पटना/शिव कुमार यादव/- केंद्र सरकार के विरोध के बावजूद हाल ही में बिहार में जातीय आधार पर संपन्न हुई जनगणना के आंकड़े अब सबके सामने आ गये है। बिहार सरकार ने महागठबंधन के जातीय जनगणना के ड्रीम प्रोजेक्ट की रिपोर्ट जारी कर दी है। सोमवार को मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने यह रिपोर्ट जारी की। बिहार में सामान्य वर्ग के लोगों की आबादी 15 प्रतिशत है। पिछड़ा वर्ग की आबादी 27 प्रतिशत से ज्यादा है, जबकि अनुसूचित जाति की आबादी करीब 20 फीसदी है। नीतीश कुमार सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट में यह बात आयी है। सोमवार को बिहार सरकार के प्रभारी मुख्य सचिव विवेक सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर आंकड़ों की पुस्तिका जारी की।

बिहार सरकार की ओर से कुल 214 जातियों के आंकड़े जारी किए गए हैं। इनमें कुछ ऐसी जातियां भी हैं जिनकी कुल आबादी सौ से भी कम है। 214 जातियों को अलावा 215वें नंबर पर अन्य जातियों का भी जिक्र रिपोर्ट में किया गया है। आंकड़ों की मानें, राज्य की आबादी 13,07,25,310 है। वहीं कुल सर्वेक्षित परिवारों की संख्या 2,83,44,107 है। इसमें पुरुषों की कुल संख्या 4 करोड़ 41 लाख और महिलाओं की संख्या 6 करोड़ 11 लाख है। राज्य में प्रति 1000 पुरुषों में 953 महिलाएं हैं।
बिहार में 81.99 प्रतिशत हिन्दू हैं
बिहार में 81.99 प्रतिशत यानी लगभग 82 फीसदी हिंदू हैं। इस्लाम धर्म के मानने वालों की संख्या 17.7 फीसदी है। शेष ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन या अन्य धर्म मानने वालों की संख्या 1 फीसदी से भी कम है। राज्य के 2146 लोगों ने अपना कोई धर्म नहीं बताया। बिहार में जब भारतीय जनता पार्टी के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी सरकार में थी, तभी बिहार विधानसभा और विधान परिषद ने राज्य में जाति आधारित गणना कराए जाने का प्रस्ताव पारित किया था। कोरोना की स्थिति संभालने के बाद 1 जून 2022 को सर्वदलिय बैठक में जाति आधारित गणना को सर्वसम्मति से करने का प्रस्ताव पारित किया गया।

जानिए, किस वर्ग की कितनी आबादी
सामान्य वर्ग – 15.52 फीसदी
पिछड़ा वर्ग- 27.12फीसदी
ओबीसी – 36.1फीसदी
अनूसूचित जाति- 19.65फीसदी
अनूसचित जनजाति – 1.68फीसदी
जानिए, किस जाति की कितनी आबादी
ब्राह्मण- 3.67फीसदी
राजपूत- 3.45फीसदी
भूमिहार- 2.89फीसदी
कायस्थ – 0.60फीसदी
यादव – 14.26 फीसदी
कुरमी- 2.87फीसदी
तेली- 2.81फीसदी
मुसहर- 3.08फीसदी
सोनार-0.68फीसदी
दो फेज में पूरी हुई थी जाति आधारित गणना
बिहार में जाति आधारित जनगणना का पहला चरण 7 जनवरी से शुरू हुआ था। इस चरण में मकानों को गिना गया। यह चरण 21 जनवरी 2023 को पूरा कर लिया गया था। वहीं 15 अप्रैल से दूसरा चरण की गणना की शुरुआत हुई। इसे 15 मई को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन, मामला कोर्ट में चला गया। इसके बाद पटना हाईकोर्ट ने गणना पर रोक लगा दिया था। बाद में फिर पटना हाईकोर्ट ने ही जाति आधारित गणना को हरी झंडी दी।दूसरे चरण में परिवारों की संख्या, उनके रहन-सहन, आय समेत अन्य जानकारियां जुटाई गईं। इसके बाद मामला सुप्रीमो कोर्ट में भी गया। लेकिन, कोर्ट ने इस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।


More Stories
5 साल की बच्ची को दिल्ली पुलिस ने सुरक्षित परिजनों से मिलाया
यात्रियों को बनाते थे निशाना, सिविल लाइंस पुलिस ने शातिर झपटमार को दबोचा
साजिश थी टक्कर ,टक्कर के बाद झगड़ा, फिर चोरी—पुलिस ने तोड़ा गैंग का नेटवर्क
भ्रष्टाचार के आरोपों पर बड़ी कार्रवाई, दो अहम पदों से अफसर बाहर
यूपी के जालौन में दिल दहला देने वाली घटना: आईफोन की जिद बनी 11वीं की छात्रा की मौत की वजह
रेहान वाड्रा की सगाई: परिवार और राजनीति से जुड़े रिश्तों का खास मौका