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    May 5, 2025

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    प्यार एक तरफा नहीं होता

    डॉ. सुमन शर्मा/- प्यार का अनुभव हमेशा दोतरफा होता है। मेरी एक दोस्त का कहना है कि प्यार हमेशा एकतरफा होता है, जहां एक व्यक्ति अधिक प्रेम करता है और दूसरा कम। पर मेरा मानना है कि प्यार एक ऐसा भाव है जिसमें दो लोग एक ही आवृत्ति पर जुड़े होते हैं। यह जुड़ाव इतना गहन होता है कि बिना शब्दों के, वे एक-दूसरे की जरूरतों और इच्छाओं को समझ लेते हैं।

    प्यार का यह भाव केवल दो जीवित लोगों के बीच नहीं होता, बल्कि यह निर्जीव वस्तुओं, उद्देश्यों या जानवरों के साथ भी हो सकता है। प्यार की यह व्यापकता इसे एक अनमोल अनुभव बनाती है।

    हमारे सोच में एकतरफापन, हमारी अपरिपक्वता और दूसरे की वास्तविकता को न समझ पाने की अक्षमता ही प्यार को एकतरफा बनाती है। कई बार एक व्यक्ति अपने मन के भावों को दूसरे पर थोपता है और जब दूसरा व्यक्ति अपनी सीमाओं में रहकर हिलने की कोशिश करता है, तो थोपने वाला खुद को महत्वहीन समझने लगता है।

    इस संदर्भ में, “थोपना” एक नकारात्मक शब्द है, जो हमें समझाता है कि किसी के लिए कुछ करने के कई कारण हो सकते हैं। यह जरूरी नहीं कि जो हम कर रहे हैं, वह दूसरे के लिए खुशी का कारण बने। हमें यह समझने की जरूरत है कि हमारी भावनाएं एकतरफा न हों।

    जब हम अपने वजूद को मिटाकर किसी और के लिए जीते हैं, तो कई बार हम खुद को ही दयनीय स्थिति में लाकर रख देते हैं। इस तरह का आत्म-केंद्रित भाव, दूसरे के लिए बंधन बन सकता है।

    संवेदनशील लोग अक्सर यह मान लेते हैं कि वे जितना कुछ कर रहे हैं, वह दूसरे को खुश करने के लिए पर्याप्त है। ऐसे लोग यह नहीं समझ पाते कि उनके प्रेम के बोझ तले दूसरा व्यक्ति दब सकता है। इसलिए, यह जरूरी है कि हम दूसरों के लिए जीने के बजाय, खुद के लिए जीना सीखें।

    जब आप खुद से प्यार करना सीखेंगे, तब आपको यह एहसास होगा कि प्यार एकतरफा नहीं होता। प्रेम में तो सृष्टि प्रेममय हो जाती है। प्यार एकात्मक हो सकता है, लेकिन एकतरफा नहीं।

    इसलिए, प्रेम की इस गहराई को समझें और इसे अपनी जिंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाएं।

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