निशाना साफ तौर पर शिंदे की तरफ था हालांकि, उनके इस बयान का शिंदे ने भी कड़ा जवाब दिया है।
शिंदे ने ठाकरे के इस बयान का पलटवार करते हुए कहा कि जूते पोंछने वाले गरीब होंगे, लेकिन वे शायद आपसे ज्यादा ईमानदार हैं। क्योंकि, वे अपने परिश्रम की रोटी खाते हैं। वे विश्वासघाती नहीं हैं। रिक्शाचालक, टपरीवाले, चौकीदार भी समाज का नेतृत्व कर सकते हैं जो अपने पिता की उपलब्धियों की आलोचना करने का साहस भी नहीं रखते उनकी योग्यता के बारे में कुछ न कहना ही अच्छा है।
’कामकाजी लोगों से कोई सरोकार नहीं’
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि ये वो लोग हैं जो सिर्फ परिवार के बारे में सोचते हैं और कड़वाहट का चश्मा पहने रहते हैं। बिना काम किए पैसा और पद मिलने पर लोगों का दिमाग काम करने लगता है। उन्हें कामकाजी लोगों से कोई सरोकार नहीं है। मुंह में सोने का चम्मच लेकर पैदा हुए लोग नीचे के लोगों को, उनके काम को नीची नजर से देखते हैं।
क्या था ठाकरे का बयान
उद्धव ठाकरे ने कहा था कि जिस तरह से हमारी सरकार गिराई गई इसका बदला जरूर लिया जाएगा। जूते पोंछने की औकात वाले लोग सरकार में बैठे हैं। बारसू रिफाइनरी को लेकर मैंने पत्र लिखा था, लेकिन इतने दिनों तक वहां प्रोजेक्ट क्यों नहीं किया, क्यों लोगों से बात करनी थी। बुलेट ट्रेन, नाणार जैसे प्रोजेक्ट इसलिए हमने रोके क्योंकि लोग और महाराष्ट्र का हित नहीं है, आगे भी हम रोकेंगे।
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