भारत ने गैर-बासमती चावल के निर्यात पर लगाई रोक, दुनिया में मची हलचल

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
November 13, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

भारत ने गैर-बासमती चावल के निर्यात पर लगाई रोक, दुनिया में मची हलचल

-आईएमएफ ने मोदी सरकार से की प्रतिबंध हटाने की अपील, अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया में लोग कर रहे पैनिक खरीददारी

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- भारत की नरेंद्र मोदी सरकार ने गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है जिसके बाद से अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों में चावल की खरीद के लिए अफरा-तफरी का माहौल है। इसे लेकर अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया के सुपरमार्केट्स ने चावल की खरीद को लेकर एक सीमा तय कर दी है जिससे चावल की पैनिक खरीददारी को रोका जा सके। वहीं अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत की मोदी सरकार से गैर-बासमती चावल के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाने का आग्रह किया है।

आईएमएफ का कहना है कि ऐसे फैसले पूरी दुनिया में हानिकारक प्रभाव डालते हैं। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गौरींचस ने कहा कि इस प्रकार के प्रतिबंधों से दुनिया के बाकी देशों में खाद्य कीमतों में अस्थिरता बढ़ने की संभावना है। उन्होंने कहा कि भारत के प्रतिबंध का वैसा ही प्रभाव होगा जैसा कि रूस-यूक्रेन के बीच काला सागर समझौता टूटने से हो रहा है। गेहूं के शीर्ष निर्यातकों में शामिल यूक्रेन काला सागर के जरिए अपना गेहूं विश्व बाजार में भेजता है लेकिन हाल ही में रूस ने इस समझौते को रद्द कर दिया है जिस कारण अचानक से गेहूं की कीमतों में भारी उछाल आया है। गौरींचस ने कहा कि 2023 में वैश्विक अनाज की कीमतें 10-15 फीसदी तक बढ़ सकती हैं। उन्होंने कहा, ’यह निश्चित रूप से ऐसी कुछ चीजों में शामिल है जिन्हें हम इस प्रकार के निर्यात प्रतिबंधों को हटाने के लिए प्रोत्साहित करेंगें क्योंकि ऐसे प्रतिबंध विश्व स्तर पर हानिकारक हो सकते हैं।’
                 वहीं, समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए आईएमएफ रिसर्च डिपार्टमेंट के डिवीजन चीफ डेनियल ले ने कहा कि अगर भारत की तरह दुनिया के बाकी देश भी इस तरह के प्रतिबंध लगाने लगें तो वैश्विक महंगाई में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा, ’अगर भारत के साथ-साथ दूसरे देश भी सामानों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने लगे…तो हम समझते हैं कि भारत की घरेलू जरूरतें हैं लेकिन अगर आप इसके वैश्विक प्रभाव को देखते हैं तो यह महंगाई को बढ़ाने का काम करेगा। इसलिए हमारा मानना यह है कि इस तरह के प्रतिबंधों को जल्द से जल्द चरणबद्ध तरीके से समाप्त किया जाना चाहिए।’

अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया की दुकानों ने तय की चावल खरीद की सीमा 
भारत के गैर-बासमती सफेद चावल पर प्रतिबंध की घोषणा के बाद से ही अमेरिका के सुपरमार्केट्स में लोगों की लंबी कतारें लगी हैं। लोग अपेक्षाकृत सस्ते चावल को खरीदकर स्टोर कर लेना चाहते हैं और एक बार में ही 10-10 पैकेट खरीद रहे हैं। इसे देखते हुए अमेरिकी दुकानों ने चावल खरीद की एक सीमा तय कर दी है यानी अब एक परिवार एक चावल का पैकेट ही खरीद पाएगा। सोशल मीडिया पर सुपरमार्केट्स के कई ऐसे वीडियो वायरल हो रहे हैं जिनमें लोग चावल की लंबी लाइनों में खड़े दिख रहे हैं। कुछ वीडियो में लोग एक साथ चावल के कई पैकेट्स खरीदते दिख रहे हैं। 
                अमेरिका की तरह ही कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में भी चावल की कीमतें बढ़ने से लोग घबराए हुए हैं और अधिक से अधिक चावल स्टोर कर रख लेना चाहते हैं। ऑस्ट्रेलिया में सरी हिल्स में एक भारतीय किराना स्टोर एमजीएम स्पाइसेस के प्रबंधक शिशिर शाइमा ने कहा अब उनके स्टोर में एक परिवार को केवल पांच किलो चावल का पैकेट खरीदने की अनुमति है।
                उन्होंने कहा, ’पिछले कुछ दिनों में, लोगों ने सामान्य से दोगुना चावल खरीदना शुरू कर दिया है इसलिए हमें प्रतिबंध लगाना पड़ा। कुछ लोग इससे नाराज भी हो रहे हैं कि हम उन्हें एक से अधिक चावल की पैकेट नहीं खरीदने दे रहे हैं लेकिन हम उन्हें एक से ज्यादा पैकेट नहीं दे सकते हैं।’

भारत ने क्यों लगाया चावल निर्यात पर प्रतिबंध
भारत सरकार ने आगामी त्योहारी सीजन के दौरान घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने और खुदरा कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए 20 जुलाई को गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था। भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश है जिसने साल 2022- 23 में चावल के वैश्विक निर्यात में 40 फीसद का योगदान दिया था।
                एक आधिकारिक बयान में खाद्य मंत्रालय ने कहा कि यह प्रतिबंध उसना चावल के निर्यात पर नहीं है। 2022-23 में भारत के गैर-बासमति सफेद चावल का कुल निर्यात 42 लाख डॉलर का था जबकि पिछले साल यह निर्यात 26.2 लाख डॉलर का था।  भारत गैर-बासमती सफेद चावल का निर्यात मुख्यतः अमेरिका, थाईलैंड, इटली, स्पेन और श्रीलंका को करता हैं 

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox