• DENTOTO
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिले आगामी नोबल शान्ति पुरस्कार : स्वामी चिदानंद सरस्वती

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    May 2025
    M T W T F S S
     1234
    567891011
    12131415161718
    19202122232425
    262728293031  
    May 22, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिले आगामी नोबल शान्ति पुरस्कार : स्वामी चिदानंद सरस्वती

    -स्वामी चिदानन्द सरस्वती  ने किया आह्वान- माननीय प्रधानमंत्री, भारत,  नरेन्द्र मोदी जी को मिले आगामी नोबल शान्ति पुरस्कार-भारत के एक अनमोल रत्न माननीय मोदी  को मिले नोबल शान्ति पुरस्कार-स्वामी चिदानन्द सरस्वती

    ऋषिकेश/अनीशा चौहान/-  परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती  ने आज आह्वान किया कि  प्रधानमंत्री भारत,  नरेन्द्र मोदी  को मिले आगामी नोबल शान्ति पुरस्कार। आज 27 नवंबर, 1895 को अल्फ्रेड नोबेल ने पेरिस में स्वीडिश-नॉर्वेजियन क्लब में अपनी तीसरी और आखिरी वसीयत पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके अनुसार उनकी शेष बची संपत्ति का उपयोग उन लोगों को पुरस्कार देने के लिए किया जाना चाहिए, जिन्होंने पिछले वर्ष के दौरान मानव जाति को सबसे बड़ा लाभ पहुंचाया हो।

    आज इस विशेष दिवस पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि भारत में एक दिव्यात्मा है जो न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व के लिये एक वरदान है। उन्होंने भारत की प्राचीन विधा योग को पूरे विश्व के लिये सुलभ बनाया, ऐसे महापुरूष ऊर्जावान, तपस्वी, यशस्वी, कर्मठ कर्मयोगी प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी  वास्तव में ’नोबेल शांति पुरस्कार’ के हकदार हैं। स्वामी  ने कहा कि माननीय मोदी एक ऐसे व्यक्तित्व है जो बिना थके, बिना रुके, बिना झुके, बिना टूटे गंगा  के प्रवाह की तरह उनके विचारों, कार्यों और मानवता के प्रति समर्पण का प्रवाह प्रवाहित हो रहा है। गंगा  की तरह मोदी जी की भी अपने लिये कोई चाह नहीं है, बस दूसरों के लिये निरंतर सेवारत है। वे भारत को एक महान भारत की यात्रा की ओर अग्रसर कर रहे हैं। मोदी जी वास्तव में महान भारत की अनुपम यात्रा के भगीरथ हैं। सेवा व समर्पण रूपी संघ के संस्कारों से उनका जीवन पोषित हुआ है। उनकी जीवन यात्रा अहं से वयम् की यात्रा है, स्व से सर्वस्व की यात्रा है। राष्ट्र की यात्रा ही उनकी जीवन यात्रा है। उनका राजनीजिक जीवन भी राष्ट्र को समर्पित है। उन्होंने श्रीराम मन्दिर के माध्यम से राष्ट्र मन्दिर का निर्माण किया।

    स्वामी  ने कहा कि वर्तमान समय में विश्व के अनेक देशों से युद्ध और वैमनस्य की आवाज आ रही है, ऐसे में मोदी जी ने पूरे विश्व को योग का संदेश दिया। योग के माध्यम से पूरे विश्व को एकता, सद्भाव व समन्वय का संदेश दिया। उन्होंने विश्व को बताया कि योग केवल हमारे शरीर ही नहीं बल्कि हमारे मन और आत्मा के समन्वय के साथ वैश्विक सद्भाव लाने में भी सक्षम है। स्वामी  ने कहा कि माननीय मोदी जी के पूरे विश्व को बताया कि वर्तमान समय भारत को भारत की दृष्टि से देखने का है। यह समय है जब हम अपने देश की महानता और उसकी अनूठी पहचान को समझें और सराहें। भारत की दृष्टि से देखने का तात्पर्य है कि हम अपनी जड़ों से जुड़े रहें और अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संजोएं। यह समय है जब हम अपने इतिहास, कला, संगीत, और साहित्य को पुनः खोजें और उन्हें गर्व के साथ अपनाएं। हम अपने देश की समस्याओं को समझें और उनके समाधान के लिए मिलकर काम करें। यह समय है जब हम अपने समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलें और एक समृद्ध और सशक्त भारत का निर्माण करें। हम अपने देश की प्राकृतिक संपदाओं का संरक्षण करें और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए कदम उठाएं। हम अपने प्राकृतिक संसाधनों का सही उपयोग करें और उन्हें भविष्य के लिए संरक्षित रखें, हम अपने देश की सामाजिक समरसता को बनाए रखें और हर व्यक्ति को समान अधिकार और अवसर प्रदान करें।

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox