
नई दिल्ली/अनीशा चौहान/- दिल्ली पंचायत संघ ने राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के गंभीर मुद्दे पर नांगलोई सईदान में पंचायत प्रमुखों की बैठक आयोजित की। बैठक में मुख्यतः डीटीसी की खाली चल रही बसों से हो रहे प्रदूषण पर चर्चा हुई। पंचायत संघ प्रमुख थान सिंह यादव ने उपराज्यपाल से इस मुद्दे की गहन जांच की मांग की। उन्होंने सुझाव दिया कि मुख्यमंत्री, सरकारी कर्मियों और अधिकारियों को साइकिल से दफ्तर आने पर अतिरिक्त भत्ता देकर प्रोत्साहित करें, जिससे प्रदूषण को कम किया जा सके।
थान सिंह यादव ने कहा कि दिल्ली में डीटीसी की बसें एक के पीछे एक खाली चलती नजर आती हैं, जो प्रदूषण और ट्रैफिक जाम का बड़ा कारण बन रही हैं। उन्होंने मांग की कि प्रत्येक बस रूट की समीक्षा कर नए सिरे से सर्वेक्षण किया जाए। यादव ने सुझाव दिया कि बड़ी बसों की बजाय छोटी बसों को प्राथमिकता दी जाए, और इनके रूटों को छोटा रखा जाए ताकि प्रदूषण पर रोक लगाई जा सके।
पंचायत संघ का मानना है कि शहर के अंदर ज्यादा बसों को कम करके दिल्ली के गांवों में चलाया जाए, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में भी सार्वजनिक परिवहन की सुविधा मिले। इसके साथ ही, उन्होंने ग्रीन, रेड और ब्लू रंग की बसों के अलग-अलग जोन बनाकर बस संचालन का सुझाव दिया। यादव ने कहा कि डीटीसी की कई बसें खाली चलने से न सिर्फ पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि राजस्व का भी नुकसान हो रहा है।
उन्होंने बताया कि जिन कंपनियों की बसें किलोमीटर स्कीम पर चल रही हैं, वे बसें यात्रियों की संख्या की परवाह किए बिना बसें चलाती रहती हैं। इन बसों का मुख्य उद्देश्य केवल अपने चक्कर पूरे करना होता है, जिससे डीटीसी के राजस्व को भी हानि हो रही है।
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