नई दिल्ली/अनीशा चौहान/- भारत और मालदीव के बीच रिश्तों में कड़वाहट अब समाप्त होती नजर आ रही है। लगभग एक साल की जुबानी जंग के बाद, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की हालिया यात्रा के दौरान दोनों देशों के रिश्ते में सुधार हुआ है। विदेश मंत्री जयशंकर ने मालदीव में भारत की मदद से कई परियोजनाओं का शिलान्यास किया और मालदीव ने 28 द्वीपों की व्यवस्था भारत को सौंपने का फैसला किया है। यह कदम चीन की भारत के खिलाफ बनाई गई रणनीति को असफल साबित करता है।
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने सोशल मीडिया पर इस निर्णय की घोषणा की। उन्होंने लिखा, “मालदीव के 28 द्वीपों में पानी और नाले से जुड़ी परियोजनाओं को सौंपे जाने पर डॉक्टर एस जयशंकर से मिलकर खुशी हुई। मैं भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करता हूँ।” इस घोषणा के साथ भारत अब मालदीव के इन द्वीपों पर पानी और सीवर सफाई की जिम्मेदारी निभाएगा।
मालदीव के इस कदम से चीन को करारा झटका लगा है। विदेश मंत्री जयशंकर की यात्रा पर चीन की पैनी नजर थी, और चीनी सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भारत के प्रभाव को लेकर चिंता जताई थी। मोहम्मद मुइज्जू ने पहले चीन से 36 द्वीप देने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन अब भारत ने 28 द्वीपों पर ध्यान केंद्रित करके चीन की योजनाओं को विफल कर दिया है। भारत ने मालदीव में 923 करोड़ रुपए का निवेश किया है, जिससे भारत और मालदीव के रिश्तों में नये सिरे से मजबूती आई है।
More Stories
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला का निधन, जानिए उनके जीवन से जुड़ा एक अहम किस्सा
दिल्ली में पूर्वांचलियों के नाम काटने की बीजेपी की साजिश का आरोप, केजरीवाल ने उठाए सवाल
कुमाऊं विश्वविद्यालय में हाईटेक नकल, परीक्षा में ChatGPT से नकल करते पकड़ा गया छात्र
रामनगर पुलिस ने एंबुलेंस में नशे का कारोबार कर रहे दो तस्करों को 58 किलो गांजे के साथ किया गिरफ्तार
गुनीत मोंगा की फिल्म ‘अनुजा’ को ऑस्कर 2025 के लिए लाइव-एक्शन शॉर्ट फिल्म श्रेणी में शॉर्टलिस्ट किया गया
विश्व ध्यान दिवस पर आरजेएस ने प्रवासी माह में काकोरी के शहीदों को श्रद्धांजलि दी