बुजुर्ग दंपति ने प्यार की मिशाल पेश कर सब को चैंकाया

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बुजुर्ग दंपति ने प्यार की मिशाल पेश कर सब को चैंकाया

-उनके प्यार के सामने झुका प्रशासन, बुजुर्ग दंपति को साथ रहने का दिया आदेश, फिर हुई प्यार की जीत, कोरोना को हराया

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- यूपी के शाहजहांपुर के रहने वाले 65 वर्षीय बुजुर्ग कोरोना संक्रमित हो गए थे जिन्हें कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बुजुर्ग पत्नी ने अपने पति के साथ आइसोलेशन वार्ड में रहने की जिद पकड़ ली जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने बुजुर्ग पत्नी को आइसोलेशन वार्ड में पति के साथ रहने की इजाजत दे दी। 16 दिन के बाद बुजुर्ग पति ने कोरोना से जंग जीत ली।
                      थाना सदर बाजार क्षेत्र के नैनीताल बैंक के पास रहने वाले 65 वर्षीय श्याम प्रकाश त्रिपाठी 9 मई को कोरोना संक्रमित हो गए थे
जांच रिपोर्ट आने के बाद उन्हें कोविड-19 हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। मीना ने कहा कि पति के साथ पूरी जिंदगी जी ली है। अब वह अपने पति के साथ ही जीना मरना चाहती हैं। 58 वर्षीय पत्नी मीना त्रिपाठी ने पति के साथ कोरोना वार्ड में 16 दिन गुजारे और फिर पति ने कोरोना को मात दे अस्पताल से छुट्टी पाई।
                      बुजुर्ग पति पत्नी के प्यार की ऐसी कहानी, जिसे सुनकर आप भी भावुक हो जाएंगे। 40 साल पहले एक साथ जीने मरने की कसम खाने वाली पत्नी ने अपने कोरोना संक्रमित बीमार पति का एक पल के लिए साथ नहीं छोड़ा। कोविड-19 अस्पताल में अपने पति के साथ रहने की जिद के सामने स्वास्थ्य विभाग को भी झुकना पड़ा। बुजुर्ग पत्नी 16 दिनों तक कोविड-19 वार्ड में दूसरे संक्रमित मरीजों के बीच अपने पति की सेवा करती रही। खास बात यह रही कि हार्ट पेशेंट होने के बावजूद पति ने कोरोना की जंग जीत ली और अपने घर वापस आ गए। फिलहाल बुजुर्ग पति और पत्नी बेहद खुश हैं।
                        थाना सदर बाजार क्षेत्र के नैनीताल बैंक के पास रहने वाले 65 वर्षीय श्याम प्रकाश त्रिपाठी हार्ट के मरीज थे जो 9 मई को कोरोना संक्रमित हो गए थे। जांच रिपोर्ट आने के बाद उन्हें कोविड-19 हॉस्पिटल में भर्ती करने को कहा गया। जब उनकी 58 वर्षीय पत्नी मीना त्रिपाठी उन्हें ओसीएफ कोविड-19 हॉस्पिटल लेकर पहुंची तो स्वास्थ्य कर्मियों ने उन्हें वापस जाने को कहा लेकिन बुजुर्ग पत्नी मीना त्रिपाठी किसी भी कीमत पर अपने पति को अकेला छोड़ना नहीं चाहती थी। स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें भी संक्रमित हो जाने की हिदायत दी लेकिन उनके शब्द सुनकर स्वास्थ्य विभाग के पास कोई जवाब नहीं था। उनकी 58 वर्षीय मीना त्रिपाठी का कहना था कि उन्होंने अपने पति के साथ पूरी जिंदगी जी ली है। अब वह अपने पति के साथ ही जीना मरना चाहती हैं।
                         स्वास्थ्य विभाग को देना पड़ी पति के साथ रहने की परमिशन कोविड-19 हॉस्पिटल के आइसोलेशन वार्ड में सभी कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती थे। ऐसे में मानवीय आधार पर पत्नी के लिखित निवेदन के बाद ही उन्हें आइसोलेशन वार्ड में अपने पति के साथ रहने की इजाजत दी गई। इस दौरान मीना त्रिपाठी ने 16 दिन तक आइसोलेशन वार्ड में रहकर अपने पति की सेवा की। पति-पत्नी के प्यार और इलाज के बदौलत 65 वर्षीय श्याम प्रकाश त्रिपाठी ने कोरोना से जंग जीत ली और अपने घर वापस आ गए। खास बात यह रही कि उनकी पत्नी मीना त्रिपाठी की भी जब जांच की गई तो उनकी रिपोर्ट भी नेगेटिव आई।
                       58 वर्षीय पत्नी मीना त्रिपाठी बताती है कि उनकी शादी 9 फरवरी 1981 में हुई थी जिसके बाद से उन्होंने एक पल के लिए भी अपने पति को अकेला नहीं छोड़ा। वह अपने पति के साथ जिंदगी के हर पल उनके साथ खड़ी रही। पति हार्ट पेशेंट है ऐसे में कोरोना से जंग जीतकर वापस लौटने के बाद पति पत्नी दोनों बेहद खुश हैं।

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