मुंबई/- एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बनी महाराष्ट्र में सरकार अपने मंत्रीमंडल विस्तार को बार-बार टालती रही है। लेकिन ऐसा क्या है जो शिंदे मंत्रीमंडल विस्तार नही कर पा रहे है। क्या इसमें संजय राउत की गिरफ्तारी आड़े आ रही है या फिर उद्धव ठाकरे की चेतावनी। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री भले ही एकनाथ शिंदे हो गए हों, लेकिन शिवसैनिकों के लिए पार्टी का मतलब अभी भी स्व. बाला साहब ठाकरे ही हैं। उन्हीं की छवि के सहारे उद्धव ठाकरे की शिवसेना अपनी स्थिति लगातार मजबूत कर रही है। इससे भाजपा और एकनाथ शिंदे की टीम भी काफी परेशान दिख रही है। उन्हें लग रहा है कि कहीं गड़बड़ न हो जाए। बताते हैं इस डर के कारण पिछले एक महीने से मुख्यमंत्री शिंदे अपने मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर पा रहे हैं।
महाराष्ट्र में डरने-डराने की राजनीति चल रही है। एनसीपी नेता कहते हैं कि जब से वहां महाविकास अघाड़ी की सरकार बनी थी, तब से ही ये राजनीति चल रही है। शिवसेना के नेता अपने राज्यसभा सांसद संजय राउत की गिरफ्तारी को इसी नजरिए से देख रहे हैं। खुद पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे संजय राउत की गिरफ्तारी के बाद उनके घर गए। परिवार के लोगों से मिले। बाद में प्रेसवार्ता की और कहा कि आज की राजनीति बल से चल रही है। लेकिन वक्त बदलता रहता है। जब हमारा वक्त आएगा तो सोचिए, आपका क्या होगा?
उद्धव ठाकरे के इस वक्तव्य में उनकी तड़प और शिवसेना के लहजे में चेतावनी दोनों छिपी है। वह अपने विरोधियों को डर से भरी चेतावनी दे रहे हैं। उद्धव के बयान से ठीक पहले संजय राउत की गिरफ्तारी पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की प्रतिक्रिया आई। एकनाथ शिंदे ने बिना नाम लिए कहा कि रोज आठ बजे बजने वाला भोंपू तो अंदर चला गया। अब सुबह-सुबह भोंपू सुनने को नहीं मिलेगा। एकनाथ शिंदे के बयान में एक तीखा तंज छिपा है। इस तंज में उन्हें केंद्र सरकार के शीर्ष नेतृत्व से मिल रहा आत्म विश्वास झलक रहा है।
शिवसेना बोली- हम डरते नहीं
शिवसेना के संजय राउत ने गिरफ्तारी से पहले यही दिखाने की कोशिश की कि वह किसी से नहीं डरते। मानों वह कोई बड़ी लड़ाई लड़ने जा रही है। मुंबई के खबरनवीस बताते हैं कि पात्रा चॉल घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने समन भेजकर दो बार हाजिर होने के लिए कहा था। संजय राउत नहीं गए थे। रविवार को प्रवर्तन निदेशालय ने उनके घर पहुंचकर तलाशी, छानबीन अभियान शुरू किया। इस दौरान संजय राउत वहां पहुंचे। उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय की टीम के साथ जाने से पहले मां का आशीर्वाद लिया, पत्नी वर्षा राउत से गले मिले और इसके बाद आए।
संजय राउत के इस निडर भाव की पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सराहना की। उद्धव ने पूरा संदेश देने की कोशिश की कि शिवसेना और उसके नेता डरते नहीं हैं। वह संजय राउत के घर गए। इसके बाद प्रेस के सामने आए और कहा कि झुकने वाला कभी शिवसैनिक नहीं हो सकता। असली शिवसैनिक कभी नहीं झुकता। उन्होंने इस दौरान कहा कि संविधान की धज्जियां उड़ाकर विरोध करने वालों को जेल भेजा जा रहा है। ठाकरे ने कहा कि हमें संजय राउत पर गर्व है। राउत का अपराध क्या है? उद्धव ने कहा कि राउत ऐसे पत्रकार हैं, जो शिवसैनिक हैं और निडर हैं। भले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन मरने पर भी वह आत्म समर्पण नहीं करेंगे। शिवसेना प्रमुख ने साफ संदेश देने की कोशिश की कि वह और उनके समर्थक नेता, शिवसैनिक न तो इससे डरने वाले हैं और न ही झुकने वाले।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि तमाम लोगों को संजय राउत की गिरफ्तारी का पहले से आभास था। वह जरूरत से ज्यादा बोल रहे थे और प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश नहीं हो रहे थे। असहयोग कर रहे थे। जब उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है तो उन्हें डर कैसा.। हालांकि वर्तमान डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस तब डरा रहे थे। एनसीपी के कोटे से मंत्री रहे अनिल देशमुख की गिरफ्तारी के बाद यह डर बढ़ गया था। महाराष्ट्र भाजपा के एक बड़े नेता ने इस तरह के आरोपों को बेबुनियाद बताया।
प्रवर्तन निदेशालय तो अपना काम कर रहा है
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि तमाम लोगों को संजय राउत की गिरफ्तारी का पहले से आभास था। वह जरूरत से ज्यादा बोल रहे थे और प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश नहीं हो रहे थे। असहयोग कर रहे थे। जब उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है तो उन्हें डर कैसा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी कहा कि जिसने कोई अपराध नहीं किया है, उसे डरने की जरूरत नहीं है। लेकिन बात केवल यहीं तक सीमित नहीं है। महाराष्ट्र में विपक्ष में बैठे दल इसे राजनीतिक साजिश की संज्ञा दे रहे हैं।
क्या शिंदे के मंत्रिमंडल विस्तार में बड़ी बाधा है शिवसेना?
भाजपा के वरिष्ठ नेता कहते हैं कि एकनाथ शिंदे उप मुख्यमंत्री और देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बनते तो भाजपा के नेता महाराष्ट्र की राज्य सरकार को हर खतरे से बचा ले जाते। अब तो एक बड़ा दारोमदार शिवसेना पर है। भाजपा के वरिष्ठ नेता की बात बड़े पते की है। शिवसेना के संजय राउत गिरफ्तार होने से पहले बातचीत में कहते रहे कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार कब तक चलेगी, कहना मुश्किल है। सत्ता से हटने के बाद हर रोज पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे शिवसैनिकों से संवाद कर रहे हैं। वह एकनाथ शिंदे को पीठ में छुरा घोंपने वाले विश्वासघाती के तौर पर पेश कर रहे हैं। उद्धव के अलावा उनके बेटे आदित्य ठाकरे और पार्टी के तमाम नेता इसी उद्धव वाली लाइन पर चल रहे हैं। महाराष्ट्र की राजनीति में चल रही साजिशों पर राजनीतिक विशेषां का कहना है कि शिवसैनिकों के लिए पार्टी का मतलब अभी भी स्व. बाला साहब ठाकरे ही हैं। उन्हीं की छवि के सहारे उद्धव ठाकरे की शिवसेना अपनी स्थिति लगातार मजबूत करने की कोशिश कर रही है। हालांकि एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनने के बाद स्थिति मे ंबड़े बदलाव दिखाई देने की संभावना थी लेकिन उद्धव ठाकरे इसके विपरीत काम कर रहे है और शिवसेना को एकजुट करने में लगे है। इससे भाजपा और एकनाथ शिंदे की टीम भी तंग है। उन्हें लग रहा है कि कहीं गड़बड़ न हो जाए। बताते हैं इस डर के कारण पिछले एक महीने से मुख्यमंत्री शिंदे अपने मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर पा रहे हैं।
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