• DENTOTO
  • ब्रिक्स बैठक में भारत के एनएसए अजीत डोभाल ने चीन को दिया दो टूक संदेश

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    April 2025
    M T W T F S S
     123456
    78910111213
    14151617181920
    21222324252627
    282930  
    April 23, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    ब्रिक्स बैठक में भारत के एनएसए अजीत डोभाल ने चीन को दिया दो टूक संदेश

    -बोले-पहले लद्दाख में शांति हो फिर चीन से सामान्‍य होंगे रिश्‍ते..

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/जोहांसबर्ग/शिव कुमार यादव/- दक्षिण अफ्रीका के जोहांसबर्ग में ब्रिक्‍स देशों के राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) सम्‍मेलन में भारत के एनएसए अजित डोभाल ने जब चीन के वांग यी से मुलाकात कीतो उन्हे स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि जब तक लद्दाख में शांति नही हो जाती तब तक भारत-चीन के संबंध आगे नही बढ़ सकते। उन्होने कहा कि वास्‍तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जो स्थिति है उसकी वजह से आपसी भरोसा कम हुआ है। हालांकि वांग ने भी डोभाल से दोनों देशों के बीच रिश्‍तों को स्थिर करने की बात कही है। इसके जवाब में डोभाल ने दोनों देशों के आपसी हितों का जिक्र किया। बता दें कि वांग, चीन की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी की सेंट्रल कमेटी में सीनियर ऑफिशियल हैं। साथ ही साथ विदेश मामलों के लिए बने कमीशन के मुखिया भी हैं। चीन के पूर्व विदेश मंत्री रहे वांग को जानकार राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग का करीबी कहते हैं।
                   डोभाल ने सोमवार देर रात जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स समूह के एनएसए की बैठक के मौके पर वांग से जब मुलाकात की तो उन्‍हें सबकुछ स्‍पष्‍टता से कहा। भारत की तरफ से जोर देकर कहा गया है कि जब तक एलएसी के लद्दाख सेक्टर में शांति बहाल नहीं हो जाती तब तक संबंध सामान्य नहीं हो सकते। यह मीटिंग 14 जुलाई को जकार्ता में आसियान संगठन के विदेश मंत्रियों की मीटिंग से 10 दिन बाद हुई है। उस समय भी विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वांग से मुलाकात की थी। सीमा विवाद की वजह से भारत-चीन संबंध छह दशकों में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं।

    राजनीतिक आधार हुआ खत्‍म
    विदेश मंत्रालय की तरफ से डोभाल और वांग की मीटिंग पर जानकारी दी गई है। मीटिंग के दौरान डोभाल ने कहा कि साल 2020 के बाद से ही भारत-चीन सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी पर स्थिति ने रणनीतिक विश्‍वास और रिश्ते के सार्वजनिक और राजनीतिक आधार को खत्म कर दिया है। रीडआउट में कहा गया है, ’एनएसए ने स्थिति को पूरी तरह से हल करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाल करने के प्रयासों को जारी रखने के महत्व पर जोर दिया ताकि द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति में आने वाली बाधाओं को दूर किया जा सके।’ दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि भारत-चीन संबंध न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि क्षेत्र और दुनिया के लिए भी महत्वपूर्ण है।

    एलएसी पर हालात तनावपूर्ण
    चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से भी वांग यी के बयान का रीडआउट जारी किया गया है। यी ने डोभाल से कहा है कि ऐसी नीतियों को निर्धारित किया जाए जिससे आपसी भरोसे का निर्माण हो। साथ ही आपसी सहयोग पर भी ध्‍यान दिया जाना चाहिए। वांग ने कहा कि दोनों पक्षों को दोनों राष्‍ट्राध्‍यक्षों की तरफ से लिए गए रणनीतिक निर्णय का पालन करना चाहिए। इसके तहत स्‍पष्‍ट किया गया था कि ’चीन और भारत कोई खतरा नहीं हैं बल्कि एक-दूसरे के लिए विकास के अवसर प्रदान करते हैं।’ गलवान हिंसा के बाद से ही हाल के वर्षों में दोनों पड़ोसियों के बीच संबंध विशेष रूप से तनावपूर्ण रहे हैं। इसमें हिंसा में कम से कम 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox