नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- स्पेशल 26 की तर्ज पर गले में सीबीआई का आई कार्ड पहने और हाथों में वायरलेस सेट लेकर 6 लोग ज्वेलरी की दुकान में पहुंचे। अंदर आते ही सभी ने कहा कि यह सीबीआई रेड है। हमें यहां अवैध सोने के कारोबार की शिकायत मिली है व दुकानदार से वहां मौजूद सोने के गहने बनाने के लिए खरीदे गए सोने का बिल मांगा। यह सब इतना तेजी से हुआ कि दुकानदार को कुछ समझने का मौका ही नहीं मिला, इसके बाद दुकानदार व कथित सीबीआई सौदेबाजी होती है और टीम 40 लाख रुपए और आधा किलो सोना लेकर वहां से निकल जाती है।
कथित सीबीआई टीम के चले जाने के बाद ज्वेलर को अंदेशा हुआ की ठगी हुई है, शिकायत मिलने पर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने चार आरोपियों को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया, जिनकी पहचान द्वारका निवासी संदीप भटनागर, उत्तम नगर निवासी पवन गुप्ता, योगेश कुमार और हिमांशु उर्फ दिनेश उर्फ बबलू के रूप में हुई है, पुलिस इनके दो और साथियों की तलाश कर रही है। संदीप भटनागर इस गिरोह का सरगना है और वह हिंदी फिल्म स्पेशल-26 से प्रभावित है और उसी की तर्ज पर वारदातों को अंजाम देता है।
15 मिनट में दिया ठगी की वारदात को अंजाम
क्राइम ब्रांच के स्पेशल पुलिस कमिश्नर आरएस यादव ने बताया कि हरप्रीत सिंह शाहदरा के फर्श बाजार स्थित अपने घर के ग्राउंड फ्लोर पर ज्वेलरी की दुकान चलाते हैं, पुलिस को दी अपनी शिकायत में उन्होंने बताया कि 17 अप्रैल को उनकी दुकान पर छह लोग आए, उनमें एक महिला भी थी, सभी लोगों ने अपने गले में सीबीआई के आई कार्ड पहन रखे थे।
सबके हाथ में वॉकी टॉकी और कुछ फाइलें थी, दुकान में आते ही उन लोगों ने दस्तावेज और गहनों की तलाशी लेना शुरू कर दिया। उन्होंने खुद को सीबीआई अधिकारी बताते हुए कहा कि उनके खिलाफ कई शिकायतें हैं कि वह सोने का अवैध कारोबार करते हैं। हरप्रीत सिंह ने बताया कि कथित सीबीआई अधिकारियों ने तलाशी लेनी शुरू किया कि उनकी बात समझ नहीं सके और कार्रवाई से डर गए।
मामला रफा-दफा करने को मांगे 1 करोड़
इसके बाद कथित सीबीआई अधिकारियों ने कहा कि अगर वह कार्रवाई से बचना चाहते हैं तो एक करोड़ रुपए देना पड़ेगा। अंत में 40 लाख रुपए और आधा किलो सोने पर सौदा तय हुआ, रुपए और सोना लेकर सभी आरोपी उनकी दुकान से चले गए, जाते-जाते आरोपियों ने दुकान के सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर भी ले गए।
1 करोड़ के बजाए कुछ मिनटों में ही 40 लाख लेने को तैयार होने की आरोपियों की जल्दबाजी शक का कारण बनी, हरप्रीत को यहीं से आरोपियों पर शक हुआ कि वह सीबीआई ऑफिसर नहीं बल्कि ठग हैं, इस पर हरप्रीत सिंह ने फर्श बाजार थाना में एफआईआर दर्ज करवाई।
सीसीटीवी कैमरों से मिला सुराग
मामले की गंभीरता को देखते हुए संयुक्त आयुक्त एस डी मिश्रा और उपायुक्त सतीश कुमार के नेतृत्व में टीम बनाई गई, टीम ने दुकान के आसपास पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला, जांच में पता चला कि आरोपियों ने दुकान से कुछ दूर पहले ही अपनी कार खड़ी की थी।
गाड़ी के नंबर से पकड़ा गया गिरोह का सरगना
सीसीटीवी फुटेज के विश्लेषण से सभी छह आरोपियों को पहचान की गई, गाड़ी नंबर के आधार पर पुलिस में संदीप भटनागर को द्वारका से गिरफ्तार किया। उसकी निशानदेही पर तीन अन्य आरोपियों को भी पुलिस ने दबोच लिया।
11 लाख रुपए, 104 ग्राम सोने जैसी पीली धातु बरामद
जांच में पता चला है कि इन सभी के खिलाफ अलग-अलग थानों में ठगी के मुकदमे दर्ज हैं, पुलिस पूछताछ कर या पता करने की कोशिश कर रहे हैं कि अब तक इन्होंने इस तरह की कितनी बार रेड की और कब से ठगी कर रहे हैं, आरोपियों से 11 लाख रुपए, 104 ग्राम सोने जैसी दिखने वाली पीली धातु का टुकड़ा, दो डी वी आर, पांच मोबाइल फोन बरामद हुए हैं।
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